Post Viewership from Post Date to 07-Aug-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2625 611 3236

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

क्या अबू नाले के पुनर्वास और सुधार से दूर की जा सकती है मेरठ में जलभराव की समस्या?

मेरठ

 11-07-2023 09:31 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

हमारा शहर मेरठ कृषि के साथ साथ औद्योगिक केंद्र भी है। मेरठ शहर तीन मंडलों- मवाना, सरदाना और मेरठ में विभाजित है। मेरठ पूर्व में गंगा और पश्चिम में हिंडन नदी से घिरा हुआ है। 2011 की जनगणना में मेरठ की जनसंख्या 3.4 मिलियन थी। जिसमें तेजी से हो रहे विकास और औद्योगिकरण की वजह से आस-पास के गांव और कस्बों के लोग शहर में आकर बसने के कारण दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है।
लेकिन फिर भी जनसंख्या में वृद्धि और विकास होने के बावजूद हमारे मेरठ शहर की कुछ समस्याएं ऐसी हैं जो आज तक ज्यों की त्यों बनी हुई है। उदाहरण के लिए, बरसात के मौसम में शहर की सड़कों और गलियों में पानी भर जाना। इस बार की बारिश ने पिछले हफ्ते मेरठ की जल निकास व्यवस्था की पोल खोल दी। बारिश के चलते नालियां टूटी होने से पानी भरने के कारण मेरठ के कई इलाकों और गांवों में बिजली 5 से 10 घंटो तक गायब रही। वहीं बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर का भी यही हाल रहा। भारी बारिश के पानी के तेज बहाव के कारण मेरठ के हस्तिनापुर और बिजनौर को जोड़ने वाले पुल की सड़क बह गई। हालांकि प्रशासन से प्रश्न किए जाने पर अधिकारी अपना वही पुराना रोना रोने बैठ गए। जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने कहा “जांच शुरू की जा चुकी हैं, किंतु संशोधित अनुमानित धनराशि को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है । जिसकी वजह से सुरक्षा नियम का इंतजाम नहीं किया जा सका और भारी बारिश के कारण पहुंच मार्ग फिर से टूट गया। हमने जल्द से जल्द राशि जारी करने का अनुरोध किया है ताकि पहुंच मार्ग ठीक किया जा सके।” बारिश के पानी से पटेल नगर, जल कोठी, माधवपुरम, ब्रह्मपुरी, इस्लामाबाद, ताला फैक्ट्री, जाहिर रोड, प्रहलाद नगर और गोलकुआं में नालियां भर गई हैं और बरसात का पानी सड़कों पर आ गया है। वहीं, हमारे शहर के मेयर (City Mayor) हरिकांत अहलूवालिया ने बताया कि नालियां जाम होने की शिकायतें मिल रही हैं और सफाई कार्य चल रहा है। किंतु प्रश्न उठता है कि नालियां साफ कराने का कार्य मॉनसून के आने से पहले ही पूरा क्यों नहीं कराया जाता? वहीं खुर्जा शहर में भारत किसान यूनियन (महाशक्ति) के कार्यकर्ताओं ने गांवों में लंबी बिजली काटे जाने, कटे तारों और ट्रांसफार्मर खराब होने के विरोध में प्रदर्शन किया। आने वाले दिनों में भारी बारिश होने के अनुमान ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। लोगों को भय सता रहा है कि जब एक दिन की बारिश में यह हाल हुआ है तो अगर कई दिनों तक बारिश हुई तो क्या होगा!
दूसरी तरफ ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ के मुताबिक, मेरठ में सभी नालों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर से काफी ऊपर पाया गया है। नालों में प्रदूषण के कारण काली नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। अतः ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’ ने सुझाव दिया है कि नालों के प्रदूषण को कम करने के उपाय किए जाने चाहिए। नालों में प्रदूषण कम होगा, तो काली नदी में भी प्रदूषण में कमी आएगी। ‘केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट’ (2012) के अनुसार, मेरठ में कई नाले हैं जो अपना अपशिष्ट जल काली नदी में प्रवाहित करते हैं। अबूनाला 1 का औसत बीओडी (Biochemical oxygen demand (BOD) 113 मिलीग्राम/लीटर (Mg/litre) है और बीओडीभार (BOD Load) 5650 किलोग्राम/दिन (Kg/per day) है। और यह मात्रा जल में सड़े हुए पौधे, इंसान और जानवरों का अपशिष्ट, और अन्य जैविक कचरा डालने की वजह से लगातार बढ़ रही है। अबू नाला 2 शहर का सबसे ज्यादा अनुपचारित सीवेज वहन करता है, जिसका कुल बीओडी (BOD) है 20304 किलोग्राम/दिन है। जबकि स्लॉटर हाउस (Slaughter house) नाले में, जिसे ओडियन (Odean) नाला भी कहते हैं, बीओडी (BOD) की मात्रा सबसे ज्यादा 72800 किलोग्राम/दिन है। इस नाले में सबसे ज्यादा कचरा बूचड़खाने (स्लॉटर) का ही आता है। छोइया नाले में औसत बीओडी 62886 किलोग्राम/दिन है। इस नाले में ज्यादातर अपशिष्ट जल उद्योगों से जाता है। मेरठ विकास प्राधिकरण (Meerut Development Authority (MDA) का कहना है कि मेरठ शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अबू नाले को पुनः स्थापित करने एवं सुधार की जरूरत है। अतः अब नाले की पर्यावरणीय स्थिति को बहाल करने और इसे प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से ताकि यह जलीय पर्यावरण का समर्थन कर सके, मेरठ विकास प्राधिकरण ने अबू नाले के पुनर्वास और सुधार का प्रस्ताव रखा है। काली नदी में मिलने वाले इस नाले को प्रदूषण मुक्त किया जाएगा जो आखिर में कन्नौज के पास गंगा नदी में मिलती है। अबू नाला पुनर्ग्रहण का मकसद पर्यावरण की स्थिति में सुधार करना है ताकि कचरा नाले में न फेका जाए, लोग खुले में शौच ना करे। एमडीए ने कहा है कि इसके अलावा, नाले को दोनों ओर से सौंदर्य की दृष्टि से सुखद बनाने का प्रयास किया जाएगा। लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, प्रस्तावित परियोजना में नाले से सीवेज को अलग किया जाएगा, नाले की लाइनिंग के साथ-साथ बारिश के पानी के निपटान के लिए कैचबेसिन (catch basins) की व्यवस्था की जाएगी, ताकि बारिश के पानी में से जितना भी सीवेज है वो वही रुक जाए और पानी नाली में बह जाए, नियमित अंतराल पर स्क्रीन की व्यवस्था होगी, नाले के किनारे लैंडफिल साइटों का प्रावधान जैसी व्यवस्था शामिल होंगी।
कुछ स्थलों पर मल्टीलेवल पार्किंग (Multi-level parking) और सामुदायिक पार्कों की व्यवस्था की जाएगी। नाले के सुधार का कार्य सरधना रोड से काली नदी तक (18.7 किमी) होगा। इसमें हाइड्रोलिक उत्खनन (Hydrolic excavator) द्वारा नाले से गाद निकाला जाएगा। प्रस्तावित नाले में ऊंची ढलान बनाई जाएगी ताकि पानी रुके नहीं। नाले के दोनों ओर एमएस बाड़ लगाने की व्यवस्था की जाएगी; नाले के किनारे पैदल चलने की व्यवस्था की जाएगी; मौजूदा पुलों और पुलियों को मजबूत किया जाएगा और नए पुलों का निर्माण भी होगा और साथ ही वृक्षारोपण भी किया जाएगा। हालांकि सबसे पहले नाले से सीवेज को अलग करने का कार्य किया जाएगा। जमीन के अंदर नाले के एक तरफ मुख्य सीवर और दूसरी तरफ उप मुख्य सीवर लगाया जाएगा और दोनों को जोड़ा जाएगा। कॉम्पैक्ट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Compact Sewage Treatment Plant) भी लगाया जाएगा जिससे सीवेज का पहले ही उपचार किया जा सके। कुछ दूरी पर बार स्क्रीन बनाई जाएगी, ताकि कठोर अपशिष्ट नाली में ना जाए। मेरठ में कई जगह पर ठोस अपशिष्ट के ढेर लगे हुए पाए गये हैं, इसीलिए नाले के किनारों पर लैंडफिल साइट बनाई जाएगी, ताकि ठोस अपशिष्ट को सही तरीके से संभाला जा सके। उन लैंडफिल साइट को घास से ढक दिया जाएगा ताकि सुंदरता भी बढ़े।

