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आपने "दूसरे के कंधे पर रखकर बंदूक चालाने" वाली कहावत ज़रूर सुनी होगी। इस कहावत का अर्थ होता है, किसी दूसरे व्यक्ति को ढाल बनाकर अपना काम निकलवा लेना। लेकिन मज़े की बात यह है कि इंसान तो इंसान, 'परजीवी' पौधे भी इस कहावत को ज्यों की त्यों सही साबित कर देते हैं। आज हम इन्हीं परजीवी पौधों के बारे में जानेंगे जो दूसरे पौधों का खून (पोषण) चूस कर अपनी ठाठ करते हैं।
“परजीवी पौधे (Parasitic Plants), अपने पूरे या आंशिक पोषण के लिए दूसरे मेज़बान पौधे (host plants) पर निर्भर होते हैं, लेकिन इसके बदले में वह मेज़बान पौधों को कुछ भी नहीं देते। इसके स्पष्ट तौर पर समझने के लिए आप जोंक (Leech) का उदाहरण ले सकते हैं, जो इंसानों के शरीर पर चिपककर इंसानों का खून चूस लेती है, लेकिन इसके बदले में इंसानों को कुछ भी नहीं देती। कुछ मामलों में तो परजीवी पौधा, मेजबान पौधे को गंभीर रूप से नुकसान भी पहुँचा सकता है। परजीवी पौधों की सभी प्रजातियाँ एंजियोस्पर्म होती हैं (Angiosperms) यानी इन पोंधों की सभी प्रजातियों में फूल उगते हैं।
हालांकि जिम्नोस्पर्म (Gymnosperm) यानी गैर-फूल वाले पौधों की एक प्रजाति, पैरासिटैक्सस उस्ता (Parasitaxus usta), को भी परजीवी माना जाता है। लेकिन यह वास्तव में एक माइकोहेटेरोट्रॉफ़ (Mycoheterotroph) हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह अपना पोषण कवक (Fungus) से प्राप्त करता है। आमतौर पर परजीवी पौधों की प्रजातियों के फूल अक्सर गैर-परजीवी पौधों के ही समान होते हैं। लेकिन इसमें से विशाल रेफ्लेशिया फूल (Rafflesia flower) और विचित्र, मांसल हाइडनोरा पुष्पगुच्छ (Hydnora inflorescence) जैसे कुछ उल्लेखनीय अपवाद भी होते हैं, जिनकी आकृति बहुत ही विचित्र होती है। ये आलसी पौधे प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) के माध्यम से अपना भोजन बनाने के बजाय, अन्य पौधों से अपना भोजन और पानी निचोड़ते हैं।
परजीवी पौधे अपने मेज़बान पौधे के भीतर प्रवेश करने या उनसे जुड़ने के लिए "हौस्टोरियम (haustorium)" नामक संरचना का उपयोग करते हैं। यह विशेष अंग दो पौधों के बीच एक संबंध बनाता है, जिसका उपयोग परजीवी पौधे , मेजबान पौधे से पोषण को निकालने के लिए करते हैं। "रैफ्लेसिया (Rafflesia)" और "थर्बर का स्टेमसकर (Thurber's stemsucker)", जैसे कुछ परजीवी, पौधे के भीतर बढ़ते हैं और इनके केवल फूल बाहर निकलते हैं, जबकि अन्य अपने हस्टोरिया को बाहरी रूप से जोड़ते हैं। परजीवी पौधे कई अलग-अलग प्रकार के वातावरणों जैसे कि वर्षावन, घास के मैदान और यहाँ तक कि रेगिस्तान भी पनप सकते हैं!
