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सुनामी की संभावनाओं को कैसे बड़ा रहा है, जलवायु परिवर्तन

लखनऊ

 02-11-2022 10:57 AM
समुद्र

फिल्मों में समुद्र से निकलने वाली विनाशकारी सूनामी की लहरों में बड़े-बड़े शहरों को डूबते हुए आपने अक्सर देखा होगा। लेकिन असली दुनियां में भी सुनामी एक भयावह वास्तविकता है, जो हालांकि बेहद कम घटित होती है, लेकिन जब भी घटती है, तब नुकसान करने की सारी कसर पूरी कर देती है।
सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है। यह समुद्र में शक्तिशाली भूकंपों, ज्वालामुखी विस्फोटों, भूस्खलनों, या बस एक क्षुद्रग्रह या समुद्र के अंदर एक उल्का दुर्घटना के कारण समुद्र में तेज गति से चलने वाली लहरों की एक श्रृंखला होती है। सुनामी एक छोटी लहर के रूप में शुरू होती है और अंततः एक बड़ी लहर में बदल जाती है।इस दौरान लहरें महासागर में बहुत तेज गति से यात्रा करती हैं। यह विशालकाय लहरें समुद्र तटों को तोड़ सकती हैं, पेड़ों को नष्ट कर सकती हैं, वाहनों, घरों को उछाल सकती हैं और यहां तक ​​कि पूरे कस्बों तथा शहरों को भी नष्ट कर सकती हैं। सुनामी तब भी हो सकती है जब कोई उल्कापिंड पृथ्वी की सतह से टकराता है, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। सूनामी आमतौर पर प्रशांत महासागर में आती है, विशेष रूप से जिसे रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) कहा जाता है। सुनामी को रोका नहीं जा सकता। हालांकि कुछ जरूरी उपाय अपनाकर, सुनामी से प्रभावित होने या मरने वालों की संख्या को कम किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चेतावनी प्रणालियाँ, विशेष रूप से प्रशांत महासागर के लिए, बड़ी लहरों के तट पर पहुँचने से पहले चेतावनी जारी करती हैं। सुनामी को अक्सर भूकंपीय समुद्री लहर या ज्वारीय लहरें भी कहा जाता है क्योंकि वे आम तौर पर समुद्र की सतह की सामान्य लहरों की तुलना में अधिक धीरे-धीरे उठती और गिरती हैं। हालांकि सुनामी का ज्वार से कोई संबंध नहीं होता है।
प्रलेखित इतिहास में दर्ज सबसे घातक सुनामी 26 दिसंबर 2004 को दर्ज की गई थी, और इसे 2004 हिंद महासागर सुनामी के रूप में जाना जाता है। यह भूकंप के कारण आई थी, जिसकी तीव्रता 9.1 बताई गई थी। इसका केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा के तट के पास का समुद्र था और इस आपदा से 230,000 से अधिक लोग, मुख्यतः हिंद महासागर के तट पर मारे गए। सुनामी बहुत तेज होती है और कई किलोमीटर अंतर्देशीय तक जा सकती है। सुनामी आने से लगभग 5 से 10 मिनट पहले, समुद्र एक असामान्य दूरी से पीछे हटता हुआ प्रतीत होता है। यह एक चेतावनी है कि सुनामी आ सकती है। इससे बचने का एक अच्छा तरीका एक ऊंचे क्षेत्र पर चढ़ना हो सकता है। जानवरों में अजीब या असामान्य व्यवहार भी सुनामी का संकेत हो सकता है। संभावित सुनामी के संकेतों में से एक बड़ा संकेत 20 सेकंड से अधिक समय तक रहा हुआ भूकंप होता है। यदि कोई क्षेत्र बहुत बड़े भूकंप से हिल गया है, तो सतर्क रहना चाहिए क्यों की भूकंप के केंद्र के दायरे में स्थित तटरेखाएं सुनामी की चपेट में आ सकती हैं। सूनामी आने का सबसे बड़ा कारण भूकंप होता है हालाँकि 15% सुनामी ज्वालामुखियों या भूस्खलन के कारण आती हैं।
लेकिन वर्तमान में एक बड़ा प्रश्न यह उठ रहा है की क्या जलवायु परिवर्तन सुनामी आने का कारण है?
जैसे-जैसे हमारी पृथ्वी गर्म हो रही है, वैसे-वैसे हम लगातार, तीव्र तूफान, चक्रवात, ग्लेशियरों और बर्फ की चोटियों के पिघलने तथा समुद्र के स्तर में वृद्धि देख रहे हैं। हालाँकि, जलवायु परिवर्तन न केवल वातावरण और महासागरों को प्रभावित करता है, बल्कि यह पृथ्वी के वायुमंडल को भी प्रभावित करता है। जलवायु से जुड़े भूवैज्ञानिक परिवर्तन भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाओं को बढ़ा सकते हैं, जो बदले में, सूनामी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। जैसे: 1. समुद्र के स्तर में वृद्धि: यदि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन उच्च दर पर बना रहता है, तो औसत वैश्विक समुद्र स्तर 60 सेंटीमीटर और 1.1 मीटर के बीच बढ़ने का अनुमान है। इससे पांच मिलियन से अधिक आबादी वाली दुनिया के लगभग दो तिहाई शहर जोखिम में बढ़ जाता हैं। समुद्र का बढ़ता स्तर न केवल तटीय समुदायों को तूफानों से बाढ़ के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है, बल्कि सूनामी का कारण भी बन सकता है। समुद्र के स्तर में मामूली वृद्धि भी सुनामी आने पर बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता में नाटकीय रूप से वृद्धि करेगी। 