Post Viewership from Post Date to 18-Feb-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2282 188 2470

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

क्रिकेट के बल्ले से लेकर कृषि उपकरण तक, जानें इमारती लकड़ी के पेड़ों की विशेषताएं

लखनऊ

 18-01-2024 09:52 AM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

जब कोई पेड़ परिपक्व हो जाता है, तो उसे काटने के बाद जो उपयोगी लकड़ी हमें प्राप्त होती है, उसे इमारती लकड़ी (Timber) कहा जाता है। बाजार में इस लकड़ी की मांग बहुत अधिक होती है, क्योंकि इसका उपयोग भवन निर्माण सामग्री और फर्नीचर (Furniture) सहित कई अन्य चीजें बनाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग कई अन्य सामग्रीयों जैसे गोंद, टैनिन (Tannin), दवाएं और राल (resin) के उत्पादन के लिए भी किया जाता है। हालांकि हमारे रामपुर में लकड़ी की खेती कम होती है, लेकिन भारत के तराई क्षेत्र में इमारती लकड़ी की खेती सबसे अधिक होती है। इमारती लकड़ी के लिए प्रयोग होने वाला टिम्बर (Timber) एक ऐसा शब्द होता है, जो या तो बिना काटे गए पेड़ों या ऐसे पेड़ों को संदर्भित करता है जिनकी कटाई की गई है और सौंदर्य प्रयोजनों के लिए उनकी छाल या तने आदि को साबुत रखा गया है।”
इस लकड़ी के कुछ लाभ निम्नवत दिए गए हैं:
1. इमारती लकड़ी एक नवीकरणीय संसाधन है, जो दुनिया भर के देशों में उगाई जाती है। इस प्रकार इसकी परिवहन की लागत कम हो जाती है।
2. इमारती लकड़ी का विकास बहुत तेज़ी से होता है, और नरम लकड़ी की किस्में दृढ़ लकड़ी की तुलना में तेज़ गति से पुनः भरने (Replenish) में सक्षम होती हैं।
3. इमारती लकड़ी को उपयोग रूप में तैयार करने के लिए, स्टील (Steel) जैसी अन्य निर्माण सामग्रियों की तुलना में बहुत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
4. इमारती लकड़ी जीवन भर वायुमंडल में मौजूद अतिरिक्त कार्बन को संग्रहित करती रहती है।
5. यह लकड़ी जहरीली नहीं होती और काटने या मशीनीकृत करने पर खतरनाक वाष्प भी उत्पन्न नहीं करती है।
6. इमारती लकड़ी की कटाई करना आसान होता है तथा इसके पुनर्विकास और पुनः पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। साथ ही इस लकड़ी को संभालना, काटना और आकार देना आसान होता है, जिससे इसकी व्यापक उपयोग की क्षमता बढ़ जाती है। इन सभी के अलावा इमारती लकड़ी ईंधन का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित होती है, जिसका उपयोग घरों को गर्म करने, भोजन पकाने और पानी गर्म करने के लिए किया जा सकता है। दुनिया भर में जंगलों से काटी गई कुल लकड़ी के 40% हिस्से का उपभोग अंततः ईंधन स्रोत के रूप में ही किया जाता है। भारत में इमारती लकड़ी की 150 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। हमारे देश में उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य खासतौर पर इमारती लकड़ी के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। भारतीय इमारती लकड़ी के पेड़ सुदूर हिमालय और पड़ोसी राज्यों में भी पाए जाते हैं। आम भारतीय पेड़ों का भी दैनिक जीवन में विविध प्रकार से उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए: आम के पेड़ का उपयोग सस्ते फर्नीचर, पैकिंग बक्से (Packing Boxes), दरवाजे और खिड़कियों के लिए पैनल आदि बनाने के लिए भी किया जा सकता है। ताड़ के पेड़ फर्नीचर, छत को कवर करने तथा राफ्टर्स और जॉयस्ट (Rafters And Joists) बनाने के लिए उपयोगी माने जाते हैं। इमली के पेड़ का उपयोग कृषि उपकरण, गाड़ियाँ आदि बनाने के लिए किया जाता है।बरगद के पेड़ की हवाई जड़ों (Aerial Roots) का उपयोग तम्बू के खंभे और कुआं बनाने के लिए किया जाता है। नारियल का पेड़ पूरे तटीय भारत में पाया जाता है और इसका उपयोग खंभे, और फर्नीचर आदि बनाने के लिए किया जाता है।