रामपुर में नीलगाय

मेरठ

 28-11-2017 01:14 PM
शारीरिक

नीलगाय एक ऐसा जीव है जिसे पहली बार देखने पर इंसान अचम्भे में पड़ जाता है। इनके नाम में तो गाय आता है लेकिन यह एक साधारण गाय से काफी अलग दिखती हैं। दरअसल नीलगाय एक प्रकार की मृग होती है जो कि बोविडे परिवार में आती है। इसका वैज्ञानिक नाम बोज़ेलाफस ट्रेगोकेमेलस है। बोज़ेलाफस शब्द को विभाजित करने पर दो अलग अलग भाषा के शब्द मिलते हैं, लैटिन का बोस जिसका अर्थ है गाय और ग्रीक का एलाफस जिसका अर्थ है हिरण। ट्रेगोकेमेलस को विभाजित करने पर मिलता है ग्रीक का ट्रेगोस जिसका अर्थ है नर बकरी और ग्रीक का ही दूसरा शब्द केमेलोस जिसका अर्थ है ऊँट। नीलगाय का मूल स्थान भारतीय उपमहाद्वीप है और रामपुर एवं उसके आस पास के तराई इलाके में नीलगाय बड़ी आबादी में पायी जाती है। 1992 में नीलगाय का वंशावली से सम्बंधित अध्ययन किया गया जिसमे उसके डी.एन.ए. (डीऑक्सी राइबोन्यूक्लिक एसिड) की जांच की गयी। जांच में पता चला कि नीलगाय का सम्बन्ध काफी जनजातियों से है जैसे कि बोसेलाफिनी, बोविनी और ट्रागेलाफिनी। बोविनी के अंतर्गत काफी प्रकार और उपप्रकार आते हैं जैसे ब्युबेलस, बोस, सिंसेरस (अफ्रीकी भैसा), बायसन और विलुप्त पेलोरोविस। ट्रागेलाफिनी के अंतर्गत दो जनजातियाँ आती हैं- टौरोट्रेगस और ट्रागेलाफस। बोसेलाफिनी और ट्रागेलाफिनी के बीच एक करीबी सम्बन्ध होने का अनुमान लगाया गया था और 1999 में किये गए एक अध्ययन द्वारा इसका प्रमाण भी उपलब्ध हो गया है। दक्षिण भारत के कुरनूल की गुफाओं से नीलगाय के प्लाइस्टोसीन काल के अवशेष प्राप्त हुए हैं। मध्य पाषाण काल (5,000-8,000 साल पूर्व) में मानव नीलगाय का शिकार किया करता था। नीलगाय की शारीरिक रचना की बात की जाये तो उसके शरीर की लम्बाई 190-230 सेंटीमीटर के करीब होती है और उसके कंधे तक का कद 120-130 सेंटीमीटर के करीब होता है। उसकी पूँछ 45-55 सेंटीमीटर लम्बी होती है और उसका वज़न करीब 190-210 किलोग्राम होता है। मादा नीलगाय के शरीर की लम्बाई-चौड़ाई नर नीलगाय से कम होती है तथा नर नीलगाय के दो सींग होते हैं जो मादा नीलगाय में नहीं पाए जाते। नीलगाय की पीठ झुकती हुई, गला गहरा और टाँगे पतली होती हैं। नीलगाय एक शाकाहारी जीव है जो घांस पत्ते खाना पसंद करती है और इसीलिए इसे ज़्यादातर जंगलों खेतों और खुले मैदानों में पाया जाता है। 1. द इलस्ट्रेटेड एनसायक्लोपीडिया ऑफ़ मैमल्स; डॉ. व्लादिमीर हनक, डॉ. व्रातिस्लाव मज़क 2. https://goo.gl/piMf8R

RECENT POST

  • ए आई के युग में, एन एल पी है, मानव भाषा को समझने, व्याख्या करने व जवाब देने में माहिर
    संचार एवं संचार यन्त्र

     16-01-2025 09:31 AM


  • चलिए अवगत होते हैं, भारत में ड्रॉपशिपिंग शुरू करने के लिए लागत और ज़रूरी प्रक्रियाओं से
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:30 AM


  • आध्यात्मिकता, भक्ति और परंपरा का संगम है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:26 AM


  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का श्रेय जाता है, इसके मज़बूत डेयरी क्षेत्र को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     13-01-2025 09:26 AM


  • आइए, आज देखें, भारत में पोंगल से संबंधित कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:30 AM


  • जानिए, तलाक के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए, कुछ सक्रिय उपायों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:26 AM


  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id