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हमारे देश भारत का इतिहास दुनिया में बहुत प्राचीन है। विभिन्न आक्रमणकारियों के हमलों के बाद भी, यहां का इतिहास आज भी सुरक्षित है। उत्खनन के दौरान मिले कुछ साक्ष्यों से पता चलता है कि, हमारी संस्कृति और इतिहास कितना समृद्ध और गौरवशाली रहा है। लेकिन, देश में कुछ ऐतिहासिक जगहें ऐसी भी हैं, जो समय के साथ संकटग्रस्त हो गई हैं। तो आज जब हम विश्व धरोहर दिवस मना रहे हैं, तो आइए इनके संकटग्रस्त होने का कारण जानने का प्रयास करते हैं। इसके साथ ही, आइए यह भी जानें कि, भारत और दुनिया की कौन-कौन सी धरोहरें खतरे में हैं?
आज, बदलती जलवायु हमारे सामने सबसे गंभीर और सार्वभौमिक चिंता का विषय है। इसके परिणामस्वरूप होने वाले प्रभाव बुनियादी ढांचे, पारिस्थितिकी तंत्र और सामाजिक प्रणालियों पर भारी पड़ रहे हैं, जो समुदायों को आवश्यक लाभ और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करते हैं। इसलिए, इस उभरते हुए संकट के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। विरासत के बिना, लोगों में जुड़ाव, पहचान एवं समुदाय की भावना का अभाव होता है। और, इसलिए जब जलवायु परिवर्तन उन बंधनों को ढीला करता है, तो यह हमारे समुदाय को भी ढीला कर देता है।
हमारे देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध प्राकृतिक और मानव निर्मित आश्चर्य भी आज, संकटग्रस्त हैं। इसलिए, इससे पहले कि ये धरोहर हमेशा के लिए खतरे का सामना करें, इन जगहों को जल्द से जल्द संरक्षित करने की ज़रुरत बढ़ गई है। यहां ऐसी ही कुछ जगहों की सूची दी गई हैं।
•आगरा का भव्य ताज महल:
यमुना नदी के सूखने से ताज महल की नींव को खतरा पैदा हो गया है। इस ऐतिहासिक स्मारक की नींव विशाल लकड़ी के खंभों पर बनी है। और, स्मारक को अपनी जगह पर बनाए रखने के लिए, इन्हें नदी के पानी से मिलने वाली नमी की आवश्यकता होती है। जल प्रवाह में कमी के कारण, पिछले कुछ वर्षों में लकड़ी की नींव सिकुड़ गई हैं। पानी की कमी के कारण शैवाल और कीड़े भी इस नींव पर कब्ज़ा कर लेते हैं, और इसे नष्ट कर देते हैं। इसलिए, ताज महल के अस्तित्व के लिए यमुना नदी का पानी आवश्यक है।
•असम का माजुली द्वीप:
विश्व के कुछ सबसे बड़े नदी द्वीपों में से एक, माजुली द्वीप पहले 1200 वर्ग किमी तक फैला हुआ था। यह द्वीप 260 से अधिक पक्षी प्रजातियों का घर है, और यह एक जैव विविधता केंद्र था। आज, दुर्भाग्य से, यह तेजी से लुप्त हो रहे द्वीपों में से एक बन गया है। और इसका क्षेत्रफल 400 वर्ग किमी ही रह गया है। बड़े पैमाने पर मिट्टी के कटाव और भयानक बाढ़ के कारण द्वीप जलमग्न हो रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी में नियमित बाढ़ से मिट्टी का क्षरण होता है, गांव बह जाते हैं और निवासी विस्थापित हो जाते हैं। इस द्वीप के कटाव की दर इतनी विनाशकारी है कि, अगले 15-20 वर्षों में पूरे द्वीप के जलमग्न होने की संभावना है।
•सुंदरबन डेल्टा:
सुंदरबन मैंग्रोव वनों के दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है, और इसमें कई लुप्तप्राय प्रजातियां रहती हैं। लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और वनों की कटाई के कारण यहां के समुद्र का स्तर बढ़ गया है, जिससे सुंदरबन का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। साथ ही, कंक्रीट के जंगल बनाने के लिए अवैध कटाई, बढ़ती आबादी, अवैध शिकार और जीवाश्म ईंधन के लिए अतिक्रमण ने भी सुंदरबन को एक लुप्तप्राय जंगल बना दिया है। वास्तव में, सुंदरी नामक वृक्ष प्रजाति, जिसके नाम पर इस जंगल का नाम रखा गया है, वह खतरे में है।
•किला महमूदाबाद की कोठी:
1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, किला महमूदाबाद की कोठी को अंग्रेजों ने पूरी तरह से तोड़ दिया था और उसके तुरंत बाद इसे फिर से बनाया गया था। जबकि, आज यह कोठी बेहतरीन दर्जे की उर्दू और अरबी किताबों को संग्रहित किए हुए है। दुनिया भर से साहित्य, कला और कविता के विद्वान यहां आते हैं। लेकिन इस 67,650 वर्ग फुट क्षेत्र को कठोर उपेक्षा, पुराना हो जाने और भूकंपीय झटकों का सामना करना पड़ा है।
•शिमला नगर केंद्र:
19वीं सदी की शुरुआत में, शिमला नगर काफ़ी आकर्षक और सुंदर टाउन हॉल(Town hall) था। लेकिन, इस क्षेत्र में रखरखाव की कमी और अनियोजित शहरी विकास के कारण इस शहर की ऐतिहासिक सुंदरता में गिरावट आई।
•हेमिस राष्ट्रीय उद्यान:
