Post Viewership from Post Date to 28-Jan-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1857 823 2680

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अच्छी खबर है कि भारतीय कला क्षेत्र में अब युवाओं को उपलब्ध है असीमित रचनात्मक पेशे

मेरठ

 28-12-2022 12:14 PM
द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भारत एक ऐसा देश है जहां युवा पीढ़ी को रचनात्मक क्षेत्रों की तुलना में वैज्ञानिक और शैक्षणिक गतिविधियों के प्रति अधिक प्रोत्साहित किया जाता है। हम सभी ने प्रतिभाशाली लोगों के "बोर्ड परीक्षा" या "अतिरिक्त ट्यूशन" के लिए नृत्य या संगीत छोड़ने के बारे में कहानियां सुनी हैं। लेकिन आज भारत में कला क्षेत्र के बारे में लोगों के विचार बदल रहे हैं। भारत में आज कला के क्षेत्र में असीमित रचनात्मक अवसर उपलब्ध है। रचनात्मक और कला क्षेत्रों में कला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए कोई पेशा ढूंढना न केवल संतोषजनक है, बल्कि आज इसकी अत्यधिक मांग भी है। अगर हमारी पृष्ठभूमि कला और डिजाइन से है तो उसकी भी बहुत मांग है।
एक ललित कला की डिग्री कला उद्योग में कई नौकरी के अवसरो के दरवाजे हमारे लिए खोल सकती है। कलाकारों से लेकर कला संचालकों तक, कला घरों में पेशे, संग्रहालयों और नीलामी घरों के साथ-साथ शिक्षण में कला के पेशे, तथा अन्य कार्यस्थलों पर भी कला से संबंधित पेशों की असंख्य संभावनाएं हैं। एक कलाकार की स्वाभाविक पसंद स्वतंत्र रहना होता है, लेकिन ऐसे कई कलाकार हैं जो व्यक्तिगत से लेकर पेशेवर और वित्तीय स्थिरता तक विभिन्न कारणों से वैकल्पिक नौकरियों की तलाश करते हैं। आजकल तो फ्रीलांसिंग(freelancing)का भी बोलबाला है, जिसमे कोई व्यक्ति प्रति-कार्य के अनुसार कमाता है। अच्छी खबर यह है कि ‘कला’ बाजार में अब एक बड़ी जगह है और इसकी सहायक सेवाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं एवं तेज गति से बढ़ रही हैं। इसलिए, उद्योग के भीतर भी अवसर बढ़े हैं, जो एक स्थिर आय की पेशकश कर सकते हैं। कलाघर या दीर्घाए, संग्रहालय और नीलामी घर संग्रहाध्यक्ष, मूल्यांकक और पुरालेखपाल के साथ-साथ अनुसंधान और सूचीकरण, कला प्रबंधन, प्रचार, संरक्षण और शिक्षा में रोजगार आदि कला क्षेत्र के अवसर हैं। कला समीक्षक, सलाहकार, शिक्षक, चिकित्सक और पुनर्स्थापक आदि के रूप में कुछ अन्य नौकरियों की संभावनाएं हैं, जिनमें से सभी एक कलाकार को स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति देते हैं या दीर्घाओं/कलाघरो और संग्रहालयों से जुड़े होने की संभावना रखते हैं। इनके अलावा, एक कलाकार, डिज़ाइनर (Designer), फ़ोटोग्राफ़र (Photographer) या व्यावसायिक रूप से विज्ञापन एजेंसियों में चित्र देने वाला या किसी अन्य कंपनी के साथ काम कर सकता है, जिन्हे ऐसे कर्मचारी की आवश्यकता होती है।
एक ललित कला की डिग्री दृश्य विक्रेता के रूप में, फिल्मों और थिएटर में एक सेट डिजाइनर (Set Designer) के रूप में, गेमिंग (Gaming) और डिजिटल मीडिया में एक एनिमेटर (Animator), डिजाइनर या एक डिजिटल कलाकार के रूप में भी पेशे दिला सकती है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त विशेषज्ञता या काम पर प्रशिक्षण शामिल हो सकता है। उदाहरण के लिए, ग्राफिक डिजाइन, एनीमेशन या स्पेशल इफेक्ट्स (Special effects) के कलाकार को विशिष्ट कौशल, शायद एक अतिरिक्त योग्यता और प्रौद्योगिकी में रुचि की आवश्यकता होगी। एक कला इतिहासकार या एक कलाकार, कला और वास्तुकला विद्यालयों में अंशकालिक या पूर्णकालिक अध्यापन भी कर सकता है। इन सभी पेशों के साथ ही आज कला के क्षेत्र में कला नीलामी को एक अच्छी घटना के रूप में वर्णित किया जा सकता है। किसी कलाकृति को बेचने के लिए उसकी नीलामी प्रक्रिया नीलामी घर द्वारा अपना काम लेने और उनकी रचनाओं के खिलाफ आधार मूल्य तय करने के साथ शुरू होती है। अंतिम बोली नीलामी घर के तल पर ही की जाती है। एक कलाकर नीलामी घर के भीतर विभिन्न भूमिकाओं में जैसे कि कला के लिए एक बाजार बनाने में मदद करने के लिए एक विशेषज्ञ, नीलामकर्ता, सलाहकार, व्यवसाय विकासक या प्रशासनिक प्रक्रिया के रूप में भी काम कर सकता है । इस उद्योग में समय के साथ अनुभव और ज्ञान का निर्माण होता है।
वहीं दूसरी ओर भारत में कला से संबंधित एक और परिप्रेक्ष्य भी प्रचलित है,और वह है,युवा भारतीय कलाकारों को रूढ़ियों के खिलाफ लगातार लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है। आज भी अधिकांश कलाकार अपने-अपने क्षेत्र में अपना नाम बनाने के लिए कठोर परिश्रम कर रहे हैं। सभी कलाकारों के बीच एक चीज सामान्य होती है, वह है उनका जुनून और प्रेरणा, फिर से उठने और खुद को साबित करने की उनकी लगन। लेकिन इन कलाकारों को समाज में वर्जनाओं और रूढ़ियों की कुछ बाधाओं से गुजरना पड़ता है। उनसे उनके व्यवसाय के बारे में पूछा जाता है और जब वे उत्तर देते है “मैं एक फोटोग्राफर/डांसर/पेंटर/ड्रमर हूं।” तो प्रति प्रश्न के रूप में मुझे एक दूसरा सवाल पूछा जाता है (एक ऐसा सवाल जिसका लगभग हमेशा प्रत्येक कलाकार ने सामना किया होगा ),– ‘ओह और आप इससे अपना जीवन यापन कैसे करते हैं?’ एक विशिष्ट, शैक्षिक-उन्मुख समाज में हम यह मानने लगे है कि कला केवल एक शौक हो सकती है या “वास्तविक नौकरी” का पूरक हो सकती है। नृत्य या संगीत वाद्ययंत्र बजाने की क्षमता जैसी कलात्मक उपलब्धि की यहाँ बहुत सराहना की जाती है, लेकिन आपको अंत में वकील या डॉक्टर बनना ही बनना होता है।
कला के प्रति इस पाखंडी व्यवहार की जड़ इस पेशे की छवि से उपजती है। यह एक धारणा है कि कलाकार जर्जर, असंगठित लोग होते हैं, जिनकी वास्तविक जीवन की कोई महत्वाकांक्षा नहीं होती है। उन्हें आलसी और अशांत या उपेक्षित बचपन का उत्पाद माना जाता है। एक और बहुत परेशान करने वाली बात जो लोग कलाकारों के बारे में मानते हैं वह यह है कि वे एक समृद्ध पृष्ठभूमि से आते हैं। और “कैसे उनके पास सपने देखने और अपनी इच्छा के अनुसार वास्तविक व्यापार का अध्ययन किए बिना ऐसा करने की विलासिता होगी ?” यह प्रश्न भी लोग आमतौर पर सोच लेते हैं। रचनात्मक लोग अत्यधिक कुशल होते हैं, और कई बार उनके पास पेशेवर प्रशिक्षण की कमी होती है। लेकिन हमारे समाज में, जहां शिक्षा निहित क्षमताओं और प्राकृतिक कौशल की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, बिना पेशेवर प्रशिक्षण वाले कलाकारों को अक्सर शौकिया और इसे बड़ा बनाने में असमर्थ होने के कारण दूर कर दिया जाता है। साथ ही सभी कलाकारों की आत्म विनाशकारी, नशीली दवाओं के व्यसनी और स्वच्छंद होने की छवि को मीडिया द्वारा व्यापक रूप से लोकप्रिय बनाया गया है।
हां, यह विचार करने योग्य बात तो जरूर है कि भारत में कलाकारों को क्यों कम प्रोत्साहन दिया जाता है ?परंतु हम आज की घड़ी में ऐसा विश्वास रख सकते है कि कुछ दिनों में यह परिप्रेक्ष्य बदल जाएगा तथा यह कलाकारों की सराहना करेगा। दूसरी सकारात्मक बात यह है कि भारत में आज कला क्षेत्र में पेशे के तौर पर कौन से अवसर उपलब्ध है।

