linkलखनऊ में हर चीज अलग और बदली-बदली सी लगती है। यहाँ का हास्य बिना शेर-ओ-शायरी के तो निकल ही नहीं सकता। अमा जब तक एक बीड़ा पान मुँह में घुल नहीं जाता तब तक यहाँ के हास्य का रस तो निकलता ही नहीं है। हास्य मानव जीवन का अभिन्न अंग है और भाषा इसकी मोती। बिना भाषा के हास्य का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। लखनऊ अवध के क्षेत्र में आता है जिस कारण यहाँ की मूल भाषा अवधी है परन्तु यहाँ की भाषा में अवधी और उर्दू का जो संगम हुआ है उससे एक अलग ही सुंदर भाषा का जन्म हुआ है जिसे लखनवी भी कहा जा सकता है।
एहसास उनको क्या हो। शामे अवध की जन्नत..!
देखा नहीं जिन्होंने। बाज़ार लखनऊ का..!!
आज भी लखनऊ में हास्य में नवाबियत दिखाई दे जाती है पहले 'आप' की परंपरा लोगों में एक अलग ही फन का आगाज़ करती है। लखनऊ की इसी नवाबी भाषा का प्रयोग यदि लड़ाई करते हुए भी किया जाये तो वह कैसे होगा? देखें नीचे दिए गए वीडियो में कैसे भाषा का प्रयोग कर हास्य को पैदा किया गया है -
प्राचीन भारत में विभिन्न राजदरबारों में राज कवी, हास्य कवी या हँसाने वाला व्यक्ति होता था जिसका काम ही होता था लोगों को हँसाना और वाक् पटुता का परिचय देना। लखनऊ में भी इस परंपरा का प्रचालन हुआ करता था। लखनऊ में भाषायिक हास्य का भी अपना एक स्थान है जैसे बरेलवी भाषा को यहाँ कहा जाता है कि यह सही नहीं है तथा कर्कश है। रामपुर के बारे में यहाँ का मजाक कुछ यूँ है कि वहां के लोग बात-बात पर रामपुरी चक्कू निकाल लेते हैं। तो आइये इस विडियो में देखते हैं कैसे इस टैक्सी ड्राईवर ने हास्य एवं कविता का प्रयोग कर इस भावना को स्पस्ट किया-
अवध पंच में मुशीरुल हसन ने लखनऊ के हास्य के बारे में बेहतरीन प्रस्तुति दी है। हास्य भारत में समान नहीं होता, इसके कई रूप व प्रकार होते हैं। जैसे कानपुरी मजाक कुछ और है और बरेलवी कुछ और तो लखनवी कुछ और यही असमानता यहाँ पर भाषायिक महत्ता को दर्शाती है। हास्य मानव शरीर के लिए उतना ही जरूरी होता है जितना की हवा और जल। यह मानव को दुखों से निजात पाने की प्रेरणा देता है। तथा अपनी बात बिना हिचक के रखने की छूट भी प्रदान करता है।
1.https://www.huffingtonpost.com.au/2017/07/19/there-are-nine-different-types-of-humour-which-one-are-you_a_23036626/
2.http://www.thehindu.com/opinion/columns/no-humour-please-we-are-indian/article19286300.ece
3.http://www.wfgyan.in/2015/12/blog-post_87.html
4.https://www.youtube.com/watch?v=MB6eOfb8uDQ
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.