यह उद्यान हिम तेंदुओं के आवास के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। वास्तव में ऐसा माना जाता है कि, हेमिस राष्ट्रीय उद्यान में दुनिया के किसी भी संरक्षित क्षेत्र की तुलना में, इन प्राणियों का घनत्व सबसे अधिक है। दुर्भाग्य से, इस राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुओं की संख्या पिछले कुछ वर्षों में घट रही है। इसलिए, जिस तरह यह प्राणी लुप्तप्राय है, उसी तरह यह उद्यान भी भारत में एक संकटग्रस्त स्थल बन गया है।
एक तरफ, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों(UNESCO World Heritage Sites) को उनके उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के लिए सम्मानित किया जाता है। लेकिन दुख की बात यह है कि, मानवता की सामूहिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले ये अमूल्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर स्थल भी विभिन्न कारकों के कारण तेजी से खतरे में हैं। बड़े पैमाने पर शहरीकरण, अनियंत्रित विकास, औद्योगीकरण, जलवायु परिवर्तन और कभी-कभी आतंकवाद और युद्ध इन स्थलों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करते हैं। प्रदूषण, वनों की कटाई, आवास विनाश, और अस्थिर पर्यटन प्रथाएं इस खतरनाक स्थिति को और बढ़ा देती हैं। ऐसे ही कुछ स्थलों की सूची निम्नलिखित है।
१.बामियान घाटी(Bamiyan Valley): विशाल हिंदू कुश पहाड़ों के बीच स्थित, बामियान घाटी सांस्कृतिक और पुरातात्विक महत्व की समृद्ध टेपेस्ट्री का दावा करती है। प्रतिष्ठित विशाल बुद्ध प्रतिमाओं का घर, जिसे 2001 में तालिबान द्वारा दुखद रूप से नष्ट कर दिया गया था, यह स्थल सदियों के बौद्ध प्रभाव और अफगान इतिहास का गवाह है।
२.ओकापी वन्यजीव अभ्यारण्य(Okapi Wildlife Reserve), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य(Democratic Republic of the Congo): ओकापी वन्यजीव अभ्यारण्य जैव विविधता और प्राकृतिक आश्चर्य का एक अभयारण्य है। आज यह अवैध शिकार और वनों की कटाई के खतरों का सामना कर रहा है।
३.विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान(Virunga National Park), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य: विरुंगा राष्ट्रीय उद्यान, अफ्रीका का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान, एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अपने लुभावने परिदृश्य और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इस उद्यान को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें अवैध शिकार, अवैध खनन और सशस्त्र संघर्ष शामिल हैं, जिससे इसके नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और स्थानीय समुदायों की आजीविका को खतरा है।
४.अबू मेना(Abu Mena), मिस्र(Egypt):
मिस्र में अलेक्जेंड्रिया के पास स्थित अबू मेना, एक शहीद रोमन सैनिक सेंट मेनस को समर्पित एक समृद्ध ईसाई तीर्थ स्थल था। जलजमाव और नमक अतिक्रमण सहित पर्यावरणीय कारकों के कारण साइट का धीरे-धीरे पतन हो गया, जिसके कारण यह स्थान समाप्त हो गया।
५.सुमात्रा(Sumatra) के उष्णकटिबंधीय वर्षावन विरासत:
सुमात्रा की उष्णकटिबंधीय वर्षावन विरासत में इंडोनेशियाई द्वीप सुमात्रा पर तीन राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। यह क्षेत्र अवैध कटाई, आवास विखंडन और अतिक्रमण से महत्वपूर्ण खतरों का सामना कर रहा है, जो संरक्षण कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है।
६.अत्सिनानाना(Atsinananaa) के वर्षावन:
मेडागास्कर के पूर्वी तट पर स्थित, अत्सिनाना के वर्षावनों में छह संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं जो द्वीप की असाधारण जैव विविधता और विशिष्ट पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करते हैं
संदर्भ
https://tinyurl.com/5n8aek9s
https://tinyurl.com/mr3wtarm
https://tinyurl.com/3zjn9c22
https://tinyurl.com/4czpbk4r
चित्र संदर्भ
1. सुंदरबन डेल्टा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. विश्व धरोहर के लोगो को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. ताजमहल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. असम का माजुली द्वीप को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सुंदरबन डेल्टा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. किला महमूदाबाद की कोठी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. हेमिस राष्ट्रीय उद्यान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. बामियान घाटी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. अबू मेना को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
10. सुमात्रा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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