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इतिहास में जानवरों का उपयोग केवल खेती, परिवहन, मांस और दुग्ध उत्पादन के लिए ही नहीं किया गया है, बल्कि इंसानों के मनोरंजन में भी जानवरों ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। जानवरों से यह मनोरंजन सर्कस (Circus) के माध्यम से निचोड़ा गया। यहाँ पर निचोड़ा गया शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है, क्यों कि सर्कस में प्रदर्शन करना कभी भी जानवरों की अपनी इच्छा पर निर्भर नहीं करता।
इतिहास में "सर्कस" शब्द के कई अलग-अलग अर्थ रहे हैं। आज के बजाय पहले के कुछ सर्कस, बेहद हिंसक और क्रूर हुआ करते थे, लेकिन फिर भी लोग मनोरंजन के लिए उन्हें देखते थे। विश्व का पहला आधुनिक सर्कस फिलिप एस्टली (Philip Astley) द्वारा शुरू किया गया था, जिनका जन्म 1742 में इंग्लैंड (England) में हुआ था। 26 साल की उम्र में, उन्होंने और उनकी पत्नी पैटी (Patty) ने लंदन में एस्टली राइडिंग स्कूल (Astley Riding School) की स्थापना की। यहां, उन्होंने न केवल घुड़सवारी सिखाई बल्कि लाइव संगीत के साथ हॉर्स शो (Horse Show) का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने पेरिस (Paris) में भी अपने घोड़ों की कलाबाजियां दिखाई। उन्हें "आधुनिक सर्कस का जनक" माना जाता है।
लोगों को ये हॉर्स शो, बहुत पसंद आए क्योंकि ये प्रत्येक वर्ग के लिए मज़ेदार थे। चाहे अमीर हो या गरीब, युवा हो या बूढ़े, सभी ने फिलिप एस्टली और उनके घोड़ों के प्रदर्शन को खूब पसंद किया। इन हॉर्स शो ने आधुनिक सर्कस की नींव रखी।
सर्कस ने सदियों से साहसी कलाबाजों, जोकरों और खासतौर पर जानवरों के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है। लेकिन इस चमक-दमक के पीछे एक स्याह दुनिया भी
छिपी है, जिसके बारे में हम सभी को पता होना चाहिए। सर्कस में जानवरों को कारावास, अप्राकृतिक तौर पर रहने की स्थिति और जबरदस्ती प्रशिक्षण विधियों का सामना करना पड़ता है। यहां पर हाथियों, बड़ी बिल्लियों, प्राइमेट्स (Primates) और समुद्री स्तनधारियों को शारीरिक दंड और भय-आधारित तरकीबों के माध्यम से अप्राकृतिक व्यवहार करने के लिए मजबूर किया जाता है। जब पहली बार सर्कस शुरू हुआ, तो घोड़े इसमें शामिल मुख्य जानवर होते थे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, शेर, बाघ, भालू, चिंपांज़ी, मगरमच्छ, लामा, गैंडा और हाथियों सहित जानवरों को भी प्रदर्शन में शामिल किया जाने लगा। आज के सर्कसों में अधिकांश जानवर कैद में ही पैदा होते हैं, और वहीं पर पाले जाते हैं। सर्कस के जानवरों से अक्सर ऐसी कलाबाजियां और करतब करवाए जाते हैं जो उनके प्राकृतिक व्यवहार के एकदम विपरीत होते हैं। इन कृत्यों को सीखने के लिए उन्हें प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। इसके तहत उन्हें आयदिन शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उन्हें अकेलेपन का अनुभव होने के साथ-साथ बहुत अधिक कष्ट सहना पड़ता है। और ये सब सिर्फ इसलिए होता है ताकि हम इंसानों का मनोरंजन हो सके।
सर्कस के जानवरों को कई तरीकों से जाने-अनजाने प्रताड़ित किया जाता है:
1. शारीरिक यातना: कुछ सर्कस प्रशिक्षक जानवरों को प्रशिक्षित करने के लिए कोड़े मारते हैं या नुकीले धातु के हुक से मारते हैं। साथ ही उन्हें बिजली का झटका भी देते हैं।
2. यात्रा में परेशानी: सर्कस के जानवरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहुत यात्रा करनी पड़ती है। यात्रा के दौरान इन्हें छोटे-छोटे बक्सों में घंटों तक रखा जाता है, जहां बहुत शोर होता है और बहुत कम हवा होती है।
3. अकेलापन: सर्कस के कई जानवर सामाजिक प्राणी होते हैं, और उन्हें अपनी तरह के अन्य जानवरों के साथ रहने की ज़रूरत होती है। अपने साथियों के बिना इन्हें बहुत अकेलापन होता है।
4. छोटी जगहों में रहने के कारण वे बीमार और आहत होते हैं। उन्हें जोड़ों में दर्द, और अन्य समस्याएं होती हैं।
5. सर्कस के जानवर इंसान के आसपास रहने के आदी नहीं होते हैं। इस स्थिति में वे बहुत अधिक डरते हैं और क्रोधित होते हैं। यदि वे भागने या वापस लड़ने की कोशिश करते हैं तो वे लोगों और खुद को चोट पहुंचाते हैं। इस घटना से बचने के लिए प्रशिक्षक उन्हें बहुत डराते हैं। वे बाघ और शेर जैसे मजबूत और बहादुर जानवरों को भी कमजोर और डरे हुए जानवर बना देते हैं। यहां तक कि वे कभी-कभी उन्हें नशीला पदार्थ भी देते हैं, उनके पंजे काट देते हैं और उनके दाँत उखाड़ देते हैं ताकि वे अपना बचाव न कर सकें।