अंटार्कटिका और उत्तरी ध्रुव (Antarctica and North Pole) जैसे पृथ्वी के सबसे ठंडे स्थानों को छोड़कर परजीवी पौधे लगभग हर जगह पाए जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि सभी परजीवी पौधे गैर-परजीवी प्रजातियों (non-parasitic species) से विकसित हुए हैं। हालांकि कुछ पौधों को "हेमिपैरासाइट्स (hemiparasites)" के रूप में जाना जाता है और वे प्रकाश संश्लेषण कर सकते हैं, लेकिन अपने मेजबान से भी पानी और पोषण खींचते हैं। वहीँ अन्य परजीवी पौधे, जिन्हें "होलोपैरासाइट्स" के रूप में जाना जाता है, प्रकाश संश्लेषण नहीं कर सकते हैं और भोजन के लिए पूरी तरह से अपने मेज़बान पर निर्भर रहते हैं।
आइये अब परजीवी पौधों के कुछ उदाहरण देखते हैं:
☘︎ कुस्कटा (Cuscuta): कुस्कटा को आमतौर पर "डोडर (Dodder)" के रूप में भी जाना जाता है। इसकी कोई जड़ या पत्तियां नहीं होती हैं। इनके बजाय इन्हें इनके पीले या नारंगी तने से पहचाना जा सकता है, जो "मॉर्निंग ग्लोरी (Morning Glory)" परिवार से संबंधित होने के कारण रेशेदार, बालों जैसे दिखते हैं। कुस्कटा एक बहुत ही आक्रामक परजीवी होता है, जो अपने मेज़बान पौधे के पोषक तत्वों को निचोड़कर रख देता है। चूंकि कुस्कटा एक अनिवार्य परजीवी (Obligate Parasite) है, इसलिए यह बिना मेज़बान के जीवित भी नहीं रह सकता। इन पौधों को पनपने के 5-10 दिनों के भीतर एक मेज़बान ढूँढ़ना पड़ता है ।
☘︎ मिस्टलेटो (Mistletoe): मिस्टलेटो, सांतालेल्स क्रम (Santalales order) के पौधों का एक समूह है, जो दुनिया भर में पाया जाता है। मिस्टलेटो की केवल कुछ प्रजातियाँ ही परजीवी होती हैं। इसका बीज एक चिपचिपे पदार्थ से ढका होता है जो इसे अपने नए मेज़बान से चिपकने में मदद करता है।
☘︎ ऑस्ट्रेलियाई क्रिसमस ट्री (न्यूत्सिया फ्लोरिबुंडा) (Australian Christmas Tree (Nuytsia floribunda)): ऑस्ट्रेलियाई क्रिसमस ट्री (न्यूत्सिया फ्लोरिबुंडा) प्रकाश संश्लेषण कर सकता है, लेकिन कभी-कभी अपने पड़ोसी पौधों से पानी चुरा लेता है। यह अतिरिक्त पानी इसे शुष्क मौसम में भी बढ़ने और फूलने में मदद करता है। यह पेड़ कई दूसरे पौधों की जड़ों से जुड़कर अपने पानी की निरंतर आपूर्ति करता रहता है। यह अपने हौस्टोरिया (haustoria) में गिलोटिन (guillotine) जैसी संरचना के साथ मेज़बान के ज़ाइलम वाहिकाओं (xylem vessels) (जड़ों से पत्तियों तक पानी और खनिजों को ले जाने वाला ऊतक) को काटकर ऐसा करता है।
☘︎ भारतीय पेंटब्रश या कैस्टिलेजा (Indian Paintbrush or Castilleja): भारतीय पेंटब्रश, जिसे कैस्टिलेजा के नाम से भी जाना जाता है, आंशिक परजीवी का एक आकर्षक उदाहरण है। जहाँ अन्य परजीवी पौधों के विपरीत जो अपने सभी पोषक तत्वों के लिए पूरी तरह से अपने मेज़बान पर निर्भर होते हैं, वहीँ भारतीय पेंटब्रश थोड़ा अधिक आत्मनिर्भर होता है। भारतीय पेंटब्रश वास्तव में अपने जीवित रहने के लिए आवश्यक कुछ पोषक तत्वों का उत्पादन स्वयं कर सकता है। हालाँकि, इसके पास एक चतुर चाल भी है - यह अपनी जड़ों को तब तक फैलाता है जब तक कि वे आस-पास के पौधों की जड़ों तक नहीं पहुँच जाते और उनसे जुड़ नहीं जाते। एक बार जब यह उस कनेक्शन को बना लेता है, तो भारतीय पेंटब्रश अपने मेज़बान पौधे से पानी और खनिज चुराना शुरू कर सकता है। भारतीय पेंटब्रश की सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक इसके चमकीले, आकर्षक फूल भी हैं। कैस्टिलेजा जीनस में लगभग 200 विभिन्न प्रजातियाँ हैं, और वे रेगिस्तान से लेकर घास के मैदानों तक विभिन्न वातावरणों में पाए जा सकते हैं। भारतीय पेंटब्रश के फूल हमिंगबर्ड (Hummingbird) को बहुत पसंद होते हैं। इसके फूलों में अन्य पक्षियों के आराम करने के लिए कोई जगह नहीं होती है, लेकिन हमिंगबर्ड मिठास निकालते समय मंडराती रह सकती हैं।
