रामपुर शहर को अपने समृद्ध इतिहास, अनोखी संस्कृति और शाही विरासत के लिए जाना जाता है। रामपुर का इतिहास, यहाँ के नवाबों के साथ गहराई से जुड़ा है। यहाँ के नवाबों ने इस शहर की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई। आज के समय में रामपुर अपनी जीवंत संस्कृति, पारंपरिक कारीगरी और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है। यहां पर मुगल, राजपूत और अवधी संस्कृतियों का अनूठा मेल देखने को मिलता है। रामपुर का किला, इस इलाके के शाही इतिहास का जीता-जागता उदाहरण है। ये किला, नवाबी युग की याद दिलाता है। 18वीं शताब्दी में बने इस किले में मुगल और अवधी स्थापत्य शैली का बेहतरीन संगम देखने को मिलता है। आज के इस लेख में सबसे पहले, हम रामपुर किले के बारे में जानेंगे। इसके तहत, हम इस किले के ऐतिहासिक महत्व और अद्भुत स्थापत्य शैली पर भी नज़र डालेंगे। फिर हम किले के परिसर में मौजूद अनमोल खजाने यानी रज़ा लाइब्रेरी के बारे में जानेंगे। आखिर में, हम बात करेंगे कि इस तरह के किले किसी क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति को संरक्षित रखने में क्या भूमिका निभाते हैं।
रामपुर शहर की स्थापना नवाब फ़ैजुल्लाह ख़ान द्वारा 7 अक्टूबर 1774 में अवध की संधि के तहत की गई थी। उन्होंने रामपुर रियासत की नींव रखी और साथ ही रामपुर किले का निर्माण भी शुरू किया। बाद में, नवाब हामिद अली खान ने इस किले को नया रूप देने का बीड़ा उठाया। इसके लिए उन्होंने ब्रिटिश चीफ़ इंजीनियर डब्ल्यू.सी. राइट (W.C. Wright) की मदद ली। इस बदलाव के तहत हामिद , दरबार हॉल और इमामबाड़ा का निर्माण किया गया। आज रामपुर की प्रसिद्ध रज़ा लाइब्रेरी इसी इमामबाड़ा में स्थित है।
डब्ल्यू.सी. राइट उस समय उत्तर-पश्चिमी प्रांत में ब्रिटिश सरकार के कार्यकारी अभियंता थे। 1899 में उन्होंने सरकारी पद से इस्तीफ़ा दे दिया और नवाब हामिद अली खान के लिए मुख्य अभियंता बन गए। इसके बाद उन्होंने रामपुर की वास्तुकला को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने काम किया।
अपने काम में डब्ल्यू.सी. राइट ने इस्लामिक, हिंदू और विक्टोरियन गोथिक शैलियों का अनोखा मिश्रण किया। वास्तुकला में उनके अनूठे मिश्रण को इंडो-सरसेनिक वास्तुकला (Indo-Saracenic architecture) कहा जाता है। उन्होंने किला-ए-मुल्ला और हामिद मंज़िल को भी बहाल किया।
जहांआरा हबीबुल्लाह (2001) ने रामपुर किले को कई खुले स्थानों और सुंदर बाग-बगीचों वाला बताया है। उन्होंने मछली भवन का भी ज़िक्र किया, जहां नवाब निवास करते थे। यह भवन अवध के महलों में इस्तेमाल मछली प्रतीकवाद से प्रेरित था।
इसके बगल में रंग महल था, जिसे संगीत और गायन जैसी कलाओं के प्रदर्शन के लिए बनाया गया था। वहीं, हामिद मंज़िल पूरे किले का केंद्र बिंदु था। किला-ए-मुअल्ला में श्रमिकों और विभिन्न विभागों के लिए आवास बनाए गए थे।
रामपुर किले में दो मुख्य द्वार थे। इन्हें हामिद गेट और राइट गेट कहा जाता है। ये दोनों, किले के बड़े क्षेत्र में स्थित थे। यह ऐतिहासिक किला रामपुर शहर के बीचोबीच में काबिज़ है।
1905 में, जब लॉर्ड कर्ज़न (Lord Curzon), नवाब हामिद अली खान से मिलने रामपुर आए, तो उन्होंने एक विशेष एल्बम तैयार किया गया। इस एल्बम में रामपुर किले की शानदार वास्तुकला और शहर की अन्य अनूठी इमारतों की तस्वीरें थीं। आज रामपुर का किला न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि यह वास्तुकला की विविधता और समृद्धि का भी प्रतीक है। रामपुर रज़ा लाइब्रेरी दक्षिण एशिया की सबसे खास और ऐतिहासिक लाइब्रेरियों में से एक है। यहाँ पर अलग-अलग धर्मों और परंपराओं से जुड़ी असंख्य पांडुलिपियां और किताबें संग्रहीत हैं। यह लाइब्रेरी न सिर्फ़ इंडो-इस्लामिक शिक्षा, बल्कि कला का भी एक अनमोल खज़ाना है। 1774 में नवाब फ़ैजुल्लाह ख़ान ने इस लाइब्रेरी की स्थापना की थी। रामपुर के नवाब हमेशा से ही शिक्षा के बड़े समर्थक माने जाते थे। उन्होंने कई विद्वानों, कवियों, चित्रकारों, सुलेखकों और संगीतकारों को प्रोत्साहन और संरक्षण दिया।