कभी-कभी, सर्कस के जानवर भाग जाते हैं और परेशानी पैदा करते हैं। उदाहरण के लिए, 2017 में पेरिस के एक सर्कस से एक बाघ भाग गया और पुलिस ने उसे मार डाला।
आपको जानकर दुःख होगा कि कई देश अभी भी सर्कस में जानवरों का इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं। वियतनाम में पशु सर्कसों की एनिमल्स एशिया (Animals Asia) की जांच में पाया गया कि 100% सुविधाएं जानवरों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रहीं। कई देशों में सर्कस के जानवरों को कानून द्वारा संरक्षित नहीं किया जाता है। हालांकि कुछ देशों ने सर्कस में जंगली जानवरों का उपयोग बंद कर दिया गया है, लेकिन वहां पर घरेलू जानवर अभी भी पीड़ित हैं।
एक आम नागरिक के तौर पर हम लोगों को सच्चाई बताकर और जानवरों का उपयोग करने वाले सर्कस में न जाकर मदद कर सकते हैं। ऐसे और भी सर्कस हैं जो मनोरंजक हैं और जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचाते। बहुत से लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि पर्दे के पीछे सर्कस के जानवरों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आप जागरूकता फैलाकर और दोस्तों से पशु सर्कस न देखने का आग्रह करके बदलाव ला सकते हैं।
जिस तरह आधुनिक सर्कस का श्रेय फिलिप एस्टली को दिया जाता है, उसी तरह आधुनिक चिड़ियाघरों या पशु पार्क (Animal Park) की खोज का श्रेय कार्ल हेगनबेक (Carl Hagenbeck) को दिया जाता है। कार्ल हेगनबेक को बचपन से ही विदेशी जानवरों से बहुत प्यार था। उनके पिता एक मछली व्यापारी थे, जिन्हें कभी-कभी मछुआरों से सील (Seal) भी मिल जाती थीं। सील (Seal) या पिनिपेड (Pinniped) मांसाहारी समुद्री स्तनधारी प्राणियों का एक विविध क्लेड है। चूंकि हेगनबेक एक मछली व्यापारी के बेटे थे इसलिए, उसमें विदेशी जानवरों को समझने की कला और व्यापार के प्रति भी उनका गहरा रुझान था। पिता को मछुआरों से अप्रत्याशित रूप से मिली सीलों को कार्ल ने एक अवसर के रूप में देखा। इसलिए उन्होंने उन लोगों से प्रवेश शुल्क लेने का निर्णय लिया, जो इन अनोखे प्राणियों को देखने में रुचि रखते थे। इस तरह उनके अपने पहले चिड़ियाघर की शुरुआत हुई।
शुरुआती दिनों में, हेगनबेक ने अपने सर्कस और विदेशी पशु शो (Animal Show) के साथ विभिन्न शहरों की यात्रा की। 1907 में, उन्होंने अपने सपने को साकार किया और हैम्बर्ग के ठीक बाहर अपना चिड़ियाघर स्थापित किया। इस चिड़ियाघर को एक पार्क की तरह डिजाइन किया गया था जहां जानवर बिना ऊंची बाढ़ के स्वतंत्र रूप से घूम सकते थे। इसलिए जानवरों को भी यहां पर घर जैसी अनुभूति होती थी। बाघों और शेरों को ऐसे बाड़ों में प्रदर्शित किया गया था, जहां पर उनके प्राकृतिक परिवेश की नकल की गई थी। इन खतरनाक जानवरों और यहां आने वाले दर्शकों के बीच में एक गहरी खाई निर्मित की गई थी।
उन दिनों कार्ल हेगेनबेक दुनिया के सबसे सफल पशु व्यापारियों और चिड़ियाघर निदेशकों में से एक बन गए। उनका चिड़ियाघर, अपनी स्थापना के 110 से अधिक वर्षों के बाद, आज भी उनके परिवार द्वारा चलाया जाता है। आज, इस चिड़ियाघर में 210 विभिन्न प्रजातियों के 1,850 से अधिक जानवरों को देखा जा सकता है।
संदर्भ
http://tinyurl.com/mtruuzfz
http://tinyurl.com/3r58mxbh
http://tinyurl.com/2s3tpxw7
http://tinyurl.com/3fetsxvu
चित्र संदर्भ
1. सर्कस में कलाबाज़ियाँ करते घोड़ोंको संदर्भित करता एक चित्रण (needpix)
2. फिलिप एस्टली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. सर्कस में घोड़ों की ट्रेनिंग को संदर्भित करता एक चित्रण (needpix)
4. सर्कस में कलाबाज़िया सीखते बाघों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
5. कार्ल हेगनबेक को समर्पित डाक टिकट को संदर्भित करता एक चित्रण (picryl)
6. पिंजरे में बंद बाघों को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)
7. अपने जानवरों के साथ कार्ल हेगनबेक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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