Post Viewership from Post Date to 10-Nov-2024 (5th) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2415 106 2521

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

महंगे होने के बावजूद, लंबी रेस के घोड़े साबित होते हैं, इलेक्ट्रिक वाहन

मेरठ

 05-11-2024 09:42 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
दिवाली के दौरान, रामपुर के बाज़ार, दुल्हन की तरह सजे-धजे दिखाई देते हैं। यदि आपने गौर किया हो तो पिछले दो या तीन सालों के भीतर, इन दुकानों के बीच, इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के दर्जनों छोटे-छोटे शोरूम खुल गए हैं। ये शोरूम, दिवाली के एक महीने पहले से सज जाते हैं। हमारे शहर में तेज़ी के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों के शोरूम की बढ़ती हुई संख्या को देखकर आप भी यह अंदाज़ा लगा सकते हैं कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य कितना उज्ज्वल होने वाला है। व्हीकल डैशबोर्ड (vehicle dashboard) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2024 में भारत में 178,948 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी। पिछले वर्ष की तुलना में, यह 53% की बड़ी वृद्धि है। यानी इस साल, जुलाई 2023 के 116,620 वाहनों की तुलना में, 62,328 ई वी अधिक बेची गईं । इसका मतलब है कि भारत में हर दिन लगभग, 5,772 ई वी बेची गईं । जुलाई 2023 से जून 2024 तक बेची गई कुल ईवी की संख्या 1,703,924 थी। हालांकि, यह संख्या, अभी भी चीन और अमेरिका जैसे देशों की तुलना में कम है। भारत में ई वी की बिक्री कम होने का मुख्य कारण, इनकी ऊंची कीमतें और अच्छे फ़ास्ट चार्जिंग विकल्पों (fast charging options) की कमी है। आज के इस लेख में, हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि सेमीकंडक्टरों (Semiconductors ) की लागत ई वी की कुल कीमत को कैसे प्रभावित करती है। इसके अतिरिक्त, हम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी कुछ समस्याओं और नुकसानों के बारे में बात करेंगे। अंत में, हम यह पता लगाएंगे कि आने वाले समय भारत में पेट्रोल या इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे या नहीं।
इलेक्ट्रिक वाहन या ई वी की महंगी बैटरियाँ, भारत में इन वाहनों के महंगे होने का सबसे बड़ा कारण हैं। भारत में इन बैटरियों का आयात करने पर ज़रूरी मशीनरी और तकनीक बहुत महंगी होती है। इससे कई लोगों के लिए, ई वी खरीदने की कुल लागत काफ़ी ज़्यादा हो जाती है।
इन बैटरियों के लिए, सामग्री भी दूरस्त देशों से आयात की जाती है। यह सामग्री, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से चीन के निर्माताओं के पास पहुँचती है, जहाँ उन्हें बैटरी सेल में परिवर्तित किया जाता है। इसके बाद, इन सेलों का आयात भारत में किया जाता है, जहाँ उन्हें बैटरी पैक में जोड़ा जाता है।
भारत में ज़्यादातर लिथियम-आयन (lithium-ion) बैटरियाँ चीन और कुछ दूसरे देशों से आयात की जाती हैं। इसका सीधा मतलब यही है कि भारत अभी भी लिथियम बैटरी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है।
