रामपुर में रहने वाले हर शख्स ने हल्द्वानी का नाम तो ज़रूर सुना होगा। परन्तु क्या कभी आपने छोटी हल्द्वानी का नाम सुना है? तो आइये आज बात करते हैं रामपुर के करीब बसे एक छोटे और सुन्दर से गाँव छोटी हल्द्वानी की।
जी हाँ, जाने माने हल्द्वानी के साथ-साथ छोटी हल्द्वानी नाम से भी एक गाँव भारत में मौजूद है जिसकी स्थापना श्री जिम कॉर्बेट ने की थी। कॉर्बेट ने सन 1917 में 40 एकड़ की ज़मीन खरीदी और उसमें 10-15 परिवारों को पनाह भी दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सभी गाँव वालों के कल्याण करने का भी ज़िम्मा उठाया। उन्होंने इस गाँव का नाम रखा छोटी हल्द्वानी। किरायेदारों के लिए मकान बनवाए गए, सिंचाई के लिए नहरें बनावाई गईं और साथ ही गाँव के चारों ओर एक ऊंची दीवार बनवाई गई ताकि गाँव वालों और फसलों की जंगली जानवरों से रक्षा हो सके।
यह गाँव एक तिराहे पर बनाया गया था जहाँ से एक दिशा में हल्द्वानी, एक में रामनगर और एक में नैनीताल निकलता था। जिम कॉर्बेट सभी गाँव वालों को अपने परिवार के समान मानते थे और कई बार उनके साथ गाँव के त्यौहार भी मनाया करते थे। यह लगाव ही वह कारण रहा होगा जिसकी वजह से जब कॉर्बेट केन्या चले गए तब भी उन्होंने छोटी हल्द्वानी को बेचने के बजाय पूरा गाँव गाँववालों में बाँट दिया। इस गाँव की सुन्दरता एवं सादगी देखते ही बनती है। फोटोग्राफी के नज़रिए से भी यह गाँव अत्यंत उत्तम है। छोटी हल्द्वानी में स्थित जिम कॉर्बेट के घर को एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है जहाँ उनके एवं छोटी हल्द्वानी के विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
रामपुर से छोटी हल्द्वानी का रास्ता करीब डेढ़ घंटे में तय किया जा सकता है। इस चिलचिलाती गर्मी के मौसम में यदि कुछ घंटे दूर पर ही ऐसी शान्ति एवं सुकून नसीब हो जाये तो बात ही क्या है। साथ ही इस यात्रा को करने के लिए कोई विस्तृत योजना की भी ज़रुरत नहीं है क्योंकि इसे एक दिन में तय करके वापस रामपुर भी आया जा सकता है। तो सोच क्या रहे हैं, अपने व्यस्त जीवन से सुकून के दो पल चुराएँ और अपने मित्रों अथवा परिवार के साथ छोटी हल्द्वानी घूम कर आयें।
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