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नवाबों के शहर “लखनऊ” को खासतौर पर अपनी मेहमान नवाज़ी के लिए जाना जाता है। हालांकि हम केवल इंसानों की ही मेहमान नवाज़ी नहीं करते, बल्कि लखनऊ और यहां के आसपास मौजूद प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता (abundance), कई दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को भी आकर्षित करती है। इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए आज हम कानपुर-लखनऊ राजमार्ग पर उन्नाव जिले में स्थित नवाबगंज पक्षी अभयारण्य (Nawabganj Bird Sanctuary) का भ्रमण करेंगे। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, पक्षी-दर्शकों (Bird-watchers), प्रकृति प्रेमियों और नीरस शहरी जीवन से ऊब चुके प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक शांत, हरा-भरा और पसंदीदा वातावरण प्रदान करता है। यह लखनऊ-कानपुर हाईवे (Lucknow-Kanpur Highway) NH-25 पर लखनऊ से लगभग 43 किमी दूर, जिला-उन्नाव और नवाबगंज तहसील में स्थित है। यह अभयारण्य 224.6 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य में स्थानीय और प्रवासी दोनों प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है, जिनमें गार्गेनी टील (Garganey Teal), मैलार्ड (Mallard), पर्पल मूरहेन (Purple Moorhen), लिटिल ग्रैब (Little Grebe), स्पूनबिल डक (Spoonbill Duck), रेड वॉटल्ड लैपविंग (Red Wattled Lapwing) और विगॉन (Wigeon) सहित कई शानदार पक्षी शामिल हैं। खासतौर पर सर्दियों के दौरान तो यह अभयारण्य कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रवासी पक्षियों के लिए एक जीवंत आश्रय स्थल बन जाता है। वसंत ऋतु की शुरुआत के साथ ही प्रवासी पक्षी यहां से वापस जाना शुरू कर देते हैं।
यहां के हरे-भरे कुंजों में पक्षियों की चहचहाहट और कलरव करती आवाजें, कानों में मानों मीठा शहद घोल देती है। आप यहां पर चरते हुए सुंदर सफेद चित्तीदार हिरणों (Spotted Deer) को देखने के अलावा, बेदाग बगुला (Intermediate Egret) को भी देख सकते हैं। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य आर्द्रभूमि (Wetland), दलदल (Marsh), झीलों और घने जंगलों से परिपूर्ण एक विशाल क्षेत्र है। इसे पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग माना जाता है। साइबेरियन क्रेन (Siberian Crane), कॉमन टील (Common Teal), पिनटेल (Pintail), शॉवलर (Shoveler) जैसे कई प्रवासी पक्षी, अपने प्रजनन स्थलों की कठोर सर्दियों से बचने और नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के शांतिपूर्ण वातावरण में शरण लेने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा करके यहां पर पहुंचते हैं। इसके अलावा इस अभयारण्य का विविध पारिस्थितिकी तंत्र (diverse ecosystem) यहां आने वाले मेहमान पक्षियों के लिए पर्याप्त भोजन और आश्रय उपलब्ध कराता है, जो इसे पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों (Photographers) के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।
यहां पर आप उत्सुक किंगफिशर (Kingfisher) को पानी के भीतर अपने शिकार के लिए एकदम सटीक गोता लगाते हुए भी देख सकते है। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य में पक्षियों के साथ-साथ वनस्पतियों और वन्य जीवों की भी प्रचुरता नजर आती है। इस अभयारण्य में हिरण, जंगली सूअर, सियार और बंदरों की विभिन्न प्रजातियां अक्सर देखी जाती हैं, जो यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। छुट्टियों के दौरान आप यहां आकर शांत झील के पानी को निहारते हुए 2.6 किमी लंबे साइकिल पथ (Cycling Path) पर निकल सकते हैं। नवाबगंज अभयारण्य से जुड़ी एक धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि “नवाबगंज अभयारण्य की झील” वही स्थान है जहां पर भगवान लक्ष्मण ने “परिहार” से “अयोध्या” लौटते समय एक दिन के लिए विश्राम किया था। सर्दियों के मौसम में हमारे लखनऊ में भी कई दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। उदाहरण के तौर इस दौरान सनबर्ड (Sunbird) पक्षी को पूरे लखनऊ में देखा जा सकता है।
