क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर

मिट्टी के बर्तन से काँच व आभूषण तक
30-07-2020 02:40 PM
क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर

प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है:

संस्कृति

1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं।

2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है।

प्रकृति

1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि।

2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन।

3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है।


क्या रहा मनुष्य और उसके आविष्कारों के अनुसार, अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर


1. म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण:

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3981/Lucknow-has-a-unique-art-of-making-pottery


2. हथियार व खिलौने

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3413/How-much-can-Lucknow-be-affected-by-a-nuclear-attack


3. य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

हाइपरलूप हल कर सकता है बढ़ती यातायात समस्या को

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3442/Hyperloop-can-solve-increasing-traffic-problem


4. संचार एवं संचार यन्त्र

लंबी दूरी के संचार को सक्षम करने वाली पहली तकनीक है टेलीग्राफ

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/4382/Telegraph-is-the-first-technology-to-enable-long-distance-communication


5. घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

क्या है एक घर के लिए उचित प्रकाश प्रबंधन?

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3542/imprtance-of-interior-lighting


6. वास्तुकला 1 वाह्य भवन

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3839/The-Bada-Imambara-of-Lucknow-is-a-very-special-building


7. वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

भारत में जूट का व्‍यापार

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/2703/jute-market-in-India


8. नगरीकरण- शहर व शक्ति

क्या लखनऊ में चल रही पारिस्थितिकी बनाम मनुष्य की बहस में पिस जायेगी 109 साल पुरानी धरोहर

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/4044/Will-109-year-old-heritage-be-lost-in-the-ongoing-debate-of-ecology-versus-humans-in-Lucknow


9. सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

आइये समझें बिटकॉइन तथा क्रिप्टोकरेंसी को

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3689/Lets-understand-bitcoin-and-cryptocurrency


10. सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

प्राचीन समय में शारीरिक रूप से संचालित किए जाते थे पंखे

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/4450/In-ancient-times-fans-were-operated-physically


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