Post Viewership from Post Date to 30-Jun-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2368 525 2893

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

रज़ा लाइब्रेरी व् अन्य संग्रहालयों का गठजोड़, भौतिक स्थान से परे ज्ञान व् संस्कृति का एकीकरण

मेरठ

 18-05-2023 10:57 AM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी (Raza Library) को निर्विवाद रूप से, दक्षिण एशिया के सबसे महत्वपूर्ण पुस्तकालयों में से एक माना जाता है। इस पुस्तकालय में शैक्षित तौर पर, इंडो-इस्लामिक पांडुलिपियों, ग्रंथों, दुर्लभ पुस्तकों तथा कलाओं का एक अमूल्य संग्रह भी मौजूद है। हालांकि रामपुर की रज़ा लाइब्रेरी, यह प्रदर्शित करने में सफल रही कि पुस्तकालय अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखते है, लेकिन पुस्तकालयों और संग्रहालयों को जोड़ने के कई फायदे भी हैं।
19वीं शताब्दी में संग्रहालयों की स्थापना के साथ ही पुस्तकालय इन संस्थानों का एक महत्वपूर्ण घटक बन गए हैं। उदाहरण के लिए, बोस्टन संग्रहालय (Boston Museum) में 1875 में एक पुस्तकालय बनाया गया, और न्यूयॉर्क (New York) में मेट्रोपॉलिटन संग्रहालय (Metropolitan Museum) के संस्थापकों ने भी पुस्तकालय को संग्रहालय का अभिन्न अंग माना। 1852 में स्थापित जर्मन राष्ट्रीय संग्रहालय (German National Museum) ने भी जर्मन कला के इतिहास का दस्तावेजीकरण करने के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना की। प्रारंभ में, संग्रहालय पुस्तकालयों (Museum Libraries) ने मुख्य रूप से संग्रहालय के भीतर रखी वस्तुओं से जुड़े दस्तावेज़ीकरण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया। ये पुस्तकालय आमतौर पर संग्रहालय के कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए जाते थे और आम जनता के लिए सुलभ नहीं थे। कई संग्रहालय आज भी पुस्तकालयों को निजी संग्रह के रूप में बनाए रखते हैं।
हालांकि, समय के साथ कुछ संग्रहालयों के संस्थापकों ने अनुभव किया कि, स्थानिक सीमाओं के कारण, वे भौतिक रूप से केवल कुछ ही वस्तुओं या कलाकृतियों तक, सीमित रह सकते हैं। इसलिए इन वस्तुओं का व्यापक रूप से अध्ययन प्रदान करने हेतु, पुस्तकालयों को संग्रहालय के वस्तु संग्रह के प्रदर्शन के रूप में विकसित किया गया। समय के साथ संग्रहालय पुस्तकालयों में ऐसी पुस्तकें भी एकत्र की गई जो एक ही प्रकार की सैकड़ों और वस्तुओं को चित्रित करती थीं।
लंदन (London) में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय (Victoria & Albert Museum), इस तरह के एक संग्रहालय पुस्तकालय का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है। 1837 में, ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश डिज़ाइन (British Design) में कथित कमियों को दूर करने के लिए, एक स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन (School Of Design) की स्थापना की। स्कूल ने विभिन्न शिल्पों में कारीगरों को शिक्षित करने के लिए वस्तुओं और सचित्र पुस्तकों का संग्रह करना शुरू किया। नियुक्त किया गया पहला स्टाफ सदस्य लाइब्रेरियन (Librarian) था, जो अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई पुस्तकों के महत्व पर जोर देता था।। वस्तुओं, संरक्षण प्रथाओं और प्रदर्शनी डिजाइन के बारे में अनुसंधान जानकारी प्रदान करने के अलावा, संग्रहालय पुस्तकालय एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य की भी पूर्ति करते हैं। दरअसल वे आगंतुकों को प्रदर्शित वस्तुओं के साथ-साथ संबंधित वस्तुओं (जो प्रदर्शन में मौजूद नहीं हैं) के बारे में भी मुद्रित जानकारी प्रदान करते हैं। संग्रहालय पुस्तकालय वस्तुओं की पृष्ठभूमि में गहराई तक जाने, उनके रचनाकारों के बारे में जानने और उस ऐतिहासिक काल या उस क्षेत्र के बारे में व्यापक ज्ञान प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं। इस प्रकार, संग्रहालय पुस्तकालय अपने भौतिक स्थान से परे एक संग्रहालय की सीमाओं का विस्तार करते हैं।
संग्रहालय के पुस्तकालयों में अन्य प्रकार के पुस्तकालयों की तुलना में प्रथाएँ काफी विशिष्ट होती हैं। वे व्यापक कैटलॉग संग्रह (Extensive Catalog Collection) को प्राथमिकता देते हुए, सक्रिय रूप से अन्य संग्रहालयों से भी कैटलॉग एकत्र करते हैं। ऐसा करके उन्हें महत्वपूर्ण मात्रा में प्रलेखन को संरक्षित करने की अनुमति मिल जाती है, जो राष्ट्रीय स्मृति को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संग्रहालय पुस्तकालय, अक्सर प्रदर्शनी आमंत्रणों, प्रेस कतरनों (Press Clippings) और अन्य संबंधित सामग्रियों को बनाए रखते हैं, जिन्हें अन्य पुस्तकालय महत्वपूर्ण नहीं मानते हैं। संग्रहालय पुस्तकालयाध्यक्ष, इन सामग्रियों के मूल्य को व्यक्तिगत रूप से सूचीबद्ध करके, उन्हें विभिन्न संग्रहालय विभागों के लिए सुलभ बनाते हैं।
जहां कई लोग पुस्तकालयों और संग्रहालयों के संयोजन के विचार का समर्थन करते हैं, वहीं कई लोग इस विचार की आलोचना भी करते हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि यह एकीकरण, केवल एक मार्केटिंग (Marketing) या विपणन रणनीति है और इससे संस्थानों के बीच अंतर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वहीँ कई अन्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि विशेष रूप से पेशेवर प्रशिक्षण के माध्यम से पुस्तकालयों और संग्रहालयों को एक साथ लाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने चाहिए। हालांकि, अभिसरण (पुस्तकालयों और संग्रहालयों को एक साथ लाने) में शामिल चुनौतियों और जोखिमों के बारे में कई चिंताएं हैं। अभिसरण की वास्तविकता और सांस्कृतिक विरासत पर इसके प्रभाव को समझने के लिए और अधिक शोध की भी आवश्यकता है। पुस्तकालयों और संग्रहालयों का भौतिक विलय रुचि का विषय है, लेकिन इस विषय पर शोध अभी भी सीमित ही है। संग्रहालय हमारे समुदायों के कल्याण और सतत विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रत्येक वर्ष 18 मई को अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 का अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस "संग्रहालय, स्थिरता और भलाई" के विषय पर केंद्रित होगा। इस विषय के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को सम्बोधित करने, सामाजिक अलगाव को दूर करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने जैसे प्रयास किये जायेंगे।

संदर्भ
https://bit.ly/3Wa4Qwq
https://bit.ly/3W8cJm5
https://bit.ly/3MysRKb

 चित्र संदर्भ
1. एक मदनिका की प्रतिमा और रज़ा लाइब्रेरी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. बोस्टन, मैसाचुसेट्स में ललित कला संग्रहालय, को दर्शाता एक चित्रण (Picryl)
3. लंदन-विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय-पुस्तकालय को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. ब्रिटिश संग्रहालय पुस्तकालय को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id