होबिनहियन संस्कृति, एक प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहक (hunter-gatherer) सभ्यता थी। यह सभ्यता, लगभग 10,000 ईसा पूर्व से 2,000 ईसा पूर्व तक दक्षिण-पूर्व एशिया, विशेषकर आधुनिक वियतनाम में फैली हुई थी। यह संस्कृति, अपने अनोखे पत्थर के औज़ारों के लिए प्रसिद्ध है, जो मुख्य रूप से परतदार पत्थर से बनाए जाते थे। इस संस्कृति के लोग, अपने भोजन के लिए वन संसाधनों और नदियों पर निर्भर थे। आज के इस दिलचस्प लेख में, हम इस समृद्ध संस्कृति के लोगों और उनकी विशेषताओं के बारे में जानेंगे। इस संदर्भ में, हम यहाँ के महत्वपूर्ण स्थलों, और इन लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले औज़ारों और तकनीकों का अध्ययन करेंगे। अंत में, हम होबिनहियन संस्कृति के अध्ययन के महत्व को भी समझेंगे।
होबिनहियन संस्कृति को खासतौर पर विशेष पत्थर से बने औज़ारों के लिए जाना जाता है। इनमें छेनी और खुरचनी जैसे बड़े परतदार औजार शामिल हैं, जो स्थानीय सामग्रियों से बनाए जाते थे। इस संस्कृति के लोग संभवतः बहुत गतिशील थे। उनके अस्तित्व के प्रमाण दक्षिण-पूर्व एशिया के पहाड़ों, जंगलों और नदी घाटियों में कई पुरातात्विक स्थलों पर मिले हैं।
होबिनहियन लोग, भोजन प्राप्त करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते थे। वे छोटे जानवरों का शिकार करते थे, मछली पकड़ते थे, और जंगली पौधे और फल इकट्ठा करते थे। पुरातात्विक साक्ष्य बताते हैं कि होबिनहियन समुदाय, अपने आसपास के पर्यावरण का बड़ी ही कुशलता से उपयोग करता था। वे मौसमी परिवर्तनों के आधार पर संसाधनों की उपलब्धता को समझते थे। वास्तव में, होबिनहियन संस्कृति का अंत भी जलवायु और पर्यावरण में बदलाव से जुड़ा हुआ है। इन परिवर्तनों ने उनके भोजन और रहन-सहन को प्रभावित किया।
अब आइए, आधुनिक वियतनाम में खोजे गए महत्वपूर्ण होबिनहियन स्थलों की खोज पर चलते हैं। वियतनाम में, 120 से अधिक होबिनहियन स्थल खोजे गए हैं। यह दर्शाता है कि शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र का गहन अध्ययन किया है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वियतनाम, होबिनहियन गतिविधि का मुख्य केंद्र था।
अभी तक का सबसे पुराना होबिनहियन स्थल, शियाओडोंग (Xiaodong) में खोजा गया है। यह स्थल, चीन के युन्नान में एक बड़ा रॉकशेल्टर है, जो बर्मी सीमा से 40 किलोमीटर (25 मील) दूर है। शियाओडोंग चीन में खोजा गया एकमात्र होबिनहियन स्थल है।
तेरेंगानु, सुमात्रा, थाईलैंड, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया में भी होबिनहियन के पुरातात्विक स्थल पाए गए हैं। हालांकि, इन स्थलों के बारे में जानकारी अलग-अलग हो सकती है। यह समझना मुश्किल हो सकता है कि इन स्थानों पर होबिनहियन गतिविधियों का महत्व कितना था ।
कुछ पुरातत्वविदों का मानना है कि नेपाल, दक्षिण चीन, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया में भी होबिनहियन विशेषताओं वाले पत्थर के औज़ारों के अलग-अलग संग्रह हैं।
होबिनहियन लोगों को विशेषतौर पर इनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले औज़ारों और इनकी प्रौद्योगिकी के लिए जाना जाता है। ये लोग, पत्थर से बने सरल औज़ारों का उपयोग करते थे। उनके पास उत्तरी चीन में कोर- फ़्लेक (Core-Flake) तकनीक थी, जबकि दक्षिणी चीन में उन्होंने चॉपर-चॉपिंग टूल (Chopper-chopping tool) परंपरा का पालन किया। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने इन परंपराओं पर सवाल उठाए हैं। मध्य-देर पुरापाषाण काल तक, उत्तरी चीन में लेवलोइस और ब्लेड तकनीक जैसे नए उपकरणों का विकास हुआ। यह विकास पश्चिमी यूरेशिया के प्रभावों के परिणामस्वरूप हुआ था। इसके विपरीत, दक्षिणी चीन में परिवर्तन की गति बहुत धीमी रही। इससे सामान्य लेट पैलियोलिथिक चरण को परिभाषित करना चुनौतीपूर्ण हो गया।
उत्तर की तुलना में (जो लगभग 40,000 से 50,000 साल पहले पश्चिमी तकनीकों और संस्कृतियों से प्रभावित था।) दक्षिण पूर्व एशियाई संस्कृति के मूल और रचनात्मक विकास को बेहतर ढंग से दर्शा सकता है। होबिनहियन संस्कृति, इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
हालांकि, इस संस्कृति में केवल पत्थर के औज़ारों का ही उपयोग नहीं किया गया, शोध से पता चलता है कि इस संस्कृति के कई औज़ार बांस और लकड़ी से भी बनाए गए थे। इनमें भाले और अन्य शिकार के औज़ार शामिल थे। होबिनहियन लोग समृद्ध उष्णकटिबंधीय जंगलों में रहते थे। उन्होंने अपने पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए, पत्थर के औज़ार बनाने में अपने उत्कृष्ट कौशल का उपयोग किया। वे हज़ारों वर्षों तक प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहे।
होबिनहियन संस्कृति का अध्ययन करना क्यों ज़रूरी है?
होबिनहियन संस्कृति, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच लंबे समय तक चलने वाले संबंधों को दर्शाती है। यह दोनों क्षेत्रों की साझा सांस्कृतिक विरासत और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह संस्कृति दो क्षेत्रों को जोड़ती है और आज के "बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative)" और "मानव जाति के लिए समान नियति के चीन-आसियान समुदाय" को गहराई प्रदान करती है। इसलिए, होबिनहियन संस्कृति का अध्ययन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जहां दक्षिण पूर्व एशिया के शोधकर्ताओं ने लगभग 100 वर्षों से इस पर ध्यान केंद्रित किया है, वहीं चीनी शोधकर्ताओं ने हाल के वर्षों में इसकी खोज शुरू की है। होबिनहियन संस्कृति के बारे में हमारी समझ अभी भी सीमित है, लेकिन हम भविष्य के शोध की संभावनाओं को लेकर उत्साहित हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2yo82h2m
https://tinyurl.com/24dpe6kq
https://tinyurl.com/2d3zpcx5
चित्र संदर्भ
1. होबिनहियन संस्कृति से जुड़ी, उत्तरी वियतनाम (North Vietnam) में स्थित हीम गुफ़ा (Hiem cave) में शोधकर्ताओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. हीम गुफ़ा में खोजे गए पत्थर के औज़ारों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. हीम गुफ़ा के बाहर के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)