Post Viewership from Post Date to 24-Sep-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3696 38 3734

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

हर उम्र के भारतीय की पसंदीदा एटलस साइकिल

मेरठ

 25-08-2022 10:46 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

एटलस साइकिल देश की सबसे पुरानी साइकिल कंपनियों में से एक है। इस कंपनी ने वर्ष 1951 में मात्र 12 माह की अवधि में सोनीपत, हरियाणा में 25 एकड़ में फैले कारखाने से अपना निर्माण कार्य आरंभ किया था। श्री जानकी दास कपूर जी के द्वारा स्थापित इस साइकिल कंपनी ने वर्षों तक भारतीयों की पसंदीदा साइकिल का उत्पादन किया है।
धीरे-धीरे इस कंपनी का विस्तार विदेशों तक भी खूब फैला। इस कंपनी के 14 अलग-अलग राज्यों में 600 से अधिक स्टोर हैं। वर्ष 1965 में एटलस ने भारत में साइकिल के सबसे बड़े निर्माता की ख्याति प्राप्त की। इस कंपनी को इटली के गोल्ड मर्करी इंटरनेशनल अवार्ड (Gold Mercury International Award), बेस्ट इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Best Industrial Relations) के लिए एफआईसीसीआई अवार्ड (FICCI Award) और निर्यात उत्कृष्टता के लिए ईईपीसी अवार्ड (EEPC Award) सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। वर्ष 1951 में जानकी दास कपूर और जयदेव कपूर के बेटे ने पारिवारिक व्यवसाय को संभालते हुए इस कंपनी को सफलता की और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 4 लाख प्रतिवर्ष साइकिल उत्पादन क्षमता के साथ एटलस कंपनी ने अपने इतिहास के कुछ अत्यंत संपन्न वर्षों को देखा। एटलस अपनी गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विश्व भर में विख्यात थी। इस कंपनी ने अपनी स्टील ट्यूब की आवश्यकता की आपूर्ति के लिए गुड़गांव में एक स्टील ट्यूब मिल भी स्थापित की।
वर्ष 1978 में अपनी पहली रेसिंग साइकिल को प्रस्तुत करने के बाद एटलस एक प्रचलित ब्रांड बन गया। इसके बाद 1982 में राजधानी दिल्ली में हुए 9वें एशियाई खेलों के लिए एक आधिकारिक साइकिल आपूर्तिकर्ता बन गया। यह कंपनी सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए साइकिल का उत्पादन करती थी। वर्ष 1989 में एटलस समूह का अंतिम परिचालन और देश का सबसे बड़ा संयंत्र स्थापित किया गया। इस संयंत्र में दो लाख से अधिक साइकिलों का उत्पादन प्रतिमाह किया जाता था। हालांकि ऑटोमोबाइल उद्योग में आधुनिक विकास के फलस्वरुप एटलस कंपनी को काफी हानि का सामना करना पड़ा।
एटलस को वर्ष 2014 से घाटा होना आरंभ हुआ था और कोविड-19 महामारी ने इस कंपनी को समाप्ति की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। जिसके चलते सर्वप्रथम, दिसंबर 2014 में, इस कंपनी ने मध्य प्रदेश में स्थित अपनी मालनपुर इकाई को बंद कर दिया और उसके बाद वर्ष 2018 में, इसने अपनी सोनीपत, हरियाणा में स्थित इकाई में विनिर्माण को बंद कर दिया था। 3 जून 2020 को विश्व साइकिल दिवस के ही दिन एटलस कंपनी ने वित्तीय बाधाओं के चलते उत्तर प्रदेश राज्य के साहिबाबाद शहर में अपनी अंतिम विनिर्माण इकाई को बंद कर दीया। और इसी के साथ 60 से अधिक वर्षों पुरानी एटलस कंपनी की विरासत समाप्त हो गई। हालांकि एटलस कंपनी के सीईओ एनपी सिंह राणा ने इस शटडाउन (Shutdown) को अस्थाई बताया है। उनके अनुसार, कंपनी अधिशेष भूमि बेचकर लगभग 50 करोड़ रुपये जुटाने में सक्षम होने के बाद परिचालन फिर से शुरू करेगी। राणा आगे बताते हैं कि सभी कर्मचारी कंपनी का हिस्सा हैं और कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं किया गया है और ना ही उनका रोजगार बंद किया गया है बल्कि छटनी के कानून के एक प्रावधान के अनुसार लोगों को अपनी उपस्थिति पर हस्ताक्षर करने के लिए दिन में एक बार कंपनी में आना पड़ता है। इसलिए वर्तमान में वे कंपनी के रोल में हैं और उन्हें अपना रोजगार मिलता रहेगा। उन्हें उनकी अवधि के लिए ले-ऑफ वेतन दिया जाएगा। एनपी सिंह राणा जी का कहना है कि “मांग कोई समस्या नहीं है, बाजार बहुत अच्छा है। हमारे पास एक बहुत मजबूत डीलर और आपूर्तिकर्ता आधार है। हम 70 साल पुराने ब्रांड हैं और बाजार में बहुत अच्छी तरह से स्वीकार किए जाते हैं। हम बाजार में अवश्य वापसी करेंगे।“
साइकिल उद्योग का समर्थन दो समूहों द्वारा किया जाता है: ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) (All India Cycle Manufacturers’ Association (AICMA)) और यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स (यूसीपीएमए) (United Cycle and Parts Manufacturers (UCPMA))। यह दोनों संघ साइकिल और साइकिल पुर्जों के निर्माताओं को संस्थागत/समर्थन प्रदान करते हैं। AICMA बड़े पैमाने पर भारतीय साइकिल निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करता है, जो देश के कुल साइकिल उत्पादन का 85% का उत्पादन करते हैं।
सदस्य कंपनियों के हितों की रक्षा करना, भारत में साइकिल को बढ़ावा देना, भारत में साइकिल के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का समर्थन करना, भारतीय साइकिल उद्योग के समग्र विकास का समन्वय करना और नवाचार की अगुवाई के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करना इस संघ के उद्देश्यों में शामिल हैं। यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन 2250 से अधिक सदस्यों के साथ दुनिया भर में मौजूद सबसे बड़े संघों में से एक है। एसोसिएशन का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय साइकिल उद्योग के निरंतर विकास को लाना है। इसके अलावा सदस्यों के सामान्य हितों की रक्षा करने, मुख्य चुनौतियों और आवश्यकताओं के बारे में सरकार के साथ संवाद करने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भारतीय साइकिल उद्योग की भागीदारी को बढ़ाने का कार्य करता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3Chdnpr
https://bit.ly/3QJTTyc
https://bit.ly/3Ka3Ou5

चित्र संदर्भ
1. एटलस साइकिल के विज्ञापन को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. छत में खड़ी एटलस साइकिल को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. एक पुरानी एटलस साइकिल को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. एटलस गोल्डलाइन सुपर सैडल साइकिल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia) 

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id