संदर्भ–

https://bit.ly/3uZAX52
https://bit.ly/3hxTyCh
https://bit.ly/3jdWyUP
https://bit.ly/3YvXlk4

चित्र संदर्भ

1.ऑनलाइन कलाकारी करते चित्रकार को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. फ्रीलांसिंग(freelancing) कला को दर्शाता एक चित्रण ( Stockvault)
3. डिजिटल कला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. वर्क फ्रॉम होम को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, यूपी बोर्ड से लेकर आई बी तक, कौन सा विकल्प है छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     11-11-2024 09:35 AM


  • आइए, आनंद लें, काबुकी नाट्य कला से संबंधित कुछ चलचित्रों का
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     10-11-2024 09:32 AM


  • एक प्रमुख व्यावसायिक फ़सल के रूप में, भारत में उज्जवल है भविष्य, गन्ने का
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:30 AM


  • पारिस्थितिकी तंत्र के लिए, अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, 'रामसर सूची' में नामित आर्द्रभूमियाँ
    जंगल

     08-11-2024 09:26 AM


  • प्रोटॉन बीम थेरेपी व ट्रूबीम थेरेपी हैं, आधुनिक कैंसर उपचारों के नाम
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:23 AM


  • आइए जानें, धरती पर क्या कारनामे कर रहा है, प्लूटोनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:15 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id