City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
2176 | 455 | 2631 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
“गुप्त कला” गुप्त साम्राज्य की कला है। गुप्त साम्राज्य ने लगभग 300 और 480 ईसा पूर्व के बीच उत्तरी भारत पर शासन किया था।आम तौर पर गुप्त काल को, सभी प्रमुख धार्मिक समूहों के लिए, उत्तर भारतीय कला का एक उत्कृष्ट समय और स्वर्ण युग माना जाता है।गुप्त कला की विशेषता इसकी “शास्त्रीय सजावट” है, जो बाद में विकसित हुई भारतीय मध्ययुगीन कला के विपरीत थी।
गुप्त काल से प्राप्त अवशेषों में, सभी कृतियां
दरअसल धार्मिक मूर्तियां हैं। हालांकि,इस
कला में चित्रकला भी स्पष्ट रूप से व्यापक थी। इस अवधि में,
हिंदू कला में प्रतिष्ठित नक्काशीदार पत्थर के देवताओं की मूर्तियों का उदय हुआ
था।जबकि,बुद्ध मूर्तियों एवं जैन तीर्थंकर आकृतियों का उत्पादन भी बढ़ता गया। इस मूर्तिकला का पारंपरिक मुख्य केंद्र मथुरा शहर था, जो गांधार
की कला के साथ लगातार फलता-फूलता रहा था।
इसके अलावा, गुप्त क्षेत्र की उत्तरी सीमा से परे ग्रीक-बौद्ध कला(Greco-Buddhist art) के केंद्र का प्रभाव जारी रहा। इस अवधि के दौरान अन्य कला शैलियां भी, विशेषकर सारनाथ शहर में उभरती रही। और अतः मथुरा और सारनाथ दोनों शहर उत्तरी भारत के अन्य भागों में मूर्तिकला का निर्यात करते थे।
संदर्भ
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.