Post Viewership from Post Date to 01-Jun-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
4454 97 4551

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

1960 में आज ही के दिन बंबई राज्य से अलग हो कर बना था गुजरात और महाराष्‍ट्र

मेरठ

 01-05-2024 06:24 AM
आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

आप और हम सभी जानते हैं कि 1 मई को 'अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस' के रूप में मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा 1 मई को ही महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी मनाया जाता है। यह तारीख़ दोनों ही राज्यों के लिए विशेष महत्व रखती है। क्योंकि 64 वर्ष पहले 1 मई, 1960 को मौजूदा महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों का गठन हुआ था। लेकिन इससे पहले महाराष्ट्र और गुजरात 'बॉम्बे प्रेसीडेंसी' (Bombay Presidency) का हिस्सा थे। 1 मई, 1960 को महाराष्ट्र और गुजरात को दो अलग-अलग राज्यों में विभाजित कर दिया गया। तो आइए आज इस मौके पर इन दोनों राज्यों के इतिहास और दोनों राज्यों के अलगाव के कारण के विषय में जानते हैं। इसके साथ ही आइए यह भी जानें कि राजधानी मुंबई को लेकर क्यों संघर्ष हुआ? कई वर्षों तक बंबई भारत के पश्चिमी तट पर केवल एक व्यापारिक केंद्र के रूप में कार्य करता रहा और उस पर लगातार मुगलों, मराठों और अन्य स्थानीय शासकों द्वारा हमले किए जाते रहे। बंबई मूल रूप से सूरत के व्यापारिक बंदरगाह के अधीन था, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार हुआ। बॉम्बे प्रेसीडेंसी की शुरुआत 1661 में हुई, जब राजा चार्ल्स द्वितीय (King Charles II) और पुर्तगाल के राजा की बहन 'कैथरीन ऑफ़ ब्रैगेंज़ा' (Catherine of Braganza) के बीच विवाह समझौते के तहत बॉम्बे के द्वीप ब्रिटिश नियंत्रण में आ गए। 1668 में ब्रिटिश शासन द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) को प्रेसीडेंसी पर अधिकार सौंप दिया गया। और 1703 तक यह पश्चिमी भारत में ब्रिटिश सत्ता के गढ़ के रूप में स्थापित हो गया था।
18वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के पतन और मराठा शक्ति के अंत के साथ, बंबई के यूरोप के साथ व्यापार और संचार संबंध बढ़ने लगे और बॉम्बे प्रेसीडेंसी समृद्ध होने लगी। अपने सबसे बड़े विस्तार में, बॉम्बे प्रेजिडेंसी में कोंकण से लेकर कराची और सिंध तक भारत का पश्चिमी तट शामिल था, और यह अदन (जो अब यमन है) तक भी फैला हुआ था। 1930 के दशक में अदन और सिंध को बॉम्बे प्रेसीडेंसी से अलग कर दिया गया। 1937 में, बॉम्बे प्रेसीडेंसी को ब्रिटिश भारत के एक प्रांत के रूप में शामिल किया गया। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद भाषाई आधार पर राज्यों की मांग उठने के बाद 17 जून 1948 को, राजेंद्र प्रसाद ने यह सिफारिश करने के लिए ‘भाषाई प्रांत आयोग’ (Linguistic Provinces Commission) की स्थापना की कि राज्यों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया जाना चाहिए या नहीं। आयोग द्वारा सिफारिश की गई कि राज्यों को भाषा के आधार पर पुनर्गठन किया जाना चाहिए।
इसके बाद दिसंबर 1953 में, प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए ‘राज्य पुनर्गठन आयोग’ (States Reorganization Commission (SRC) की नियुक्ति की। इस आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति फज़ल अली ने की थी, इसलिए इसे ‘फ़ज़ल अली आयोग’ के नाम से भी जाना जाता है। आयोग ने 1955 में भारत के राज्यों को पुनर्गठित करने के विषय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्य पुनर्गठन समिति ने 1955 में भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट में महाराष्ट्र-गुजरात के लिए एक द्विभाषी राज्य की सिफारिश की, जिसकी राजधानी मुंबई हो। सिफारिश के बाद बॉम्बे राज्य में सौराष्ट्र राज्य और कच्छ राज्य, मध्य प्रदेश के नागपुर डिवीजन के मराठी भाषी जिलों और हैदराबाद के मराठावाड़ा क्षेत्र को जोड़कर इसका और अधिक विस्तार किया गया। बॉम्बे राज्य के सबसे दक्षिणी जिलों को मैसूर राज्य में शामिल कर दिया गया, जिसके कारण बॉम्बे राज्य के उत्तर में गुजराती भाषी आबादी और दक्षिणी भागों में मराठी भाषी आबादी की बहुलता हो गई। गुजराती और मराठी दोनों ही आबादी के लोगों द्वारा SRC की सिफारिश का विरोध किया गया और अलग भाषाई राज्यों की जोरदार मांग की गई। स्थिति जटिल होती गई क्योंकि दोनों ही भाषा के लोग बॉम्बे शहर को आर्थिक और महानगरीय मूल्यों के कारण अपने राज्यों में शामिल करना चाहते थे।