एक इलेक्ट्रिक वाहन की कुल लागत का लगभग 40-45% हिस्सा अकेले बैटरी पर खर्च होता है। आज बैटरी सामग्री की मांग बहुत बढ़ गई है, जिससे इसकी कीमतें भी काफ़ी बढ़ गई हैं। 2022 में, बैटरियों की लागत, $155 प्रति किलोवाट-घंटे (kWh) तक पहुँच गई। बैटरियाँ, दुनिया भर से आयात किए गए अलग-अलग मटेरियल से बनाई जाती हैं। इनके कुछ भाग ऑस्ट्रेलिया से आते हैं, जबकि अन्य चिली, बोलीविया और रूस से आयात किये जाते हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल कीमत को सेमीकंडक्टरों की कीमत भी काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। पेट्रोल और डीज़ल कारों के साथ-साथ, इलेक्ट्रिक कारों के लिए भी सेमीकंडक्टर महत्वपूर्ण होते हैं। हालाँकि, इलेक्ट्रिक कारों में, ईंधन कारों की तुलना में दुगने से अधिक सेमीकंडक्टरों का उपयोग किया जाता है। इलेक्ट्रिक कारों में कई 'इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट' (electronic control unit) होते हैं। ये यूनिट, मोटर से लेकर चार्जिंग सिस्टम और यहाँ तक कि ब्रेक तक सब चीज़ों को नियंत्रित करते हैं। सेमीकंडक्टर, वे छोटे चिप्स होते हैं, जो इन कंट्रोल यूनिटों को काम करने में सक्षम बनाते हैं।
आइए, अब भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी समस्याओं और नुकसानों से रूबरू होते हैं:
1. लागत: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ई वी) के साथ, एक बड़ी समस्या, उनकी उच्च लागत है। अभी भी नियमित पेट्रोल या डीज़ल कारों की तुलना में ई वी अधिक महंगे हैं। उदाहरण के लिए, टाटा नेक्सन (XMA AMT S) पेट्रोल मॉडल की कीमत ₹994,900 है, जबकि ई वी प्राइम मॉडल की कीमत ₹1,663,000 है।
2. तापमान: भारत में मौसम बहुत ज़्यादा असंतुलित रहता है, जिसका सीधा असर, इलेक्ट्रिक वाहनों के काम करने के तरीके पर पड़ता है। बहुत ज़्यादा गर्म या बहुत ज़्यादा ठंडे मौसम में, ई वी की बैटरी लाइफ़, 50% तक कम हो सकती है। इसके अलावा, गर्म मौसम में ई वी को चार्ज करने से थर्मल रनवे (thermal runway) जैसी सुरक्षा संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं। ई वी के ठीक से काम करने के लिए सबसे अच्छा तापमान, 15 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है।
3. बुनियादी ढांचे की कमी: भारत में ईवी के लिए, चार्जिंग का बुनियादी ढाँचा, अभी भी विकसित हो रहा है। भारत में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (public charging station) बहुत कम हैं, जिससे ई वी मालिकों के लिए लंबी दूरी तय करना मुश्किल हो जाता है।
4. स्थानीय कौशल जागरूकता की कमी: भारत में कई मैकेनिक, इलेक्ट्रिक वाहनों का रखरखाव या मरम्मत करना नहीं जानते हैं। उन्हें ज़्यादातर, पेट्रोल या डीज़ल कारों को ठीक करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए उनमें ईवी को ठीक करने के लिए ज़रूरी कौशल की कमी हो सकती है।
5. सीमित रेंज: इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज, एक और बड़ी चुनौती है। भारत में ज़्यादातर ई वी, एक बार चार्ज करने पर सिर्फ़ 100 से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं, जो लंबी यात्राओं के लिए पर्याप्त नहीं है।
6. बैटरी तकनीक: बैटरी तकनीक हमेशा बदलती रहती है, और ई वी में बैटरी हमेशा नहीं चलती। इन बैटरियों को बदलना महंगा हो सकता है, जिससे भारत में कई लोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना मुश्किल हो जाता है।
इलेक्ट्रिक वाहन (ई वी) आमतौर पर, पहले खरीदने में ज़्यादा महंगे होते हैं। हालाँकि, समय के साथ, वे आपका ढेर सारा पैसा बचा सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें चलाने और इनके रखरखाव की लागत कम होती है। इससे ये वाहन उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाते हैं, जो ऐसी कार चाहते हैं जिसकी देखभाल करना आसान हो।