☘︎ विशाल पद्म (रैफ्लेसिया अर्नोल्डी) (Corpse Flower (Rafflesia arnoldii)): विशाल पद्म, को वैज्ञानिक रूप से रैफ्लेसिया अर्नोल्डी (Rafflesia arnoldii) के नाम से भी जाना जाता है। इस परजीवी पौधे में दुनिया का सबसे बड़ा फूल उगता है। ये विशाल फूल एक मीटर (3 फीट से अधिक) तक बढ़ सकते हैं और इनका वज़न 11 किलोग्राम (24 पाउंड) तक हो सकता है। लेकिन यह फूल काफी बदबूदार भी होता है। यह फूल अपनी भयानक, सड़ी हुई मांस की गंध के लिए प्रसिद्ध है। यह दुर्गंध उन मक्खियों को आकर्षित करती है जो विशाल पद्म को परागित करती हैं। अधिकांश पौधों के विपरीत, विशाल पद्म अपना भोजन बनाने के लिए प्रकाश संश्लेषण नहीं कर सकता है। इसके बजाय, यह आस-पास की टेट्रास्टिग्मा लताओं की जड़ों से पोषक तत्व चुराता है। यह परजीवी जीवनशैली विशाल पद्म को अपनी सारी ऊर्जा उन विशाल, बदबूदार फूलों के उत्पादन में लगाने की अनुमति देती है।
हालांकि ऐसा नहीं है कि परजीवी पौधे पूरी तरह से अपने मेज़बान पौंधों से पोषण ही निचोड़ते हैं। अच्छे बुरे इंसानों की तरह इनके भी कुछ लाभ होते हैं।
वास्तव में, कई परजीवी पौधों का प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र और मानव समाज दोनों पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। जैसे:
:𓇢𓆸 जटिल संबंध: जब कोई परजीवी पौधा कई मेज़बान पौधों से जुड़ता है, तो वह एक ऐसा नेटवर्क बना सकता है जो इन मेज़बानों के बीच व्यवस्थित संकेतों को स्थानांतरित करने की अनुमति देता है। इससे पारिस्थितिकी तंत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
𓇢𓆸 कीस्टोन प्रजातियाँ (Keystone Species): परजीवी पौधे कई पारिस्थितिकी तंत्रों में कीस्टोन प्रजाति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते पाए गए हैं। यह प्रमुख प्रजातियों की वृद्धि को नियंत्रित करके, जैव विविधता को संतुलित रख सकते हैं।
𓇢𓆸 पोषक चक्रण: परजीवी पौधे, पोषक चक्रण को बढ़ा सकते हैं और शाकाहारी और परागणकों जैसे अन्य जीवों को संसाधन प्रदान कर सकते हैं। इससे पारिस्थितिकी तंत्र में व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
𓇢𓆸 मानवीय उपयोग: परजीवी पौधों का उपयोग दुनिया भर में औषधीय और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। कुछ प्रजातियाँ खाने योग्य फल भी प्रदान करती हैं।
भले ही परजीवी पौधे कई लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल और उत्पादन हमेशा सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए। अनियंत्रित प्रसार और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान के जोखिम से बचाने के लिए उन्हें उनकी मूल भौगोलिक सीमा के बाहर फैलने से रोकना जरूरी है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/25yt3729
https://tinyurl.com/27vl6x4j
https://tinyurl.com/27f4h87u
https://tinyurl.com/yymjz5zh
चित्र संदर्भ
1. परजीवी पौधे को दर्शाता चित्रण (flickr)
2. पाकिस्तान में, बबूल के पेड़ पर पाए जाने वाले स्टेम होलोपैरासाइट, कुस्कटा को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. परजीवी कवक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. कुस्कटा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. मिस्टलेटो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. ऑस्ट्रेलियाई क्रिसमस ट्री को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. भारतीय पेंटब्रश या कैस्टिलेजा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. विशाल पद्म को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
9. एक व्यक्ति के समक्ष विशाल पद्म को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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