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क्‍या कहती है सड़क दुर्घटना पर वर्ष 2022 की रिपोर्ट

लखनऊ

 12-12-2023 09:46 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

सड़क दुर्घटनाएं आजकल समाज के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी हैं। यह न केवल कीमती जीवन ले लेती हैं, बल्कि इससे अनेक परिवारों को संघर्ष का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाएं व्यक्तिगत तौर पे, सामाजिक समृद्धि, और राष्ट्रीय विकास को नुकसान पहुंचा रही हैं।'भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022' वाली रिपोर्ट में साल-दर-साल 11.9% की चिंताजनक वृद्धि और मृत्यु दर में 9.4% की वृद्धि दर्ज की गई है।
2021 की तुलना में 2022 में घायल होने वाले लोगों की संख्या में 15.3% की वृद्धि हुई।रिपोर्ट के अनुसार, घातक सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों में बड़े पैमाने पर युवा आयु वर्ग के लोग शामिल थे। इन सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 68% मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं, जबकि शहरी क्षेत्रों में देश में कुल दुर्घटना मौतों में से 32% मौतें हुईं। नवीनतम सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, साल दर साल सड़क दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं। 2022 में भारत में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौतें हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं।
यूपी के भीतर, कानपुर में सबसे खराब स्थिति रही है। लखनऊ में यूपी कैबिनेट ने 3 या अधिक मौतों वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं की जांच के लिए एक नई समिति का गठन किया। यह कैबिनेट दुर्घटना से प्रभावित हुए लोगों को आवश्‍यक सहायता प्राप्‍त करने में भी मदद करेगी। अधिकांश दुर्घटनाएं तीव्र गति या ड्राइवर की गलती के कारण होती है, यह कैबिनेट इन्ही मुख्‍य कारणों को समझने का भी प्रयास करेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) की रिपोर्ट के अनुसार, “2022 के दौरान, देश में कुल 4,61,312 दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें से 1,51,997 (32.9%) एक्सप्रेसवे, 1,06,682 (23.1%) राज्य राजमार्गों पर और शेष 2,02,633 (43.9%) अन्य सड़कों सहित राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों की जान गई, जबकि 4,43,366 लोग घायल हुए। 64,105 दुर्घटनाओं (13.9%) के साथ तमिलनाडु में 2022 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, इसके बाद मध्य प्रदेश (54,432 यानी, 11.8%) का स्थान है। उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई।उत्तर प्रदेश में कानपुर, आगरा, प्रयागराज में सड़क दुर्घटना में सबसे अधिक मौतें (घटते क्रम में) हुईं।381 वार्षिक औसत मौतों के साथ लखनऊ सातवें स्थान पर था।
परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, 20 जिलों (कानपुर नगर, आगरा, प्रयागराज, बुलन्दशहर, अलीगढ, मथुरा, लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, बरेली, सीतापुर, फ़तेहपुर, गोरखपुर, गौतम बुद्ध नगर, जौनपुर, मेरठ, बाराबंकी, शाजहांपुर, गाजियाबाद और कुशीनगर) में क्रमशः वर्ष 2019 में 9,858, वर्ष 2020 में 8,272 और वर्ष 2021 में 8,904 मौतें हुईं। जबकि इन जिलों में मृत्यु का तीन साल का औसत 9,011 था, जबकि इसी अवधि में राज्यव्यापी यह आंकड़ा 21,010 था। सड़क दुर्घटनाओं में शामिल वाहन श्रेणियों में, 2021 के समान 2022 में भी दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी, कुल दुर्घटनाओं और मौतों में सबसे अधिक रही। कार, जीप और टैक्सियों सहित हल्के वाहन दूसरे स्थान पर हैं।सड़क-उपयोगकर्ता श्रेणियों के संदर्भ में, 2022 के दौरान कुल मृत्यु में दोपहिया सवारों की हिस्सेदारी सबसे अधिक (44.5%) रही, इसके बाद सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए 19.5% व्यक्तियों में पैदल यात्री शामिल थे।

संदर्भ:
http://surl.li/oadbb
http://surl.li/oadmg
http://surl.li/oadmk
http://surl.li/oadmn

चित्र संदर्भ
1. एक सड़क दुर्घटना को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. 2001 से 2010 तक सड़क दुर्घटनाओं के कारण मारे गए और घायल हुए व्यक्तियों की कुल संख्या को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. प्रति 100,000 निवासियों पर देश के अनुसार सड़क यातायात टकराव से मृत्यु दर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. सड़क दुर्घटना के बाद के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. सड़क दुर्घटना के बाद एक ट्रक को ले जाती क्रेन के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)



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