Post Viewership from Post Date to 10-Sep-2022 (30th Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
1802 20 1822

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

ऑनलाइन खरीदारी के बजाए लखनऊ के रौनकदार बाज़ारों में सजी हुई राखिये खरीदने का मज़ा ही कुछ और है

लखनऊ

 11-08-2022 10:20 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सलामती की प्रार्थना करती हैं। वहीं, बदले में भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है। लखनऊ के बाजारों में राखियों की रौनक देख कर ही बनती है! इस बार ‘ तिरंगे वाली राखी’ सबसे ज्यादा बिकने वाली राखी बन गई है।
लखनऊ में तिरंगे की राखी खरीदने के लिए अमीनाबाद, नखास, चौक राजाजीपुरम, बादशाह नगर, अलीगंज बाजार और गोमती नगर के प्रसिद्ध बाजारों में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है। रक्षा बंधन त्योहार जिसमें अकेले चीन (China) लगभग 4,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है। दो साल बाद बाजार फिर से सामान्य हो गया है लेकिन राखी विक्रेताओं की अभी तक संतोषजनक बिक्री नहीं हो पायी है। इसका एक कारण यह हो सकता है कि बहुत सारे ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं। भाई और बहन के बीच के बंधन के इस त्‍यौहार ने निश्चित रूप से राखी के निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं की जेबें भर दी हैं। हालांकि, समय और प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, छोटे विक्रेताओं के लिए बाजार सिकुड़ रहा है। एक अन्य राखी स्टाल के मालिक जसबीर ने कहा, “आजकल, बड़े निर्माता एलईडी (LED) लगा कर राखी बना रहे हैं और कभी-कभी उनमें कुछ गाने भी होते हैं जो इन दिनों अधिक लोकप्रिय साबित हो रहे हैं।“ इसके अलावा, ई-कॉमर्स साइटें आजकल ग्राहकों को लुभाने के लिए विभिन्न उपहार पैकेजों और ऑफ़र से भरी पड़ी हैं। इस राखी सीजन के दौरान ऑनलाइन गिफ्टिंग पोर्टल्स (online gifting portals) की बिक्री और ऑर्डर में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। पिछले साल की तुलना में ऑनलाइन ऑर्डर में 50 फीसदी और रेवेन्यू (revenue) में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राखी सीजन के दौरान बिक्री हमारे वार्षिक राजस्व में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करती है। परफ्यूम, चॉकलेट और ज्वैलरी जैसे पारंपरिक उपहार वस्तुओं के अलावा, आईपोड (iPod) और मोबाइल फोन (mobile phone) के साथ सोने की राखी, मोती की राखी, जरदोजी राखी ने भी ग्राहकों को आकर्षित किया है। ऑनलाइन उपहार देने वाले पोर्टलों ने पिछले साल की तुलना में इस रक्षा बंधन के मौसम में राजस्व में 75 प्रतिशत की वृद्धि देखी है।
MouthShut.com के सीईओ (CEO) फैसल फारूकी ने कहा “घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ग्राहक दूर-दराज के स्थानों पर राखी और उपहार भेजने के लिए ऑनलाइन माध्यम का उपयोग कर रहे हैं। राखी पर, ऑनलाइन पोर्टल (online portal) उन उपहारों को बेचने का प्रयास करते हैं जो भावना को दर्शाते हैं और भारतीय परंपरा को चित्रित करते हैं,”। लखनऊ के राखी विक्रेता शिवम अग्रवाल ने कहा, “बाजार धीमा है और हम दो साल के लॉकडाउन के बाद उम्मीद के मुताबिक बिक्री नहीं हो रही है।” ऑनलाइन बाजारों को तरजीह देने वाले लोगों पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “पूरे उ.प्र. में 10,000 से अधिक विक्रेता मेरे साथ जुड़े हुए हैं।
इनमें से 80 फीसदी लोग खरीददारी के लिए नहीं आए हैं। उन्हें राखियों की कम मांग का डर था, और यह भी कि पुलिस सड़कों पर स्टालों की अनुमति नहीं देगी।” उन्होंने कहा, “ई-शॉपिंग (e-shopping) पर स्विच (switch) करने वाले लोगों को लाभ का लालच दिया जाता है और वे प्रत्येक बिक्री पर 100% मार्जिन (margin) अर्जित करते हैं क्योंकि राखी की कीमत ₹ 20 न्यूनतम 150 पर ऑनलाइन बेची जा रही है”। जयपुर स्थित उपहार बेचने वाली कंपनी इंडिगिफ्ट्स (indigifts) के संस्थापक नितिन जैन ने कहा “कोविड-19 के कारण, लोगों को घर पर बैठकर ऑनलाइन खरीदारी करने की आदत हो गई है। भले ही भारत में ई-कॉमर्स (e- commerce) बाजार 5% से कम है, फिर भी यह एक बड़ी संख्या है, ”। राखी डाक या कुरियर से भेजना ई-कॉमर्स डिलीवरी (e-commerce delivery) से ज्यादा महंगा साबित हो रहा है। अमेज़न (Amazon) पर डिलीवरी शुल्क सहित पूरे भारत में कहीं भी ₹ 160 में राखी भेज सकते हैं। फ्लिपकार्ट (Flipkart) से मात्र 100 रूपय में भारत में कहीं पर भी राखी भेज सकते हैं। इंडियन पोस्ट (Indian Post) की वेबसाइट (Website) के मुताबिक करीब 200 ग्राम के एक पैकेट की कीमत ₹ 47- ₹ 100 (टैक्स सहित) के बीच होगी।
उत्पाद की दूरी और वजन के आधार पर कीमत अधिक हो जाती है। डालीगंज डाकघर के एक डाकिया ने कहा “कुछ साल पहले तक, रक्षा बंधन एक ऐसा दौर था जब मैं पूरे दिन राखी बांटने में व्यस्त रहता था। हालांकि, हाल के वर्षों में इसमें काफी गिरावट आई है”। आज के समय में लोग समान या अनुकुलित उत्‍पाद खरीदना पसंद करते हैं जो ऑनलाइन मंच के माध्‍यम से आसानी से उपलब्‍ध होती हैं। वेब सीरीज (web series) के मशहूर किरदार लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। मनी हाईस्ट (money heist) जैसी लोकप्रिय वेब सीरीज और कैप्टन अमेरिका (Captain America) जैसे हॉलीवुड (Hollywood) किरदार और अन्य सुपरहीरो (superheroes) किरदार युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। आज नाम और रंग के साथ समानता रखने वाली राखी भी उपलब्ध हैं। विभिन्न ऑनलाइन स्टोर राखी भी बेचते हैं जिन्हें आप लगा सकते हैं और हर्बल राखियां भी बेच सकते हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/3vHBgm1
https://bit.ly/3JAeZfi
https://bit.ly/3BLDtAI
https://bit.ly/3BJaCg3

चित्र संदर्भ
1. लखनऊ के एक बाजार में खरीदारी करते लोगों को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
2. बाजार में लटकी राखियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. राखियों के ऑनलाइन दामों को दर्शाता एक चित्रण (google)
4. राखी की पैकेजिंग को दर्शाता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM


  • खनिजों के वर्गीकरण में सबसे प्रचलित है डाना खनिज विज्ञान प्रणाली
    खनिज

     09-09-2024 09:45 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id