भारत की आज़ादी और रामपुर रियासत के भारत संघ में विलय के बाद, लाइब्रेरी का प्रबंधन एक ट्रस्ट को सौंपा गया। यह ट्रस्ट 6 अप्रैल 1951 को बनाया गया था। इसके बाद, 1 जुलाई 1975 को, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर सैय्यद नूरुल हसन ने इसे संसद के एक अधिनियम के तहत लाकर और संगठित रूप दिया।
रज़ा लाइब्रेरी का संग्रह, बेहद समृद्ध और बहुभाषी है। यहाँ पर अरबी, फ़ारसी, पश्तो, संस्कृत, उर्दू, हिंदी और तुर्की सहित विभिन्न भाषाओं में 17,000 पांडुलिपियां मौजूद हैं। इसके साथ ही, इसमें भारतीय भाषाओं की ताड़-पत्र पांडुलिपियां और दुर्लभ चित्र भी शामिल हैं।
इस लाइब्रेरी में भारतीय और विदेशी भाषाओं में लगभग 60,000 मुद्रित किताबें हैं। ये किताबें ऐतिहासिक, धार्मिक और कलात्मक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, यहां इस्लामी सुलेख के दुर्लभ उदाहरण, लघु चित्र, खगोलीय उपकरण और अरबी-फ़ारसी भाषाओं में सचित्र कार्य भी सुरक्षित हैं।
रामपुर रज़ा लाइब्रेरी, रामपुर के नवाबों द्वारा संरक्षित और विकसित सांस्कृतिक विरासत का जीता-जागता प्रमाण है। यह ज्ञान, कला और इतिहास के संरक्षण का अनूठा केंद्र है, जिसे आज भी पूरे सम्मान और गर्व के साथ संजोया जा रहा है।आइए, अब जानते हैं कि एक किला क्यों महत्वपूर्ण होता है?
1. रक्षा का मुख्य उद्देश्य: किले सबसे पहले और सबसे ज़्यादा रक्षा के लिए बनाए जाते थे। भारतीय इतिहास में, किलों ने आक्रमणकारियों, विद्रोहियों और प्रतिद्वंद्वी राज्यों से लोगों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई है। ये किले, अक्सर पहाड़ियों, पहाड़ों या तटों के पास बनाए जाते थे। इसकी वजह से दुश्मनों के लिए उन पर हमला करना बेहद मुश्किल हो जाता था।
2. शक्ति और स्थिति का प्रतीक: किले सिर्फ़ सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि शासकों की शक्ति और प्रतिष्ठा दिखाने का भी ज़रिया हुआ करते थे। किसी किले का आकार और उसकी सुंदरता यह बताती थी कि उसे बनाने वाला राजा कितना धनवान और सैन्य ताकत में कितना सक्षम था।
3. व्यापार और वाणिज्य का केंद्र: कुछ किले व्यापार और वाणिज्य के लिए भी महत्वपूर्ण थे। ये किले अक्सर मुख्य व्यापारिक मार्गों के पास बनाए जाते थे। इनमें बाज़ार, खजाने और व्यापारियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं मौजूद होती थीं।
4. शहरी विकास की नींव: समय के साथ, कई किले, धीरे-धीरे बड़े शहरों में बदल गए। उदाहरण के तौर पर, दिल्ली का शहर लाल किले के चारों ओर विकसित हुआ था।
5. वास्तुशिल्पीय विरासत: भारतीय किले अद्भुत वास्तुकला के उदाहरण माने जाते हैं। इनमें विभिन्न स्थापत्य शैलियों और प्रभावों का मिश्रण देखने को मिलता है। किलों के निर्माण में मिट्टी की ईंट और लाल बलुआ पत्थर जैसे अलग-अलग सामग्रियों का उपयोग किया गया।
6. इतिहास के अहम स्रोत: किले, हमारे अतीत के बारे में जानने के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित होते हैं। ये, न सिर्फ़, उस समय के लोगों के जीवन और रहन-सहन की झलक दिखाते हैं, बल्कि उस दौर की सैन्य और इंजीनियरिंग तकनीकों के बारे में भी जानकारी देते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2yd7qhue
https://tinyurl.com/2d56rg27
चित्र संदर्भ
1. रामपुर किले की बाहरी दीवार को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
2. रामपुर किले के परिसर में रज़ा पुस्तकालय को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. हामिद गेट को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
4. रामपुर में स्थित रज़ा लाइब्रेरी को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
5. रामपुर किले के परिसर को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)