शहतूत के पेड़ का उपयोग टोकरियाँ और हॉकी स्टिक (Hockey Stick) और क्रिकेट के बल्ले जैसे खेल के सामान बनाने के लिए किया जाता है। देवदार के पेड़ का उपयोग संरचनात्मक कार्यों में और रेलवे स्लीपर (Railway Sleeper), सस्ते फर्नीचर, पैकिंग बॉक्स और रेलवे कैरिज (Railway Carriage) आदि बनाने में किया जाता है। बबूल के पेड़ का उपयोग बैलगाड़ी के पहिये, टूल हैंडल (Tool Handle), कृषि उपकरण और कुएं बनाने के लिए किया जाता है। इन सभी के अलावा भारत में सैटिन वुड पेड़ (Satinwood Tree), सुंदरी पेड़, बीजासाल पेड़, गंबर पेड़ (Gambhar Tree), और भारतीय रोज़वुड (Indian Rosewood) जैसे कई अन्य इमारती लकड़ी के पेड़ भी पाए जाते हैं, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। चलिए अब भारत में पाए जाने वाले कुछ शीर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाले पेड़ों के बारे में भी जानते हैं: 1. यूकेलिप्टस (Eucalyptus): ये पेड़ अपनी तेज वृद्धि और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए जाने जाते हैं। ये पेड़ आमतौर पर प्रचुर वर्षा वाले क्षेत्रों में पनपते हैं और भूमि सुधार तथा मृदा संरक्षण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा यूकेलिप्टस अपनी लकड़ी, आवश्यक तेलों (Essential Oils) और अतिरिक्त भूजल को अवशोषित करने की क्षमता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। 2. नीम: ये पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी हैं, और अपनी तीव्र वृद्धि सहित कई अन्य उपयोगों के लिए जाने जाते हैं। ये पेड़ पर्यावरणीय और औषधीय लाभों के लिए जाने जाते हैं। नीम के पेड़ों की जड़ प्रणाली मजबूत होती है जो मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती है। 3. भारतीय मूंगा पेड़: इसे टाइगर क्लॉ या फ्लेम ट्री (Tiger Claw Or Flame Tree) के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय मूंगा पेड़ एक तेजी से बढ़ने वाला पर्णपाती पेड़ होता है। 4. सिल्वर ओक (Silver Oak): तेजी से बढ़ने वाला यह सदाबहार पेड़ यूँ तो ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी है, लेकिन भारत में भी इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह अपने लम्बे कद, संकीर्ण शंक्वाकार आकार और पीले फूलों के समूहों के लिए जाना जाता है। 5. सुबाबुल: तेजी से बढ़ने वाला यह पेड़ मध्य अमेरिका का मूल निवासी है, लेकिन भारत में इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है। यह अपने नाइट्रोजन-फिक्सिंग (Nitrogen-Fixing Properties) गुणों के लिए जाना जाता है, जो इसे पुनर्वनीकरण और मिट्टी सुधार परियोजनाओं के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है। 6. जकरंडा: तेजी से बढ़ने वाला यह पेड़ दक्षिण अमेरिका का मूल निवासी है, लेकिन भारत में इसकी व्यापक रूप से खेती की जाती है। इसे अपने शानदार बैंगनी फूलों के लिए जाना जाता है । इसकी विकास दर तेज़ होती है, जो इसे भू-दृश्यांकन के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है। इन सभी के अलावा भारत में खेती के लिए सर्वोत्तम लकड़ी की प्रजातियाँ क्रमशः सागौन, चंदन, लाल-चंदन, महोगनी, नीम, साल, देवदार, बांस और नीलगिरी मानी जाती हैं। सागौन भारत में सबसे मूल्यवान लकड़ी है, और इसका उपयोग फर्नीचर, फर्श और अन्य उच्च-स्तरीय अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/29vzeesa
http://tinyurl.com/ppkt8c7n
http://tinyurl.com/3pybvm39

चित्र संदर्भ
1. क्रिकेट के बल्ले और इमारती लकड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. ताजा कटी हुई इमारती लकड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (Environment Portal)
3. क्रिकेट का बल्ला बनाते बढ़ई को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. इमारती लकड़ी के ढेर को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
5. इमारती लकड़ी को उठाती मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण ( PickPik)
6. यूकेलिप्टस को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. नीम के पेड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. भारतीय मूंगा पेड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. सिल्वर ओक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
10. सुबाबुल के पेड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
11. जकरंडा के पेड़ को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • समय की कसौटी पर खरी उतरी है लखनऊ की अवधी पाक कला
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:28 AM


  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id