शहरीकरण पर पूरा ध्यान केंद्रित करने की वजह से अक्सर हम इससे पैदा होने वाले बुरे नतीजों की तरफ ध्यान नहीं दे पाते, जैसे कि अस्थिर पारिस्थिकी। आर्कोलॉजी (Arcology) शब्द आर्कियोलॉजी (Archeology) और इकोलॉजी (Ecology) के मिश्रण से बना है। इसका इस्तेमाल घने बसे निम्न पारिस्थितिकी वाले इलाकों के लिए उपयुक्त वास्तु तैयार करने में होता है। इस शब्द की शुरुआत 1969 में वास्तु शास्त्री पाओलो सोलेरी (Paolo Soleri) ने की थी। वे मानते थे कि एक संपूर्ण आर्कोलॉजी के जरिए ही अलग-अलग तरह के रिहायशी, व्यवसायिक और कृषि संबंधी ऐसे निर्माण किए जा सकते हैं, जो इंसान के पर्यावरण पर दुष्प्रभाव को कम करने में भी मददगार होंगे। यह निर्माण पूरी तरह काल्पनिक थे और आज तक कोई आर्कोलॉजी निर्माण नहीं हो सका है। यह संकल्पना विज्ञान साहित्य लिखने वालों ने खूब प्रचलित की। आर्कोलॉजी इमारतें यदि बनती तो उनमें सभी मूलभूत सुविधाएं होती। वह अपनी ऊर्जा स्वयं पैदा करते, अपना भोजन स्वयं उगाते, हवा पानी की शुद्धता बरकरार रखते और कूड़ा निस्तारण की पूरी व्यवस्था रखी जाती। इन इमारतों में कार नहीं होती, जिससे प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन घट जाते हैं।
यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में स्थापत्य का क्या स्वरूप होगा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organisation) के अनुमान के अनुसार 2050 तक हमारे ग्रह पर 9.7 बिलियन लोग रह रहे होंगे। फिलहाल तो हम इंतजार ही करेंगे कि स्थापत्य कैसे इस चुनौती का सामना करेगा।
1970 में न्यूयॉर्क सिटी (Newyork City) के भावी अंधेरे स्वरूप को सामने लाने के लिए कई कॉमिक (Comic) चरित्रों की रचना हुई। उस समय की दूसरी कथाओं से अलग पीच ट्री (Peach Tree) कथा में स्वयं में एक बड़ा शहर था, जिसमें काफी बड़ी इमारत थी। आर्कोलॉजीकल (Arcological) परिकल्पनाएं फ्रैंक लॉयड राइट (Frank Lloyd Wright) के ब्रॉडएकर सिटी (Broadacre City) और बकमिंस्टर फुलर (Buckminster Fuller) के प्रस्तावित ओल्ड मैन रिवर सिटी परियोजना (Old Man River City Project) में देखे जा सकते हैं।
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