छोटे उत्पादकों को अच्छा मुनाफा प्रदान करने में सहायक है स्वादिष्ट लहसुन की खेती

मेरठ

 21-10-2021 05:48 AM
साग-सब्जियाँ

छोटे उत्पादकों के लिए लहसुन की फसल एक आदर्श फसल मानी जाती है, क्यों कि इसे बिना किसी बाधा के आसानी से उगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्यों कि यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी और विभिन्न प्रकार के मौसम में भी आसानी से बढ़ सकता है।इसके अलावा इसकी फसल में नुकसान का प्रायः कम ही अनुभव होता है।इस विशेषता के कारण दशकों से उत्पादकों ने लहसुन को "मोर्ट्गेज लिफ्टर" (The mortgage lifter) यानी क़र्ज़ उतारने वाली फसल का नाम दिया है।
अधिकांश छोटे उत्पादक अपने लहसुन के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करने के लिए "मूल्य वर्धित" विधियों का उपयोग करते हैं, जैसे कि गार्लिक ब्रेड (Garlic braids), फ्रेश गार्लिक ग्रीन (Fresh garlic greens), गार्लिक पाउडर आदि। लहसुन को आमतौर पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रबी की फसल के रूप में उगाया जाता है। चूंकि दुनिया भर के विभिन्न व्यंजनों में इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है, इसलिए लहसुन से सम्बंधित उद्योग भी बढ़ते जा रहे हैं, जिस कारण इसे उत्पादक मोर्टेज लिफ्टर कहते हैं।अदरक और हल्दी की तरह, लहसुन प्राचीन काल से मसाले और औषधि दोनों के लिए एक लोकप्रिय घटक रहा है। चाहे वह एशिया (Asia) हो, यूरोप (Europe) हो या ऑस्ट्रेलिया (Australia), दुनिया भर में लोग खाने से लेकर चिकित्सा लाभ तक विभिन्न कारणों से लहसुन खाते हैं। इसमें विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जो शरीर में एंटीबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं। दूसरे शब्दों में, यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद करता है। लहसुन का पौधा 4 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकता है और फूल पैदा करता है। इसे लैंगिक और अलैंगिक दोनों तरह से प्रचारित किया जा सकता है। कृषिकरण के उद्देश्यों के लिए, लहसुन की लौंग को बोकर अलैंगिक रूप से प्रचारित किया जाता है। भारत में लहसुन की खेती तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में की जाती है। लहसुन एक कंदनुमा फसल है, तथा इसे पानी की तुलना में अच्छी मात्रा में नमी की आवश्यकता होती है। लहसुन की खेती के लिए विभिन्न प्रकार की जलवायु के संयोजन की आवश्यकता होती है। कंद के विकास और वानस्पतिक विकास के लिए इसे ठंडी और नम जलवायु की आवश्यकता होती है, जबकि इसकी परिपक्वता के लिए जलवायु गर्म और शुष्क होनी चाहिए। हालाँकि, लहसुन का पौधा अत्यधिक ठंड या गर्म परिस्थितियों को सहन नहीं कर सकता है। इसके युवा पौधों को 1 या 2 महीने के लिए 20⁰C से कम तापमान में रखना चाहिए, इससे कंद के बनने में तेजी आएगी। किन्तु यदि लंबे समय तक इसकी फसल को कम तापमान में रखा जाए, तो कंदों की उपज कम हो जाएगी। लहसुन की खेती में सबसे बड़ी चुनौती यही है कि इसे सही तरीके से नमी देना अत्यंत आवश्यक है। यदि लहसुन की खेती अच्छी तरह से की जाए तो यह एक बहुत अच्छा कृषि व्यवसाय है। लहसुन की खेती कई मायनों में एक व्यवहार्य व्यवसाय है।भारत में, लहसुन को खरीफ (जून-जुलाई) और रबी (अक्टूबर-नवंबर) दोनों फसल के रूप में उगाया जाता है। यद्यपि लहसुन विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन प्राकृतिक जल निकासी वाली दोमट मिट्टी इस फसल के लिए इष्टतम होती है। यह समुद्र तल से 1200 से 2000 मीटर की ऊंचाई पर उगता है तथा अम्लीय और क्षारीय मिट्टी के प्रति संवेदनशील है। इसलिए 6-8 का ph लहसुन की इष्टतम वृद्धि के लिए उपयुक्त है। लहसुन की खेती के साथ गॉर्मेट गार्लिक (Gourmet Garlic) की खेती का विस्तार भी बढ़ता जा रहा है। गॉर्मेट गार्लिक हर साल अधिक लोकप्रिय और लाभदायक होता जा रहा है। छोटे उत्पादकों के लिए गॉर्मेट गार्लिक सबसे आसान और सबसे अधिक लाभदायक फसलों में से एक है, खासकर तब जब किसी के पास खेती के लिए सीमित क्षेत्र हो। गॉर्मेट गार्लिक सामान्य सुपरमार्केट में बिकने वाले लहसुन की तुलना में बहुत अधिक बिकता है। क्योंकि रोकंबोले (Rocambole), पोर्सिलेन (Porcelain) और पर्पल स्ट्राइप (Purple Stripe) जैसी गॉर्मेट किस्में आसानी से प्राप्त नहीं हो पाती हैं तथा इनका स्वाद इतना अच्छा होता है, कि लोग इन्हें खरीदने के लिए उत्सुक रहते हैं। इसकी सौ से अधिक नामित किस्मों का अपना एक विशेष स्वाद, गुण और उपयोग होता है।यह हर प्रकार के वातावरण में अच्छी तरह से अनुकूलित हो सकती है। हर मौसम में, उत्पादक कंद खरीदते हैं और उनकी लौंग को बोते हैं। ऐसे कई प्रतिष्ठित विक्रेता हैं, जो कंदों की आपूर्ति कर सकते हैं। यदि आप एक उत्पादक के रूप में शुरुआत कर रहे हैं, तो अपनी पहली फसल के बाद आपको उन किस्मों का चयन करना चाहिए जो उत्तम हैं।यदि आप अपने छोटे से बागीचे में भी गॉर्मेट लहसुन उगाते हैं, तो उत्पादक के रूप में अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्यों कि गॉर्मेट लहसुन की किस्मों की कीमतें बहुत अधिक हैं, तथा गहन रोपण से आप प्रति वर्ग फुट में उगाए गए लहसुन से 8 से 10 डॉलर तक कमा सकते हैं।चूंकि गॉर्मेट के कंदों को ढूंढना मुश्किल हो सकता है, इसलिए आप पूर्ण खुदरा मूल्य प्राप्त करने में सक्षम होंगे। गॉर्मेट किस्मों में एलिसिन (allicin) की मात्रा अधिक होती है, और यही वह सक्रिय तत्व है जो स्वास्थ्य के अच्छा बनाए रखने के लिए गॉर्मेट किस्मोंको महत्वपूर्ण बनाता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3aPjceT
https://bit.ly/3n7dIBF
https://bit.ly/2YYLd0K
https://bit.ly/3G3spi3
https://bit.ly/3nea4Gt

चित्र संदर्भ
1. लहसुन की डोरी का एक चित्रण (wikimedia)
2. लहसुन के पेस्ट का एक चित्रण (wikimedia)
3. बेचने हेतु सुखाए गए लहसुन का एक चित्रण (flickr)
4. बिक्री के लिए रखे गए लहसुन का एक चित्रण (wikimedia)

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id