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विभिन्न पौधों के अनुसंधान, उत्पादन, संरक्षण और प्रदर्शन के लिए देश भर में अनेकों वनस्पति उद्यान बनाए गए हैं। भारत में अभी तक 122 ज्ञात वनस्पति उद्यान मौजूद हैं। वनस्पति उद्यान एक ऐसा उद्यान होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियाँ मौजूद होती हैं। इन प्रजातियों को आमतौर पर उनके वैज्ञानिक नामों के साथ लेबल किया जाता है।
भारत में पौधों की प्रजातियों की एक विस्तृत विविधता पाई जाती है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि भारत के वनस्पति उद्यानों में लगभग 200,000 प्रजातियों के जीवित पौधे मौजूद हैं। भारत में पहले वनस्पति उद्यान की स्थापना 1787 में ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के एक सैन्य अधिकारी कर्नल रॉबर्ट किड (Colonel Robert Kyd) द्वारा कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में की गई थी। इस उद्यान की स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य ऐसे नए पौधों की प्रजातियों की पहचान करना था, जिनका आर्थिक मूल्य बहुत अधिक हो, जिससे कि इन अधिक आर्थिक मूल्य वाले पौधों को व्यापार के लिए व्यावसायिक स्तर पर विकसित किया जा सके। प्रारंभ में इस उद्यान का नाम ‘रॉयल बॉटैनिक गार्डन (Royal Botanic Garden), कलकत्ता’ रखा गया था। बाद में इसका नाम बदलकर ‘कलकत्ता बॉटैनिकल गार्डन’ (Calcutta Botanical Garden) और फिर ‘इंडियन बॉटैनिकल गार्डन’ (Indian Botanical Garden) कर दिया गया। और फिर 25 जून 2009 को, प्रसिद्ध वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंद्र बोस के सम्मान में अंततः इसका नाम बदलकर ‘आचार्य जगदीश चंद्र बोस वनस्पति उद्यान’ कर दिया गया। इस उद्यान में 109 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में 12,000 से अधिक दुर्लभ पौधों की प्रजातियां उपलब्ध हैं ।
वनस्पति उद्यान बड़ी संख्या में छात्रों और वनस्पति विज्ञानियों के लिए एक बाह्य प्रयोगशाला की तरह कार्य करते हैं। ऐसे उद्यान इसलिए भी महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इन उद्यानों में विभिन्न प्रकार की लुप्तप्राय वनस्पतियों का संरक्षण किया जाता है। साथ ही ये उद्यान पौधों की विभिन्न प्रजातियों का वर्गीकरण कर उनके अध्ययन और अनुसंधान में मदद करते हैं। ये उद्यान लोगों को पौधों की स्थानीय और विदेशी प्रजातियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। वनस्पति उद्यान में पौधों की दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण के साथ-साथ आनुवंशिक विविधता का विस्तार भी किया जाता है।
भारत के कुछ अन्य महत्वपूर्ण वनस्पति उद्यानों की सूची निम्नवत है-
‘असम राज्य चिड़ियाघर-सह-वनस्पति उद्यान,’ असम,
‘वनस्पति उद्यान सारंगपुर’, चंडीगढ़,
‘संजय गांधी जैविक उद्यान’ पटना, बिहार,
‘वनस्पति उद्यान वघई’,गुजरात,
‘गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय’ अहमदाबाद, गुजरात,
‘गार्सा ब्रांका (Garça Branca) आयुर्वेदिक वनस्पति उद्यान, गोवा,
‘राष्ट्रीय कैक्टस और सरस वनस्पति उद्यान और अनुसंधान केंद्र’, हरियाणा, ,
‘लालबाग’ बैंगलोर, कर्नाटक,
‘कर्जन पार्क’ मैसूर, कर्नाटक
‘सहारनपुर वनस्पति उद्यान’, उत्तर प्रदेश
‘वनस्पति उद्यान लखनऊ’, उत्तर प्रदेश
हालांकि ‘कलकत्ता वनस्पति उद्यान’ औपचारिक रूप से स्थापित किया गया पहला वनस्पति उद्यान था, लेकिन यह जानना रोचक है कि हमारे शहर लखनऊ में विद्यमान ‘लखनऊ वनस्पति उद्यान’ भी ब्रिटिश राज के समय से मौजूद है, जिसमें दुर्लभ पौधों की अनेकों प्रजातियां पाई जाती हैं। लखनऊ के वनस्पति उद्यान को, वास्तव में ऐतिहासिक रूप से, 'सिकंदर बाग' कहा जाता था, जिसे लखनऊ के 'नवाब' द्वारा शाही उद्यान के रूप में लगभग 1800 ईसवी में बनवाया गया था। बाद में इस उद्यान को उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से प्रोफेसर कैलास नाथ कौल द्वारा ‘राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान’ के रूप में संकल्पित और स्थापित किया गया था, लेकिन 1953 में इसे ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।
‘राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान’, लखनऊ, ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’, नई दिल्ली के तहत आने वाली भारत की प्रमुख वनस्पति प्रयोगशालाओं में से एक है। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे पुराना वनस्पति उद्यान है, जो 25 हेक्टेयर के भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है। उद्यान में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के पौधों का समृद्ध संग्रह मौजूद है। यहां पौधों की कुल मिलाकर लगभग 7000 प्रजातियाँ या किस्में पाई जाती हैं, जो 210 परिवारों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस वनस्पति उद्यान में लगभग 324 पेड़ों की प्रजातियां मौजूद हैं, जो 56 परिवारों से संबंधित है। यह उद्यान आर्थिक, सजावटी, बागवानी, जैविक, पारिस्थितिक, शैक्षिक और मनोरंजक मूल्यों के महत्वपूर्ण पौधों के संरक्षण और सतत उपयोग के लिए अपने विशाल योगदान के लिए जाना जाता है। यह उद्यान स्वदेशी और विदेशी वनस्पतियों के संरक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है। चूंकि इस उद्यान में एक ही स्थान पर पेड़ों, झाड़ियों, बेल वाले पौधों आदि की विविध प्रजातियां उपलब्ध होती हैं, जिसके कारण इन वनस्पतियों के अध्ययन और अनुसंधान आदि के लिए यह उद्यान बहुत ही महत्वपूर्ण है। उद्यान में सजावटी पौधों, पेड़ों, घरेलू पौधों, औषधीय पौधों, साइकैड्स (Cycads), ताड़, पर्णांग (Fern), ब्रायोफाइट्स (Bryophytes), बोन्साई (Bonsai), जल लिली (Water lilies), कैक्टि (Cacti) आदि पौधों का एक उत्कृष्ट संग्रह मौजूद है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3lBK3E6
https://bit.ly/3yZvf5b
https://bit.ly/3FJzm9k
https://bit.ly/3FM0Dbb
https://rb.gy/mls4lo
चित्र संदर्भ
1. ‘लखनऊ वनस्पति उद्यान’ को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
2. ‘कलकत्ता बॉटैनिकल गार्डन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. लखनऊ वनस्पति उद्यान में जुरासिक गैलरी को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. लखनऊ वनस्पति उद्यान में फूलों के विवरण को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
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