Unique butterflies in Rampur

मेरठ

 27-11-2017 04:46 PM
तितलियाँ व कीड़े

भारत में तितलियों की हज़ार से भी अधिक प्रजातियाँ पायी जाति हैं। इनमें से कई प्रजातियाँ रामपुर एवं उसके आस पास के तराई इलाके में देखी जा सकती हैं। उन्ही कुछ प्रजातियों में से एक है कॉमन वॉण्डरर जिसे रामपुर में देखा जा सकता है। कॉमन वॉण्डरर तितली का वैज्ञानिक नाम है पारेरोनिया वैलेरिया। ये पिरिडे परिवार में आती हैं। दुनिया भर में पिरिडे परिवार की 1000 के करीब तितलियाँ पायी जाती हैं जिनमे से 109 प्रजाति की तितलियाँ भारत में मौजूद हैं। जब ये तितलियाँ विश्राम कर रही होती हैं तो इनके ऊपरी पंख इनके निचले पंखों से छिपे रहते हैं और इनके ऊपरी पंख का एक सिरा ही दिखाई देता है। ये तितलियाँ अक्सर धूप सेकने की शौक़ीन होती हैं। इनके अंडे लम्बे व धुरी के आकार के होते हैं जो कि या तो अकेले दिए जाते हैं या फिर जत्थे में। इस तितली की इल्ली का प्रमुख भोजन पत्ता गोभी और उसी परिवार के दूसरे पौधे होते हैं। इनके कोषस्थ कीट अपने अंतिम भाग के सहारे पेड़ की डाली से जुड़े रहते हैं और एक रेशमी कवच में लिपटे हुए सुरक्षित रहते हैं। कॉमन वॉण्डरर फीके नीले रंग की होती हैं जिनकी किनारी पतली और काले रंग की होती है। इनके ऊपरी पंखों पर नीले धब्बे देखे जा सकते हैं जिनका आकार सिरे की ओर जाते जाते बढ़ता जाता है। नर एवं मादा कॉमन वॉण्डरर दिखने में काफी असमान होती हैं जिसका अनुमान दिए गए चित्रों द्वारा लगाया जा सकता है। नर कॉमन वॉण्डरर तितली नदियों एवं नालों के समीप गीले भागों में पायी जाती हैं जहाँ वे सड़े हुए पौधे और कीचड़ ढूँढकर उनमें से कुछ तरल पदार्थ चूसती हैं। वहीं दूसरी ओर मादा कॉमन वॉण्डरर तितली आराम मिजाज़ की होती हैं और इस वजह से कम दिखाई पड़ती हैं। इनके पंखों के फैलाव की बात करें तो ये करीब 65-80 मिलीमीटर तक फैले होते हैं। ज़्यादातर कॉमन वॉण्डरर ऐसे खुले जंगलों में पायी जाती हैं जहाँ मध्यम बरसात होती हो। ये तितलियों को मार्च से लेकर नवम्बर के महीने तक दिखाई देती हैं। दिए गए चित्रों में नर एवं मादा कॉमन वॉण्डरर तितली को दर्शाया गया है। 1. द बुक ऑफ़ इंडियन बटरफ्लाईज़- आइसेक केहिमकर

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