2. भूस्खलन: पानी के नीचे और जमीन के ऊपर गर्म जलवायु, भूस्खलन के जोखिम को बढ़ा सकती है, जिससे स्थानीय सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। उच्च अक्षांशों पर पर्माफ्रॉस्ट “Permafrost” (जमी हुई मिट्टी) के पिघलने से मिट्टी की स्थिरता कम हो जाती है, जिससे यह कटाव और भूस्खलन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। अधिक तीव्र वर्षा भूस्खलन को भी उत्प्रेरित कर सकती है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के तहत तूफान अधिक बार आते हैं।
सामान्य तौर पर, भूस्खलन या चट्टान गिरने से उत्पन्न सुनामी लहरें जल्दी से विलुप्त हो जाती हैं, लेकिन फिर भी वे स्थानीय स्तर पर बड़ी लहरें पैदा कर सकती हैं। 3. हिमशैल का अस्थिर होना और बर्फ का पिघलना: जलवायु परिवर्तन हिमशैल के अस्थिर होने (जब बर्फ के टुकड़े समुद्र में गिरते हैं) की दर को तेज कर रहा है। अध्ययनों का अनुमान है कि अंटार्कटिका में थ्वाइट्स ग्लेशियर (Thwaites Glacier) जैसे बड़े बर्फ के टीलों की अगले पांच से दस वर्षों में ढहने की संभावना है। इसी तरह, ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर पतली हो रही है और खतरनाक दर से घट रही है। जबकि वर्तमान शोध का अधिकांश ध्यान ग्लेशियरों और बर्फ की चादर के पिघलने और ढहने से जुड़े समुद्र के स्तर के जोखिम पर है, लेकिन इनके टूटने की प्रक्रिया से सुनामी का खतरा भी उत्पन्न हो जाता है। 4. बर्फ के पिघलने से ज्वालामुखीय गतिविधि: अंतिम हिमयुग लगभग 12,000 साल पहले, समाप्त हो गया था और पिघलने वाली बर्फ के कारण ज्वालामुखी गतिविधि ने एक नाटकीय वृद्धि शुरू कर दी थी। हालांकि जलवायु परिवर्तन और अधिक ज्वालामुखी विस्फोटों के बीच संबंध अभी तक अच्छी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन फिर भी ज्वालामुखी विस्फोटों से सुनामी की लहरें उत्पन्न हो सकती हैं। 5. बढ़े हुए भूकंप: ऐसे कई तरीके हैं जिनसे जलवायु परिवर्तन, भूकंपों की आवृत्ति को बढ़ा सकता है, और इसलिए यह सुनामी के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि इसका एक अन्य कारक तूफान और आंधी से जुड़ा कम हवा का दबाव भी है, जो भूकंप उन क्षेत्रों में ट्रिगर कर सकते हैं जहां पृथ्वी की बाहरी परत पहले से ही तनाव में है।
सुनामी की तैयारी कैसे करें?
. बाढ़ से संबंधित किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए अपने घर और जमीन की जांच कर लें।
. अपने घर में गैस और बिजली बंद करने का तरीका जानें।
३. तहखाने में अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा न करें। उन्हें उच्च स्तर पर बाढ़ के नुकसान से सुरक्षित रखें।
. सुनिश्चित करें कि आपके परिवार के पास एक आपातकालीन किट और योजना है।
. सुनिश्चित करें कि आपातकालीन किट पहियों के साथ बैकपैक या सूटकेस में पोर्टेबल (परिवहन हेतु सुलभ) है।

संदर्भ
https://bit.ly/3U9E9Wn
https://bit.ly/3SQXv1m
https://bit.ly/3DroyKS
https://bit.ly/3U97Hn0

चित्र संदर्भ

1. सुनामी के डरावने परिदृश्य को दर्शाता एक चित्रण (Needpix)
2. रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. शहर में प्रवेश करती सुनामी को दर्शाता एक चित्रण (Max Pixel)
4. छह मीटर समुद्र के स्तर में वृद्धि के साथ पृथ्वी का नक्शा लाल रंग में दर्शाया गया है। को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. पेरू में विशाल भू स्खलन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. पिघलती बर्फ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. एक ज्वालामुखी विस्फोट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. भूकंप को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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