वर्तमान समय में जब हमें गर्मी लगती है तो उससे राहत पाने के लिए हम पंखे, ए.सी. (A.C) या कूलर (Cooler) को खोलकर उसके नीचे बैठ जाते हैं, लेकिन पंखे, कूलर और ए.सी. के आविष्कार से पहले गर्मी से राहत पाने के लिए मानव द्वारा संचलित पंखों का उपयोग किया जाता था। जब से बिजली के पंखों ने घरों और दफ्तरों में प्रवेश किया है, तब से पंखे चलाने वाले सेवकों ने अपना पेशा खो दिया ह––। दरअसल पहले के समय में पंखा वाला उस व्यक्ति को कहा जाता था जो शारीरिक रूप से पंखे को संचालित करते थे। वहीं इस कार्य के लिए उस समय आमतौर पर बधिर व्यक्ति का चयन किया जाता था, क्योंकि एक पंखा वाला हमेशा गोपनीय वार्तालापों के वक्त भी मौजूद रहता था।
ऐतिहासिक रूप से सबसे पहले नकली हवा की शुरुआत अश्शूर और मिस्र के शाही और धनी व्यक्तियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने गर्मी के दिनों में ठंडक प्राप्त करने के लिए विशाल पत्तियों को लहरवाने के लिए सेवकों के एक छोटे दल को नियुक्त किया था। हस्तचलित पंखे, जो आज भी देखे जाते हैं, मसीह के जन्म के आसपास अस्तित्व में आए थे। वहीं एक जापानी तह पंखा ‘अकोमोगी (Akomeogi)’ छठी शताब्दी ईस्वी का माना जाता है। भारत में, मोर के पंखों का एक बड़ा पंखा शासक की शाश्वत सतर्कता का प्रतीक था। यूरोप में हस्तचलित पंखे मध्य युग में आए और लोकप्रिय हुए थे। वहीं 1750 के दशक के मध्य तक अकेले पेरिस में 150 पंखे के निर्माता थे।
चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में एक पंखे वाले को पंखा झलते हुए दिखाया गया है। (British Museum, Public Library)
2. दूसरे चित्र में कोलोनिअल भारत में एक पंखे वाले और एक अन्य सेवक को दिखाया गया है। (Pinterest)
3. तीसरे चित्र में एक पंखे वाला अर्धनिद्रा में पंखा झेल रहा है। (Indiavisual FB Page)
4. चौथे चित्र में दो पंखे वाले लेटकर पंखा झेल रहे हैं। (Royal Society for Asian Affairs, London/Bridgeman)
5. अंतिम चित्र में जोधपर किले में टंगे हुए हस्त पंखे को दिखाया गया है। (Wikipedia)
संदर्भ :-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Punkah_wallah
2. http://dailym.ai/2X9KjuY
3. https://web.archive.org/web/20160309015436/
4. http://newsfinder.org/site/more/ceiling_fans
5. https://bit.ly/3gzxfH8
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.