रामपुर के निकट आ रहा है कम लागत वाला स्थानीय हवाई अड्डा

लखनऊ

 29-09-2021 11:06 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए हमारे पास परिवहन के ढेरों माध्यम उपलब्ध हैं, किंतु हवाई जहाज के माध्यम से हवा में उड़कर यह सफर तय करना, न केवल बेहद रोमांचक होता है, बल्कि हमारे बहुमूल्य समय की बचत भी करता है। साथ ही हवाई यात्रा क्षेत्रीय विकास को भी रफ़्तार देती है। हालांकि अधिकांश हवाई सेवाएं देश में बड़े शहरों तक ही सीमित है, किंतु यदि छोटे स्थानीय शहरों में भी, भले ही कम लागत वाले हवाई अड्डों का निर्माण हो लेकिन यह बड़े बदलाव ला सकता है।
भारतीय शहरों में कम विलासिता (low-luxury) वाले, क्षेत्रीय हवाई अड्डे भारत के विमानन उद्योग के लिए विकास की अगली लहर को गति दे सकते हैं। राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति के अनुसार “सरकार मौजूदा हवाई मार्गों का विस्तार करेगी”। जिसके तहत हवाई सेवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों में भी उड़ान भरनी होगी। इसके तहत ऐसे हवाई अड्डों का निर्माण करने पर विचार किया जा रहा है, जिनकी लागत ₹ 50 करोड़ से कम है। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी (Ohio State University) में प्रोफेसर नवल तनेजा के अनुसार: “कनेक्टिविटी यानी लोगों का एक दूसरे से जुड़े रहना, न केवल सामाजिक विकास को बढ़ाने के लिए, बल्कि एक क्षेत्र में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अतः इन दोनों उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हवाई जहाज के माध्यम से कनेक्टिविटी सबसे अधिक प्रभावी तरीका है। और, यदि इस नीति को देश भर में कई क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से लागू किया जाता है, तो यह निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, साथ ही क्षेत्रीय उड़ानों में एयरलाइनों की रुचि और बिना तामझाम वाले हवाई अड्डों के कारण, कम लागत वाले हवाई सफर से यातायात में भी काफी सुधार हो सकता है। इस संदर्भ में 2016-17 के केंद्रीय बजट में भी घरेलू हवाई यात्रा को भी बढ़ावा दिया गया है। जिसके अंतर्गत सरकार योग्य हवाई पट्टियों की पहचान करेगी,और फिर राज्य सरकारों से क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास की लागत साझा करने के लिए कहेगी। इस योजना में राज्य द्वारा संचालित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के स्वामित्व वाले हवाई अड्डों का पुनरुद्धार किया जाना भी शामिल है। इस संदर्भ में एएआई ने अगले पांच वर्षों में लगभग ₹ 20,000 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है, जिसमें से ₹ ​​18,000 करोड़ हवाई अड्डा योजनाओं के लिए, ₹ 128 करोड़ सूचना प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए और ₹ 865 करोड़ हवाईअड्डा प्रणालियों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
क्षेत्रीय स्तर पर हवाई सेवा के विस्तार के साथ ही उत्तर प्रदेश के आठ शहरों में क्षेत्रीय हवाई अड्डों का निर्माण सुनिश्चित हो गया है। जिसके अंतर्गत मुरादाबाद मुंडा पाण्डेय हवाई पट्टी के स्थान पर हवाई अड्डा बन जायेगा। सरकार द्वारा उठाये गए इस कदम से मुरादाबाद के पीतल उद्द्योग को भी लाभ मिलेगा। हालांकि पहले मुरादाबाद में केवल हवाई पट्टी ही थी, जिसमें केवल सरकारी जहाज ही उतर सकते थे, वही अब एयरपोर्ट (Airport) बनने के बाद यहां पर विदेशी नागरिक भी ख़रीदार बनकर आ सकते हैं। मुरादाबाद में हवाई अड्डा बनने की खबर के साथ ही यहां पर जमीनों के भाव भी बेहद ऊँचे हो गए हैं। स्थानीय हवाई अड्डों के विभिन्न लाभों में व्यापार और वाणिज्य सार्वजनिक सुरक्षा, आपदा और आपातकालीन प्रतिक्रिया, सामुदायिक जीवन को समृद्ध करना, वन निरीक्षण आदि अनगिनत लाभ शामिल हैं। साथ ही एयर एम्बुलेंस (air ambulance) के माध्यम से आग, बाढ़, खोज और बचाव, के कार्य भी तुरंत किये जा सकते हैं। मुख्य रूप से किसी भी छोटे शहर में हवाईअड्डा नहीं होने से स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में कमी आएगी, स्थानीय, राज्य और संघीय एजेंसियों की आपदाओं और आपात स्थितियों का जवाब देने में सक्षम होने की क्षमता कम हो जाएगी, अतः क्षेत्रीय हवाई अड्डे कई अन्य चुनौतियों का बेहतर समाधान भी साबित हो सकते हैं।
हालाँकि जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलु होते हैं उसी प्रकार ग्रामीण अथवा स्थनीय हवाई सेवाओं की कुछ हानियां भी देखी जाती हैं। सबसे बड़ी हानि आर्थिक क्षेत्र में देखी जाती है, उदाहरण के लिए, कम लागत में बनाया गया एक बिगड़ता हवाई अड्डा स्थानीय व्यवसायों की लागत को बढ़ाता है, जिसमे उन्हें अधिक दूर के हवाई अड्डे पर भरोसा करने या परिवहन के अधिक महंगे साधनों का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है। अपर्याप्त हवाई अड्डे भी ग्रामीण व्यापार फर्मों के भौगोलिक बाजार क्षेत्रों को प्रतिबंधित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बिक्री और मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

संदर्भ
https://bit.ly/3m4ShAU
https://bit.ly/3kKeCUL
https://bit.ly/3CQ8uk9
https://bit.ly/3kI578H
https://trid.trb.org/view/674446

चित्र संदर्भ
1. निर्माणधीन एयरपोर्ट का एक चित्रण (CAPA)
2. 2000 के दशक के मध्य तक इंडियन एयरलाइंस के पुराने डीप ऑरेंज लोगो का एक चित्रण (wikimedia)
3. हवाई अड्डे पर खड़े विमान का एक चित्रण (flickr)
4. लखनऊ चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का एक चित्रण (constructionworld)



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id