जवाहरलाल नेहरू ने संघर्ष को सुलझाने के लिए - महाराष्ट्र, गुजरात और बंबई केंद्र शासित शहर- तीन राज्य बनाने का सुझाव दिया। महाराष्ट्रीयन मुंबई को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाना चाहते थे, क्योंकि यहां मराठी भाषी बहुसंख्यक थे। हालाँकि, शहर के आर्थिक और राजनीतिक अभिजात वर्ग को डर था कि ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध सरकार के तहत बॉम्बे का पतन हो जाएगा। इसके बाद पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। इंदुलाल याग्निक ने राजनीति से संन्यास ले लिया और आंदोलन का मार्गदर्शन करने के लिए 'महागुजरात जनता परिषद' की स्थापना की। इंदुलाल याग्निक और दिनकर मेहता, धनवंत श्रॉफ सहित कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया और कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद के गायकवाड़ हवेली में रखा गया। बाद में इन्हें साढ़े तीन महीने के लिए साबरमती सेंट्रल जेल में कैद कर दिया गया। विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे मोरारजी देसाई ने एक सप्ताह के लिए उपवास शुरू कर दिया। उपवास के दौरान लोग उनका समर्थन करने के लिए स्व-लगाए गए जनता कर्फ्यू का पालन करते हुए घर पर ही रहे। जैसा कि नेहरू ने सुझाव दिया था, तीन राज्यों के गठन की घोषणा से ठीक पहले, संसद के 180 सदस्यों ने एक साथ द्विभाषी बॉम्बे राज्य के विचार का सुझाव दिया।
'राज्य पुनर्गठन समिति' की रिपोर्ट 1 नवंबर 1956 को लागू की जानी थी। इससे बड़ी राजनीतिक हलचल मच गई और 6 फरवरी 1956 को 'संयुक्त महाराष्ट्र समिति' (Samyukta Maharashtra Samiti) की स्थापना हुई। 'संयुक्त महाराष्ट्र समिति' में न केवल कांग्रेस बल्कि विपक्षी दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का व्यापक प्रतिनिधित्व था। समिति द्वारा राजनीति के साथ साथ हिंसक तरीकों का उपयोग करके द्विभाषी बॉम्बे राज्य से मुंबई सहित एक अलग महाराष्ट्र राज्य के निर्माण की मांग को आगे बढ़ाया गया। अंततः 4 दिसंबर 1959 को कांग्रेस कार्य समिति ने बॉम्बे राज्य के विभाजन की सिफारिश करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। संयुक्त महाराष्ट्र समिति ने अपना लक्ष्य तब हासिल किया जब 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया गया। बॉम्बे राज्य के गुजराती भाषी क्षेत्रों को गुजरात राज्य में विभाजित कर दिया गया। बॉम्बे राज्य के मराठी भाषी क्षेत्रों, मध्य प्रांत और बरार के आठ जिलों, हैदराबाद राज्य के पांच जिलों और उनके बीच घिरी कई रियासतों को मिलाकर महाराष्ट्र राज्य का गठन किया गया था जिसकी राजधानी मुंबई थी।

संदर्भ
https://shorturl.at/adtBS
https://shorturl.at/bemps
https://shorturl.at/cBOP8

चित्र संदर्भ

1. मुंबई के ताज होटल और गुजरात के अहमदाबाद से 15 किमी दूर असारवा क्षेत्र में 15वीं सदी की बाई हरीर सुल्तानी नामक बावड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia, wikimedia)
2. मुंबई गेटवे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मुंबई के एक पोस्टकार्ड को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. 1896-1897 में मुंबई में प्लेग महामारी के दौरान खिंची गई तस्वीर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. इंदुलाल याग्निक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. महाराष्ट्र में हुतात्मा चौक पर जलती अमर ज्योत को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id