वायरलेस डिवाइस के बारे में कौन नहीं जानता, वो डिवाइस जो बिना किसी केवल(Cable) या तार के काम करते हैं जैसे मोबाईल फोन, रिमोट कंट्रोल, आदि। आप सभी मोबाईल फोन का इस्तेमाल करते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोबाईल फोन जेनेरेशन(Generation) क्या है ओर ये कैसे एक जेनेरेशन से दूसरे में बदलता रहता है। शायद नहीं तो आइये जानते हैं मोबाईल फोन की बदलती हुई प्रौद्योगिकी के बारे में।
मोबाईल जेनेरेशन को अगर सही माइनों में समझा जाए तो वायरलेस मोबाईल जेनेरेशन(Wireless Mobile Generation) को विकास के कई पड़ावों से गुजरना पड़ा है। पहली जेनेरेशन मोबाईल फोन 1979ई॰ में प्रसारित होने के बाद विश्व भर में कनैक्शन(connection) की मांग को देखते हुए, मोबाईल फोन की तकनीकों में तेजी से विकास हुआ।
वायरलेस टेक्नोलॉजी का इतिहास
टेलीफ़ोन 19वीं सदी के मध्य में विकसित हुआ। केवल कनैक्शन वाले फोन और नेटवर्क की कमी के कारण, इंजीनियरों ने एक ऐसा उपकरण बनाने का सोचा जिसे किसी केबल या तार की जरूरत न हो ओर जो आसानी से कहीं भी ले जाया जा सके।
1970 ई॰ में मट्रोला कंपनी के मार्टिन कूपर(martin cooper) नामक एक इंजीनियर ने वायरलेस टेक्नोलॉजी(Wireless Technology) वाले पहले फोन का आविष्कार किया। इस फोन के कारण हमारी दुनिया में वायरलेस टेक्नोलॉजी का विकास तेजी से हुआ और एक के बाद एक जेनेरेशन विकसित हुईं।
वायरलेस मोबाईल जेनेरेशन(wireless mobile generation)
1G – first generation mobile phone
1979 के दौरान टोक्यो(tokyo) में निप्पन टेलीफ़ोन और टेलीग्राफ(Nippon telephone and telegraph) कंपनी द्वारा जापान में मोबाईल नेटवर्क की पहली पीढ़ी विकसित हुई। इस जेनेरेशन के फोन में केवल वॉइस कॉल(voice call) की ही सुविधा थी। इन फोनों की बैटरी भी इतनी ज्यादा बेहतर नहीं थी।
1G के बारे में कुछ विशेष तथ्य :-
2G – second generation mobile phone
मोबाईल संचार प्रणाली की दूसरी पीढ़ी ने बेहतर विकास के लिए एक नई डिजिटल टेक्नोलॉजी(Digital Technology) की शुरुआत की जो ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाईल कम्युनिकेशन(Global System For Mobile Communication) (GSM) के रूप में भी जानी जाती है । जी.एस.एम टेक्नोलॉजी बाद में वायरलेस डिवाइस के लिए विकास का आधार बन गयी। यह टेक्नोलॉजी 14.4kbps से 64kbps (kbps=kilo byte per second) तक (अधिकतम) डाटा दर (जोकि एस.एम.एस और ईमेल सेवाओं के लिए पर्याप्त है) का समर्थन करती थी।
2G के बारे में कुछ विशेष तथ्य :-
3G – third generation mobile phone
3G की शुरुआत सन 1998 में हुई थी। इसके आने से डाटा स्पीड में बहुत बढ़ोतरी हुई। तीसरी जेनेरेशन विकसित होने के साथ ही फोन भी विकसित होकर स्मार्टफोन(Smart Phone) के रुप में विकसित हुए और लोगों ने इसका इस्तेमाल ज्यादा डाटा वाली सुविधओं जैसे विडियो कॉल, मोबाईल इंटरनेट, ब्राउजिंग(Browsing) आदि में प्रयुक्त करना शुरू कर दिया।
3G टेक्नोलॉजी(Technology) तकनीकी के नजरिये से एक बहुत बड़ा विकास था। इस जेनेरेशन में मोबाईल फोन 2mbps mbps=megabyte per second) तक की डाटागति (Data Speed) थी। जिसकी मदद से उपयोगकर्ता स्मार्ट फोन पर तेज ब्राउजिंग, ईमेल सर्विस आदि का आनंद ले सकते थे।
3G के बारे में कुछ विशेष तथ्य :-
4G – forth generation mobile phone
4G टेक्नोलॉजी 3G टेक्नोलॉजी का ही उच्चतम रूप है, जो की अनेक मल्टीमीडिया(Multimedia) सेवाओं को संभालने में मददगार है। 4G अब तब की सबसे बेहतरीन मोबाईल फोन जेनेरेशन है।
4G के बारे में कुछ मुख्य तथ्य :-
यह सबसे सुरक्षित जेनेरेशन है।
5G – fifth generation mobile phone
यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसे अभी तक प्रयोग में नहीं लाया गया है। माना जाता है कि 5G जेनेरेशन को 4G टेक्नोलॉजी से भी बेहतर और तेज बनाया गया है। यानि कि कहा जा सकता है कि वर्तमान का LTE(Long Term Evolution) नेटवर्क भविष्य के सुपरचार्ज्ड 5G नेटवर्क में बादल जाएगा। 5G में हाई स्पीड इंटरनेट, ज्यादा डाटा रेट के साथ साथ उर्जा बचत(Energy Saving) आदि तकनीकों का इस्तेमाल हो सकता है।
5G के बारे में कुछ मुख्य तथ्य :-
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