कोविड (COVID-19) महामारी के कारण पूरा विश्व संकट की स्थिति में है, जिससे बचने के लिए कई देशों ने अपने विभिन्न क्षेत्रों को तलाबंद किया हुआ है। इस संकट ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को रोक दिया है, जिसके कारण विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी के स्तर तक पहुँच गयी है। श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कारखानों और गोदामों को बंद करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि, क्या स्वचालित कार्यबल (Automated Workforce) कोविड-19 के कारण हो रही क्षति को कम कर सकता है? स्वचालन इसका एक प्राकृतिक उत्तर लगता है, क्योंकि यह सामाजिक संपर्क को कम करता है तथा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद कर सकता है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स (International Federation of Robotics-IFR) ने बताया कि रोबोट की लागत कम हो गई है, और व्यापक रूप से अपनाये जाने के कारण लगातार कम होती जा रही है। दक्षिण कोरिया में प्रति 100 कर्मचारियों पर सात रोबोट हैं और चीन में प्रत्येक तीसरा रोबोट कार्यरत है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स (Oxford economics) की 2019 की एक रिपोर्ट (Report) में यह अनुमान लगाया गया था कि, 2030 तक चीन में 125 लाख विनिर्माण रोजगार स्वचालित होंगे। महामारी के बाद में, यह कई और अधिक हो सकता है। भारत में, विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1% स्वचालन से आता है, जबकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में यह प्रतिशत 5 के करीब है।
ऑटोमोबाइल (Automobile) विनिर्माण में रोबोट का उदय अपरिहार्य था। टाटा स्टील (Tata Steel) मशीनरी रखरखाव के लिए हजारों अनुबंध जनशक्ति का उपयोग करती है, जबकि इस कार्य को आसानी से सेंसर (Sensors) के उपयोग के माध्यम से स्वचालित किया जा सकता है। स्वचालन की मदद से यदि कार्य फिर से शुरू किया जाता है तो श्रमिकों के परस्पर सम्पर्क को बहुत कम किया जा सकता है, क्योंकि काम ऐसे उपकरण द्वारा किया जाता है, जहाँ दूरी बनाने की आवश्यकता नहीं होती। विभिन्न उद्योगों का कहना है कि, वर्तमान समय में उन्हें डिजिटलीकरण (Digitalization) और स्वचालन पर पूर्ण विकसित होने की आवश्यकता है। सहायक कंपनियों के लिए भी, अब स्वचालन में तेजी आएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटोमेशन (Automation) भारतीय निर्माताओं के लिए आगे बढ़ने का एक रास्ता है। बुद्धिमान आपूर्ति श्रृंखला नियोजन उपकरण और उत्पादन स्वचालन उत्पादकता में सुधार कर सकते हैं। हालांकि, कंपनियों की वित्तीय स्थिति इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण कारक है। नई तकनीक में निवेश बहुत बड़ा होने जा रहा है। हालांकि स्वचालन से तात्पर्य कम संख्या में जनशक्ति हो सकता है लेकिन इसके लिए लोगों के एक ऐसे नए समूह की आवश्यकता होगी, जो कुशल हो। इसके लिए आदमी और मशीन के बीच एक उचित विकल्प बनाया जाना चाहिए, ताकि दोनों के बीच संतुलन बना रहे। स्वचालन में त्वरण मानव श्रमिकों और उपभोक्ताओं दोनों को सुरक्षित रखता है। स्वचालन लोगों की क्षमता और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विशाल नए अवसर उत्पन्न करेगा।
चूंकि कोविड-19 ने तालाबंदी के कारण लोगों को घर के अंदर रहने पर मजबूर किया है, इसलिए दिन-प्रतिदिन के कार्यों को जारी रखने के लिए विभिन्न व्यवसाय स्वचालन को एक समाधान के रूप में देख रहे हैं। महामारी के कारण रोबोट प्रोसेस ऑटोमेशन (Robot Process Automation -RPA) के कई नए उपयोग के मामले सामने आये हैं। ऑटोमेशन एनीव्हेयर और यूआईपैथ (Automation Anywhere and UiPath) जैसी कंपनियां, जो RPA के साथ काम करती हैं, का कहना है कि वे मौजूदा ग्राहकों से बढ़े हुए व्यापार और ब्याज को देख रहे हैं, जबकि नए व्यवसाय भी प्राप्त कर रहे हैं। न केवल वास्तविक समय में स्वचालन को अपनाने में वृद्धि देखी जा रही है बल्कि दैनिक उपयोग के नए मामलों में भी वृद्धि हो रही है तथा अधिक संगठन और क्षेत्र गंभीरता के साथ स्वचालन की ओर अपना रूख कर रहे हैं। कोविड-19 की स्थिति में सरकारें, अस्पतालों आदि के द्वारा बहुत सारे बॉट का इस्तेमाल किया जा रहा है। बॉट एक ऐसा सॉफ्टवेयर (Software) है जिसे आमतौर पर आपके द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों को स्वचालित करने के लिए डिज़ाइन (Design) किया गया है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के उन्नत कोविड-19 वार्ड (Ward) में उपभोक्ता रोबोटिक्स फर्म मिलग्रो (Consumer robotics firm Milagrow) के दो रोबोटों को आजमाया गया है। मिलग्रो iMap 9 एक कीटाणुनाशक रोबोट है, जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के फर्श को नेविगेट (Navigate) और साफ करने का कार्य कर सकता है। यह सोडियम हाइपोक्लोराइट (Sodium hypochlorite) विलयन का उपयोग करके फर्श की सतह पर कोविड के अंशों को नष्ट कर देता है। यह डॉक्टरों को किसी भी व्यक्ति-से-व्यक्ति के संपर्क में आने वाले संक्रामक कोविड-19 रोगियों की निगरानी करने और उनसे बातचीत करने में सक्षम बनाता है, जिससे संक्रमण का जोखिम काफी कम किया जा सकता है।
चित्र (सन्दर्भ):
1. मुख्य चित्र - भारत में कोरोना संभावित मरीज का रोबोट द्वारा परिक्षण।
2. दूसरे चित्र में चीन में मरीजों को दवा पहुंचने वाला रोबोट है।
3. तीसरे चित्र में स्वचालन संदर्भित है।
4. चौथे चित्र में फैक्ट्री में रोबोटिक मशीन काम कर रही हैं।
5. अंतिम चित्र में नर्स रोबोट दिख रहा है।
सन्दर्भ:
1. https://bit.ly/2SZgzyv
2. https://bit.ly/2T2ByQS
3. https://bit.ly/2ZfUKhS
4. https://bit.ly/2zBgwSI
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