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आज पूरा विश्व,“विश्व खाद्य दिवस” मना रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया से भुखमरी
को खत्म करना तथा सभी तक भोजन की उचित मात्रा उपलब्ध कराना है। आज 2022 में
हम यह स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, कि कोरोना महामारी और ग्लोबल वार्मिंग (Global
warming) के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ती जा रही हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय तनाव
भी बढ़ता जा रहा है। परिणामस्वरूप हमारी वैश्विक खाद्य सुरक्षा बहुत बुरी तरह से प्रभावित
हो रही है। आज हमें एक ऐसी स्थायी दुनिया बनाने की जरूरत है जहां हर किसी को, हर
जगह पर्याप्त पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो, तथा कोई भी इससे वंचित न रहे।
हालांकि हमने
एक बेहतर दुनिया के निर्माण की दिशा में प्रगति की है, लेकिन अभी भी ऐसे बहुत से लोग
हैं, जो पौष्टिक खाद्य सुरक्षा से वंचित हैं तथा मानव विकास, नवाचार या आर्थिक विकास
का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वास्तव में, दुनिया भर में ऐसे लाखों लोग हैं, जो स्वस्थ आहार
का खर्च नहीं उठा सकते हैं, और अक्सर खाद्य असुरक्षा और कुपोषण का सामना करते हैं।
भूख को खत्म करने के लिए केवल खाद्य आपूर्ति ही काफी नहीं है, बल्कि धरती पर सभी
को उचित खाद्य सुविधा प्रदान करने के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन भी आवश्यक है।
खाद्य सुरक्षा के मुद्दों को हल करने के लिए भारत, इज़राइल (Israel), संयुक्त अरब अमीरात
(UAE) और संयुक्त राज्य अमेरिका(USA) ने मिलकर एक समूह की स्थापना की है जिसे I2U2
समूह के नाम से जाना जाता है। भारत-इज़राइल-संयुक्त अरब अमीरात-अमेरिका फूड कॉरिडोर
और पार्क अब खाद्य सुरक्षा चुनौती को समग्र रूप से संबोधित करने की ओर अग्रसर हैं।
इनका उद्देश्य तीन मुख्य लक्ष्यों को प्राप्त करना है, जिनमें भारत में फसल की पैदावार
बढ़ाना, भारतीय किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति करके, उन्हें सर्वोत्तम संभव
और उभरती हुई कृषि-तकनीकी सुविधाओं से युक्त करके और उनके कृषि उत्पादों को बेहतर
दरों पर विपणन करके उनकी आय बढ़ाना, तथा दक्षिण एशियाई (Asian) और मध्य पूर्वी
बाजारों की आवश्यकताएं पूरी करने के लिए निर्यात गुणवत्ता मानक बनाना है।
इस तरह की पहल न केवल बेहतर परिणाम देगी, बल्कि इसके सफल होने की एक बेहतर
संभावना है क्योंकि इसमें विभिन्न विशेषताओं का समावेश है। उदाहरण के लिए अमेरिका
जहां अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है, वहीं इज़राइल अपनी शीर्ष कृषि
तकनीक प्रौद्योगिकियों के लिए प्रसिद्ध है।संयुक्त अरब अमीरात एक बेहतर निवेश करने में
सक्षम है, तो भारत पारंपरिक खेती में अपने सदियों पुराने अनुभव के लिए प्रसिद्ध है। इसके
अलावा यह विशाल मानव पूंजी, विशाल कृषि योग्य भूमि और सीमित राजनयिक बाधाओं के
लिए भी जाना जाता है, जिससे व्यापार की संभावनाएं आसान बन जाती हैं।अगर यह पहल
सफल होती है, तो यह देश में किसान की दुर्दशा को भी हल कर सकती है।
I2U2 परियोजना के तहत, संयुक्त अरब अमीरात ने 2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने
का वादा किया है तथा खाद्य अपव्यय को कम करने, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा
स्रोतों को नियोजित करने के लिए संभावित पार्क अत्याधुनिक जलवायु-स्मार्ट प्रौद्योगिकियों
को शामिल किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि इजराइल देश भर में फसल की उपज बढ़ाने
के लिए उभरती हुई कृषि-तकनीकी प्रौद्योगिकियों के साथ उत्कृष्टता केंद्र बनाकर पहले से ही
भारत की मदद कर रहा है।कृषि और जल संरक्षण को समग्र रूप से आगे बढ़ाने के लिए
इज़राइल ने भारत में कृषि और जल अधिकारियों को नियुक्त किया है। भारत जहां इस
परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध कराएगा और किसानों को फूड पार्कों में एकीकृत करने की
सुविधा प्रदान करेगा, वहीं अमेरिका और इजरायल के निजी क्षेत्र इस परियोजना की समग्र
स्थिरता के लिए कार्य करेंगे और नवीन समाधान पेश करेंगे। इन निवेशों से फसल की
पैदावार को अधिकतम करने में मदद मिलेगी और बदले में, दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में
खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद मिलेगी।
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में, I2U2 गुजरात में एक हाइब्रिड अक्षय ऊर्जा परियोजना को आगे
बढ़ाएगा। संयुक्त अरब अमीरात स्थित कंपनियां परियोजना के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान और
निवेश भागीदारों के रूप में सेवा करने के लिए अवसर तलाश रही हैं। खाद्य सुरक्षा एक ऐसा
क्षेत्र है जहां ये चार देश पूरी दुनिया के सामने तत्काल संकट से निपटने में मदद करने के
लिए एक साथ आ सकते हैं। संयुक्त प्रयास, तकनीकी और वित्तीय निवेश, और बढ़ती खाद्य
असुरक्षा को दूर करने के लिए बढ़ते संकल्प भागीदारों द्वारा शुरू की गई इस अपरंपरागत
परियोजना के पीछे एक प्रेरक शक्ति है।
भारत खाद्य सुरक्षा के लिए G20 के साथ भी काम कर रहा है, ताकि ऋण, आर्थिक विकास,
खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा और विशेष रूप से पर्यावरण जैसे गंभीर मुद्दों को संबोधित किया
जा सके। इसके तहत भारत ने अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और दवाओं और
टीकों की कई खेपें भेंजी। ईंधन, आवश्यक वस्तुओं और व्यापार समझौते के लिए श्रीलंका को
3.8 बिलियन डॉलर का ऋण दिया तथा म्यांमार को 10,000 मीट्रिक टन खाद्य सहायता
और वैक्सीन शिपमेंट की आपूर्ति की।
संदर्भ:
https://bit.ly/3EOD2H0
https://bit.ly/3S30uU5
https://bit.ly/3S0jZfW
चित्र संदर्भ
1. I2U2 समूह एवं उसके उद्देश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. मध्याहन भोजन करते बच्चों को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
3. I2U2 समूह के राष्ट्र ध्वजों को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. नेकॉन ग्रीनटेक मेगा फ़ूड पार्क , को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
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