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रामपुर की महिलाओं का ऐतिहासिक दर्पण है, पुस्तक द बेगम एंड द दास्तान

मेरठ

 22-11-2021 09:37 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

पुस्तकें समाज का दर्पण होती हैं। पुस्तकों के माध्यम से लेखक हमें न केवल समाज में घटित घटनाओं से अवगत कराते हैं, बल्कि हमें उन घटनाओं के पीछे निहित समाज की मानसिकता से भी रूबरू कराते हैं। उदाहरण के तौर पर हम भारतीय लेखिका तराना हुसैन खान (TARANAHUSAIN KHAN) द्वारा लिखित पुस्तक "द बेगम एंड द दास्तान" (The Begum and theDastan) को संक्षेप में समझ सकते हैं। जिसमें 1897 में शेरपुर की रियासत में रहने वाली सुंदर स्त्री फिरोजा बेगम के वास्तविक जीवन से प्रेरित कहानी दर्ज है। जो तत्कालीन समय में रामपुर शहर में महिलाओं की जीवन स्थिति पर ध्यान केंद्रित करती सच्ची घटना है। फिरोजा बेगम की दास्तान को समझने से पूर्व उनकी स्थिति को, शब्दों में उजागर करने वाली लेखिका डॉ तराना हुसैन खान के बारे में जानना जरूरी है।
हमारे शहर रामपुर की मूल निवासी, डॉ तराना हुसैन खान एक पेशेवर लेखक और खाद्य इतिहासकार (food historian) हैं। रामपुर के व्यंजन, संस्कृति और मौखिक इतिहास पर उनके कई लेख ईटन मैग (Eaton Mag), स्क्रॉल (Scroll), द वायर (The Wire) और डेलीओ (Daylio) में भी छपे हैं। उनका ऐतिहासिक उपन्यास, 'द बेगम एंड द दास्तान' ट्रांक्यूबार वेस्टलैंड (Tranquebar Westland) द्वारा प्रकाशित किया गया है। उनका पहला उपन्यास, 'आई एम नॉट ए बिम्बेट' (I'm Not a Bimbette) (2015) और इसका सीक्वल 'साइबर बुलिड (Cyber ​​Bullied)' (2020) जगरनॉट बुक्स (Juggernaut Books) द्वारा प्रकाशित किया गया था। उनके द्वारा रामपुर में विश्व साहित्य पढ़ने को बढ़ावा देने के लिए 2016 में 'रामपुर बुक क्लब ('Rampur Book Club) की स्थापना भी की गई है। उनके द्वारा रामपुर के सांस्कृतिक और पाक इतिहास पर आधारित वेबसाइट (taranakhanauthor.com) भी संचालित की जाती है। उनके द्वारा लिखित “द बेगम एंड द दास्तान” वास्तविक जीवन के पात्रों और घटनाओं से प्रेरित, एक भव्य शहर और उसकी महिलाओं की एक विस्मित कहानी है। कहानी कुछ इस प्रकार है:
वर्ष 1896 या 1897 था, नवाब शम्स अली खान का शासन अभी शुरू हुआ था, और फिरोजा बेगम अपने इक्कीसवें जन्मदिन को मनाने के लिए बेनजीर पैलेस में नवाब द्वारा आयोजित सवानी में शामिल होना चाहती थीं। फ़िरोज़ा एक बहुत ही दृढ़ इच्छाशक्ति वाली और हठी लड़की थी, जो अपने पिता मिया जान खान से बहुत प्यार करती थी। अपने परिवार में वह नीली आँखों वाली इकलौती लड़की थी। उसकी नीली फ़िरोज़ा रत्न की आँखों के आधार पर ही उसका नाम "फ़िरोज़ा" रखा गया था। एक बार वह अपने पिता एवं परिवार की अवहेलना करके नवाब शम्स अली खान के बेनजीर पैलेस में सवानी समारोह में भाग लेने के लिए जाती है। किंतु यहां फ़िरोज़ा का अपहरण कर लिया जाता है, और उसे नवाब के चमचमाते हरम में बंद कर दिया जाता है। उसके अपने पति को उसे तलाक देने के लिए मजबूर किया जाता है। उसके परिवार ने भी उसे अस्वीकार कर दिया है। अखरिकार फ़िरोज़ा को बेमन से नवाब से शादी करनी पड़ती है। इस पुस्तक में फ़िरोज़ा बेगम की पूरी कहानी के दौरान लेखिका तराना खान अपनी बातों से जादू बिखेरती हैं। बेगम और दास्तान 19वीं सदी की उन महिलाओं के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिनका अस्तित्व अक्सर इतिहास की धूल में डूबा और भुला दिया गया है।
वास्तविक घटना पर आधारित यह कहानी शिक्षा देती हैं की, जब तक आप पितृसत्तात्मक राजशाही में रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बेगम हैं या नहीं। पुस्तक में युवा अमीरा अपनी दादी को अपनी परदादी फिरोजा बेगम की कहानी सुनाते हुए सुनती है, जिसका जीवन नवाब के महल की चमक-दमक के पीछे सिमट कर रह गया था, जिसकी कहानी आज भी आधुनिक शेरपुर की महिलाओं में दोहराई जाती है। 19वीं सदी की नवाबी संस्कृति को लेखिका ने बहुत बारीकी से शोध करने के पश्चात प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक के माध्यम से लेखिका के लिए मुख्य चुनौती कुछ ऐसा बनाना है, जो ऐतिहासिक परिवेश में निहित है। पुस्तक के माध्यम से, वह 19 वीं सदी की एक महान महिला की एक गंभीर और हृदयविदारक कहानी बुनती है। जिसे उसके पति और परिवार से अलग कर दिया जाता है, और उसका अपहरण कर लिया जाता है, और शेरपुर के नवाब से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है। हमारे शहर रामपुर का एक गौरवशाली साहित्यिक इतिहास रहा है। यहाँ के कई नवाब और उनकी पत्नियां कुशल कवि और लेखक थीं। उनके शिक्षक मिर्जा गालिब, अमीर मिनाई और दाग देहलवी जैसे प्रसिद्ध कवि थे।

संदर्भ
https://bit.ly/30JqgrF
https://bit.ly/3kSX5JB
https://bit.ly/3cFD5Wl
https://bit.ly/3xatNeD
http://www.taranakhanauthor.com/

चित्र संदर्भ   
1. डॉ तराना हुसैन खान एवं उनके द्वारा लिखित पुस्तक द बेगम एंड द दास्तान को दर्शाता एक चित्रण (youtube ,amazon)
2. रामपुर के सांस्कृतिक और पाक इतिहास पर आधारित वेबसाइट से लिया गया डॉ तराना हुसैन खान का एक चित्रण (taranakhanauthor.com)
3. द बेगम एंड द दास्तान पुस्तक को दर्शाता एक चित्रण (flipkart)

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