पक्षी विज्ञानियों का कहना है कि इस क्षेत्र में भारतीय पित्त (Indian pitta) (इसके पंखों में नौ रंग होने के कारण, इसे “नवरंग”भी कहा जाता है), ट्रांस-हिमालयन (Trans-Himalayan) क्षेत्र से आने वाली प्रवासी बत्तख, रूडी शेल्डक (Ruddy shelduck ), सुर्खाब, काले हुड वाले ओरियोल (Black hooded oriole) सुंदर स्थानिक पक्षी और उत्तरी साइबेरिया (Northern Siberia) के प्रवासी पक्षी, उत्तरी पिनटेल (Northern pintail) और सीकपर (Seekpar) सहित कुछ अन्य दुर्लभ पक्षियों को भी देखा जा सकता है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (Bombay Natural History Society ) के पूर्व निदेशक और शौकीन पक्षी पर्यवेक्षक असद आर रहमानी के अनुसार, “लखनऊ में पक्षियों द्वारा पसंद की जाने वाली कई बस्तियां हैं, जो कि पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के स्वास्थ्य के सबसे महत्वपूर्ण संकेतक हैं। वे प्रकृति के स्वास्थ्य को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे पर्यावरण प्रणाली के जैव संकेतक के रूप में जाने जाते हैं।” हालांकि लखनऊ के निकट बसे नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के शानदार नज़ारे, यहाँ आने वाले पर्यटकों को असीम शांति प्रदान करते हैं।
लेकिन यह बड़े दुःख की बात है कि यहाँ पर राजमार्गों की हलचल, ट्रकों की गड़गड़ाहट और आस-पास चल रही निर्माण गतिविधियाँ इस अभयारण्य की शांति को छीन रही हैं। लगातार और ऊँची-ऊँची आवाजों में बजने वाले हॉर्न (Horns) और आस-पास की ज़मीन पर चल रहे पक्के निर्माण कार्य, बड़े पैमाने पर अभयारण्य के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पंहुचा रहे हैं, जिससे पक्षी प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच चिंता काफी बढ़ गई है। नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, अंतरराष्ट्रीय महत्व का रामसर स्थल (Ramsar Site) है, जो कभी विभिन्न पक्षी प्रजातियों का आश्रय स्थल हुआ करता था, लेकिन अब यहाँ पर पक्षियों की आबादी और विविधता में गिरावट देखी जा रही है। अभयारण्य के निकट भूमि में अँधाधुन विकास किया जा रहा है, जिससे यहां पर प्राकृतिक रूप से उगने वाली वनस्पति भी कम हो रही है। जिन पक्षियों को पहले यहां पर गाड़ियों में बैठे-बैठे दूर से देखा जा सकता था, अब वह केवल बहुत अधिक पैदल चलने के बाद ही दिखाई देते हैं। प्रवासी पक्षी आमतौर पर उथले पानी को पसंद करते हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर पंपों के प्रयोग के कारण नवाबगंज में तालाब अक्सर सूख जाते हैं या उनमें पानी का स्तर गहरा हो जाता है। जल स्तर में कमी और मानव गतिविधि में वृद्धि के कारण एशियन ओपन बिल (Asian Openbill) और पेंटेड स्टॉर्क (Painted Stork) जैसी कुछ पक्षी प्रजातियाँ लगभग दो वर्षों से यहां पर दिखाई ही नहीं दी हैं। इस अभयारण्य में विकास गतिविधियां अपने चरम पर हैं, जिससे इसकी वनस्पति और वन्यजीव संपदा सहित पक्षी आवास बड़े स्तर पर सिकुड़ सकते हैं। संक्षेप में कहें तो मानवीय गतिविधियों और पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण नवाबगंज पक्षी अभयारण्य खतरे में पड़ गया है, जिससे पक्षियों की आबादी और विविधता में गिरावट आ रही है। इस महत्वपूर्ण आवास की सुरक्षा के लिए संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/yc2x8h8f
http://tinyurl.com/3yecj5bn
http://tinyurl.com/35j2xzn7
http://tinyurl.com/yaxaa68m
चित्र संदर्भ
1. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य के पैनोरमा दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. पक्षी अभयारण्य में एक बगुले को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. किंगफिशर को पानी के भीतर अपने शिकार के लिए एकदम सटीक गोता लगाते हुए संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य में एक निगरानी टावर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य में खड़ी दो नावों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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