City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1824 | 162 | 1986 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
हम अपने घरों के शौचालय और रसोई आदि में किसी भी अपशिष्ट की छोटी से छोटी मात्रा को भी पानी से सफाई के साथ बहा देते हैं। इसके बाद इस अपशिष्ट को सीवेज प्रणालियों (Sewage Systems) के माध्यम से हमारे घरों की निकटतम नदियों में बहा दिया जाता है। अंततः यह प्रदूषित अपशिष्ट नदियों के साथ बहते हुए हमारे समुद्रों में घुल जाता है। इसके अलावा इस प्रक्रिया में हमारे पीने योग्य पानी की भी बहुत अधिक बर्बादी होती है। हालांकि यह समस्या केवल हमारे देश में नहीं बल्कि तथाकथिक विकसित देशों में भी है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर और अन्य देशों से प्रेरणा लेकर इन सभी समस्याओं को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
साल 1991 में यूरोपीय संघ (European Union) ने शहरी अपशिष्ट जल उपचार को लेकर एक निर्देश जारी किया। यूरोपीय संघ के वित्त पोषण कारण आज संघ के अंतर्गत आने वाले अधिकांश देशों ने संग्रह प्रणाली और अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र स्थापित किए हैं, जो संघ के निर्देशों का अनुपालन करते हैं। निर्देश के वर्तमान दायरे के अनुसार, पूरे यूरोपीय संघ में 98% अपशिष्ट जल एकत्र किया जाता है, जिसमें से 92% अपशिष्ट जल का संतोषजनक ढंग से निपटारण किया जाता है।
हालाँकि, अभी भी प्रदूषण के कुछ ऐसे स्रोत हैं, जिनका उल्लेख या निवारण पुराने निर्देश के तहत नहीं किया गया है। 2050 तक स्वच्छ पर्यावरण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, यूरोपीय संघ को इन मुद्दों से निपटने की आवश्यकता है। इन मुद्दों में छोटे शहरों से होने वाला प्रदूषण और तूफानी पानी के अतिप्रवाह से होने वाला प्रदूषण भी शामिल है, जो संघ के वर्तमान निर्देश के दायरे में नहीं आते हैं।
पानी में दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के अंश जैसे सूक्ष्म प्रदूषकों की उपस्थिति भी जल प्रदूषण को बढ़ावा देने वाला एक बड़ा कारक है। ये पदार्थ हमारी प्रकृति को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए इन्हें पर्यावरण तक पहुंचने से पहले ही हटा देना चाहिए। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के अपशिष्ट जल के उपचार में भी बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग होता है।
इन्ही सब मुद्दों को ध्यान में रखकर जारी किये गए नए निर्देशों का लक्ष्य नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके और अपशिष्ट जल से ऊर्जा पुनर्प्राप्त करके क्षेत्र को ऊर्जा तटस्थ बनाना है।
इसके अलावा, नया निर्देश सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अपशिष्ट जल को सूचना के स्रोत के रूप में भी मान्यता देता है। यानी अपशिष्ट जल में वायरस की निगरानी करके, यूरोपीय संघ स्वास्थ्य खतरों पर बेहतर प्रतिक्रिया दे सकता है। नए निर्देश में इस पहलू पर डेटा संग्रह और रिपोर्टिंग की आवश्यकता है।
नया निर्देश नवीनतम वैज्ञानिक ज्ञान और पुराने निर्देश के 2019 मूल्यांकन के निष्कर्षों पर आधारित है। इसके तहत शहरी अपशिष्ट जल उपचार पर यूरोपीय संघ के नियमों को अद्यतित और सुधारा गया है।
जल प्रदूषण की समस्या केवल विकासशील देशों में ही नहीं है, बल्कि यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom ) जैसे यूरोपीय देश भी सबसे खराब तटीय जल गुणवत्ता के कारण बदनाम है। इसका मुख्य कारण पानी में भारी मात्रा में मिलने वाला मल-जल, प्रदूषण और अपवाह है। 2021 में, यहां की नदियों और समुद्रों में अनुपचारित सीवेज छोड़े जाने के 370,000 से अधिक मामले सामने आए थे। 2022 की गर्मियों में, सुरक्षित समुद्र और नदी सेवा के माध्यम से निर्दिष्ट स्नान जल के लिए 2,000 से अधिक सीवेज डिस्चार्ज अलर्ट (Sewage Discharge Alert ) जारी किए गए थे।
