City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Total | ||
1673 | 513 | 2186 |
***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions
आपने “आपदा को अवसर में बदलने” वाली कहावत तो जरूर सुनी होगी, लेकिन ऑनलाइन (Online) उत्पाद विक्रेता कंपनियों ने तो महामारी के दौरान यह कहावत लागू करके मोटी रकम भी छाप दी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि महामारी के प्रकोप ने रोज बाजार जाकर सामान खरीदने वाले ग्राहकों को भी घर बैठे सामान आर्डर (Order) करने की लत लगा दी।
हालाँकि आपको भी महामारी अब एक बीती गुजरी बात की तरह लग सकती है, लेकिन यह देखना दिलचस्प है कि, भारत में लोग महामारी के बाद अपने काम करने के तरीके को कैसे बदल रहे हैं। महामारी के दौरान भारत में लोग इंटरनेट का खूब इस्तेमाल करने लगे। लोगों ने किराने के सामान से लेकर कपड़ों तक हर चीज़ की ऑनलाइन खरीदारी करनी शुरू कर दी। इसी बीच भुगतान के लिए मोबाइल ऐप्स (Mobile Apps) भी तेज़ी से लोकप्रिय हो गए, जिससे पैसे को छुए बिना चीजें खरीदना आसान हो गया। इन सभी कारकों और इंटरनेट की वजह से हमारे खरीदारी करने और काम करने के तरीके में बहुत बड़ा बदलाव देखा जा रहा है।
कोविड-19 (Covid-19) के कारण अधिकांश लोग स्वस्थ, सुरक्षित और स्वच्छ रहने पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने लगे। उन्होंने सुरक्षित रहने के लिए हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) और फेस मास्क (Face Mask) जैसी चीजों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। सुरक्षित और स्वस्थ रहने का यह विचार वास्तव में बेहद महत्वपूर्ण हो गया,। आज लोग तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने लगे हैं। वे सभी चीजें बड़ी ही सावधानी से ऑनलाइन खरीद रहे हैं, क्योंकि यह अधिक सुरक्षित है। प्रौद्योगिकी भी कंपनियों को ग्राहकों तक पहुंचने और उन्हें चीजें खरीदने के लिए प्रेरित करने में भी मदद कर रही है। लोग विलासिता (Luxury) वस्तुओं के बजाय साधारण चीजें भी ऑनलाइन खरीद रहे हैं और इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि उन्हें वास्तव में किस चीज की जरूरत है। बड़ा सवाल यह है कि क्या हम इन नई आदतों को बरकरार रखेंगे या फिर आने वाले समय में अपनी पुरानी आदतों को अपना लेंगे? यदि नई आदतें आसान, सस्ती और अधिक उपलब्ध होंगी तो लोग नई आदतों से जुड़े रहेंगे। उदाहरण के लिए, नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम (Netflix And Amazon Prime) जैसी सेवाएँ अधिक लोकप्रिय हो रही हैं क्योंकि उनका उपयोग करना आसान है।
एक सर्वेक्षण से पता चला है कि महामारी के बाद, कुछ लोग बार और रेस्तरां (Bar And Restaurant) में अधिक बार जाएंगे। जहां कुछ लोग भोजन को ऑनलाइन ऑर्डर करना जारी रखेंगे, जबकि अन्य लोग वापस उसी पुरानी पारंपरिक स्थिति में लौट आयेंगे।
महामारी ने दुनिया भर में चीजों को उलट-पुलट कर दिया, जिससे लोगों और व्यवसायों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का तरीका भी बदलना पड़ा। इस दौरान लोग घर पर रहे और धडाधड ऑनलाइन खरीदारी शुरू कर दी, जिसके बाद व्यवसायों को ग्राहकों तक पहुंचने के लिए नए तरीके खोजने पड़े।
कंपनियों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता व्यवहार में चार बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं:
1. लोग अधिक खर्च कर रहे हैं: महामारी के बाद, कई लोग कपड़े, यात्रा और मनोरंजन जैसी चीजों पर पैसा खर्च करना चाहते हैं।
2. ऑनलाइन खरीदारी बढ़ रही है: अधिक लोग ऑनलाइन चीजें खरीद रहे हैं और संभव है कि यह चलन आगे भी जारी रहेगा।
3. लोग घरेलू सामान पर खर्च कर रहे हैं: चूंकि महामारी के दौरान हर कोई घर पर था, इसलिए कई लोगों ने होम थिएटर (Home Theaters) और जिम (Gyms) के समान जैसी चीजों में निवेश किया।
4. ब्रांड या कंपनियों के प्रति वफादारी बदल रही है: महामारी के दौरान कई लोगों ने खरीदारी के नए तरीके आजमाए और उनमें से कई ने ब्रांड भी बदल लिए। युवा पीढ़ी ऐसे ब्रांडों की तलाश में हैं जो उनके मूल्यों से मेल खाते हों।
इस बीच पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों की एक बड़ी ऑनलाइन दुकान वनग्रीन (OneGreen) ने एक अच्छी खबर यह भी दी है कि, आज बहुत से “भारतीय अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण के बारे में अधिक सोचने और गंभीर होने लगे हैं।” बहुत से लोग ऐसे उत्पाद चुन रहे हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हों और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुँचाएँ। इससे पता चलता है कि भारत में लोग इस बात को लेकर अधिक सावधान रहने लगे हैं कि वे क्या खरीदते हैं और इसका उनके आसपास की दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
महामारी के कारण घर से काम करना भी आम हो गया। कई भारतीयों ने ऑफिस जाने की बजाय घर से ही अपना काम करना शुरू कर दिया। लोगों को ऑनलाइन मीटिंग (Online Meeting), ऑनलाइन सीखने और यहां तक कि चिकित्सकों को भी ऑनलाइन सुझाव और परामर्श देने की आदत हो गई है। घर एक ऐसा केंद्र बन गया जहाँ से बैठे-बैठे लोग अपना सारा काम कर सकते थे, सीख सकते थे और यहाँ तक कि बिना बाहर निकले स्वस्थ भी रह सकते थे।
इसी क्रम में लोगों ने चीजें खरीदने का तरीका भी बदल दिया। उन्होंने चीज़ों के बारे में और अधिक सोचना शुरू कर दिया जैसे कि उत्पाद कहां से आते हैं और उन्हें कैसे बनाया जाता है। लोग ऐसी चीज़ें चाहते थे जो पर्यावरण के लिए अच्छी हों और नैतिक रूप से बनी हों। आज लोग स्थानीय व्यवसायों को भी अधिक समर्थन देने लगे हैं। लोगों को यह अहसास हो चला है कि अपने पड़ोस के व्यवसायों की मदद करना कितना महत्वपूर्ण है, और इस पहल से उनका समुदाय भी मजबूत हो रहा है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/msem3v77
https://tinyurl.com/4pz3npzm
https://tinyurl.com/5n6wy4fj
चित्र संदर्भ
1. ऑनलाइन खरीदारी करती युवती को दर्शाता चित्रण (Freerange Stock)
2. ऑनलाइन खरीद और बिक्री को दर्शाता चित्रण (Hippopx)
3. ऑनलाइन बिक रहे कपड़ों को दर्शाता चित्रण (pickpik)
4. ऑनलाइन फ़ूड डिलिवरी को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
5. लैपटॉप में जूते देखते लोगों को दर्शाता चित्रण (Pexels)
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.