संदर्भ:
https://tinyurl.com/Hindustan-Times-1
https://tinyurl.com/Pollution-1
https://tinyurl.com/Meerut-12
https://www.meerutonline.in/city-guide/geography-of-meerut

चित्र संदर्भ
1. सीवेज सिस्टम प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wel.cigar)
2. बारिश के बाद जलभराव को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. खुले में बहते नाले को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. मानसून के दौरान सड़कों को दर्शाता चित्रण (PixaHive)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • जानें भारतीय उपमहाद्वीप में पहली दर्ज राज्य-स्तरीय सभ्यता, कुरु साम्राज्य के बारे में
    ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

     22-10-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, तंजावुर गुड़ियों के पीछे छिपे विज्ञान और सांस्कृतिक धरोहर का महत्व
    हथियार व खिलौने

     21-10-2024 09:27 AM


  • आइए देखें, कृत्रिम बुद्धिमत्ता में सांख्यिकी कैसे बनती है सहायक
    संचार एवं संचार यन्त्र

     20-10-2024 09:26 AM


  • चीन के दुर्लभ विशाल सैलामैंडर को क्यों एक स्वादिष्ट भोजन मान लिया गया है?
    मछलियाँ व उभयचर

     19-10-2024 09:18 AM


  • राजस्थान के बाड़मेर शहर का एप्लिक कार्य, आप को भी अपनी सुंदरता से करेगा आकर्षित
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:22 AM


  • मानवता के विकास में सहायक रहे शानदार ऑरॉक्स को मनुष्यों ने ही कर दिया समाप्त
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:24 AM


  • वर्गीकरण प्रणाली के तीन साम्राज्यों में वर्गीकृत हैं बहुकोशिकीय जीव
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:27 AM


  • फ़िल्मों से भी अधिक फ़िल्मी है, असली के जी एफ़ की कहानी
    खदान

     15-10-2024 09:22 AM


  • मिरमेकोफ़ाइट पौधे व चींटियां, आपस में सहजीवी संबंध से, एक–दूसरे की करते हैं सहायता
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:28 AM


  • आइए देखें, कैसे बनाया जाता है टूथपेस्ट
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:16 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id