दूषित पानी में सर्फिंग (Surfing), तैराकी जैसी जल गतिविधियां करने से गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis), कान, नाक और गले के संक्रमण, त्वचा संक्रमण और यहां तक कि हेपेटाइटिस और ई-कोली (Hepatitis And E-Coli) जैसी गंभीर बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता हैं। अध्ययनों से पता चला है कि ब्रिटेन में आज भी समुद्री जल से बीमार पड़ने की संभावना उतनी ही अधिक है, जितनी की 1990 के दशक में थी। पानी की खराब गुणवत्ता नदी और समुद्री वन्यजीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे जैव विविधता में कमी आती है, नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश होता है और हमारे महासागरों की बहाली में बाधा आती है। हालांकि इन सभी जोखिमों के बावजूद, नियामक अक्सर जल प्रदूषण के खतरों और प्रभावों को नजरअंदाज कर देते हैं। जल कंपनियाँ लगातार बुनियादी ढाँचे में सुधार में निवेश करने में विफल रहती हैं। कुल मिलाकर यदि उचित ढंग से प्रबंधन और उपचार न किया जाए, तो हमारे घरों से निकलने वाले अपशिष्ट जल से हमारे पीने योग्य पानी के श्रोत, बहुत ही तीव्रता के साथ प्रदूषित हो सकते हैं। हालांकि शहरी अपशिष्ट जल के उचित संग्रह और उपचार द्वारा जल प्रदूषण को रोका जा सकता है।
लेकिन केवल अनुपचारित सीवेज ही हमारे जल का एकमात्र प्रदूषक नहीं है। पानी को प्रदूषित करने वाले अन्य स्रोतों में कृषि अपवाह, सड़कें, लैंडफिल (Landfill) और खराब अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाएं भी शामिल हैं, जो कचरे, माइक्रोप्लास्टिक्स (Microplastics) और घोल के जहरीले मिश्रण में योगदान करती हैं। इस प्रकार यह लगातार हमारे महासागरों, झीलों और नदियों को दूषित कर रही हैं।
सबसे अपशिष्ट सीवेज जल प्रबंधन के मामले में हम चीन के दक्षिण तट पर सिक्यांग नदी के मुहाने पर स्थित एक द्वीप हांगकांग से बड़े सबक ले सकते हैं। आमतौर पर जापान के स्वास्थ्य निगरानी वाले उन्नत शौचालयों के विपरीत, हांगकांग के शौचालय भी भारत की ही तरह सामान्य फ्लश शौचालय हैं। हालाँकि, इन शौचालयों को एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि माना जाता हैं। इससे सबक लेकर भारत में तेजी से बढ़ रहे शहरों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की जा सकती हैं।
आज भारत, पीने योग्य पानी की बढ़ती कमी का सामना कर रहा है। बढ़ते जलवायु परिवर्तन और पानी की मांग ने बारिश के पानी पर हमारी निर्भरता के जोखिमों को बढ़ा दिया है। भारत के कुछ दक्षिणी क्षेत्रों, जैसे तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में, गंभीर सूखे के कारण कृषि और औद्योगिक कारखाने ठप पड़ चुके हैं। ऊपर से जैसे-जैसे जलाशय सूखते जा रहे हैं और बोरवेल खाली होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे जल संरक्षण की चुनौती और अधिक गंभीर होती जा रही है।
हालाँकि ऐसी स्थिति में भी लोग विभिन्न तरीकों से पानी बचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन शौचालय में फ्लश करने जैसी कुछ आवश्यकताओं में कटौती करना मुश्किल है। पर्यावरणविद शौचालयों को फ्लश करने को पानी की बर्बादी मानते हैं, लेकिन लोगों के लिए (खासकर ऊंची इमारतों में) कंपोस्टिंग शौचालयों (Composting Toilets) जैसे अधिक टिकाऊ विकल्पों पर स्विच करना इतना भी आसान नहीं है।
यहीं पर अगर हम हांगकांग पर नजर डालें तो वहां के अधिकांश घर शौचालयों को फ्लश करने के लिए ताजे पानी का नहीं, बल्कि समुद्री जल का उपयोग करते हैं। यह अनूठी सीवेज प्रणाली, 1950 के दशक में शुरू हुई थी। इसके तहत आसपास के महासागर से न्यूनतम उपचारित समुद्री जल का उपयोग किया जाता है। हांगकांग के पृथक स्थान और जल सुरक्षा की आवश्यकता ने भी इस विकास में भूमिका निभाई। शौचालयों के लिए शहर द्वारा समुद्री जल का उपयोग इस बात का उदाहरण है कि कैसे शहरी क्षेत्र पानी की कमी से निपट सकते हैं और समान चुनौतियों का सामना करने वाले अन्य शहरों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/4bj8kkbj
https://tinyurl.com/7cn6288n
https://tinyurl.com/j7phkmny
चित्र संदर्भ
1. सीवेज उपचार संयंत्र कों संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. खुले में बहते सीवेज जल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. गली में होकर बहते गंदे पानी को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. शहर से होकर बहते गंदे नाले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सीवेज उपचार संयंत्र कों संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. कंपोस्टिंग शौचालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. वह देश जहां घरेलू अपशिष्ट को सुरक्षित रूप से उपचारित किया जाता है! को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.