आइए पेट्रोल और इलेक्ट्रिक दोनों संस्करणों में आने वाली एक औसत एस यू वी की लागत की तुलना करें::

विवरण एस यू वी ई वी वैरिएंट एस यू वी पेट्रोल वैरिएंट
ऑन-रोड कीमत (दिल्ली) ₹16.5 लाख ₹8.9 लाख
कार बीमा लागत ₹70,000^ ₹42,000
ईंधन दक्षता/रेंज 453 किमी/चार्ज 17 किमी प्रति लीटर
रखरखाव लागत (वार्षिक) ₹4,000 ₹8,000

 यदि आप, हर साल 10,000 किलोमीटर ड्राइव करते हैं और बिजली की प्रत्येक यूनिट के लिए ₹7 का भुगतान करते हैं, तो एक इलेक्ट्रिक गाड़ी (EV) लगभग 662 यूनिट बिजली का उपयोग करेगी । इससे आपको हर साल ईंधन के लिए लगभग, ₹4,634 का खर्च आएगा। दूसरी ओर, यदि आप एक पेट्रोल वाली गाड़ी चुनते हैं, जिसकी कीमत, लगभग ₹100 प्रति लीटर है, तो यह लगभग 590 लीटर पेट्रोल का उपयोग करेगी । इससे आपको हर साल लगभग ₹ 70000 का खर्च आएगा।

इस बचत को नीचे दी गई सारणी से समझिए

वार्षिक लागत एस यू वी ईवी वैरिएंट एस यू वी पेट्रोल वैरिएंट
ईंधन लागत रु. 4,634 रु. 59,000
रखरखाव लागत रु. 4,000 रु. 8,000
कुल वार्षिक लागत रु. 8,634 रु. 67,000

 ऊपर दी गई तालिका से पता चलता है कि भले ही इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की शुरुआती लागत अधिक होती है, लेकिन उनकी सालाना चलने और रखरखाव की लागत पेट्रोल कारों की तुलना में बहुत कम होती है। समय के साथ, ये बचत उच्च शुरुआती कीमत को भी संतुलित कर सकती है। इससे कई भारतीय खरीदारों के लिए इलेक्ट्रिक कार, एक अच्छा विकल्प बन जाती है। हालाँकि इलेक्ट्रिक वाहनों के मालिकों को कुछ वर्षों के बाद बैटरी बदलने की लागत के बारे में सोचना पड़ता है।
भारत में, कार निर्माता आमतौर पर, अपने एस यू वी ई वी मॉडलों के लिए तीन साल या 1.25 लाख किलोमीटर (जो भी पहले हो) की वारंटी प्रदान करते हैं। इन वाहनों में आमतौर पर, 40.5 kWh या 30 kWh की बैटरी होती है। बड़ी बैटरी एक बार चार्ज करने पर लगभग 435 किलोमीटर चल सकती है, जबकि छोटी बैटरी, लगभग 325 किलोमीटर चल सकती है। वर्तमान में, बैटरी बदलने की लागत, लगभग ₹11,100 प्रति kWh है। इसका मतलब है कि एस यू वी ईवी की बैटरी बदलने की लागत, बैटरी के आकार के आधार पर ₹3.33 लाख से ₹4.43 लाख के बीच हो सकती है। हालांकि आपको यह लागत अधिक लग सकती है। लेकिन भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के स्वामित्व की कुल लागत पर विचार करते समय, लंबे समय में ईंधन और रखरखाव पर हुई बचत के बारे में सोचना भी ज़रूरी है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/22j2z66v
https://tinyurl.com/27x9b6yz
https://tinyurl.com/2ye56pna
https://tinyurl.com/2ah4zjtj

चित्र संदर्भ
1.चार्ज होती इलेक्ट्रिक गाड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. चार्जिंग स्टेशन पर खड़ी इलेक्ट्रिक बाइक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. टाटा आईरिस ई वी (Iris EV) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. लिथियम आयन बैटरी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए देखें, अपने अस्तित्व को बचाए रखने की अनूठी कहानी, 'लाइफ़ ऑफ़ पाई' को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:17 AM


  • आर्थिक व ऐतिहासिक तौर पर, खास है, पुणे की खड़की छावनी
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, देवउठनी एकादशी के अवसर पर, दिल्ली में 50000 शादियां क्यों हुईं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:23 AM


  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id