Post Viewership from Post Date to 23-Dec-2023 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
3030 159 3189

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

तैयार रहिए: स्वचालन का युग, अवसर व् अवसाद लिए, एक दोधारी तलवार साबित हो रहा है

लखनऊ

 22-11-2023 09:27 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence (AI) और स्वचालन (Automation) की निरंतर प्रगति से प्रेरित होकर, कार्यक्षेत्र भी बड़े परिवर्तन के दौर से गुज़र रहे हैं। एआई सभी उद्योगों में क्रांति ला रहा है, दोहराए जाने वाले कार्यों को स्वचालित कर रहा है और मानवीय क्षमताओं को भी बढ़ा रहा है। इस प्रकार की तकनीकी क्रांति, पारंपरिक रोज़गार के पैटर्न को बाधित करने के साथ-साथ रोज़गार के अनोखे और नए अवसर भी पैदा कर रही है। इस परिवर्तनकारी बदलाव के कारण श्रमिकों को नौकरियों के बाज़ार में बने रहने के लिए, तकनीक के अनुकूल होना ही होगा और नए कौशल सीखने ही होंगे। भविष्य की एआई-संचालित अर्थव्यवस्था (AI-Powered Economy) में जीवित रहने के लिए आजीवन सीखना और निरंतर अपस्किलिंग (Upskilling) करना यानी नए कौशल सीखना ज़रूरी होता जा रहा है। इंटरनेट के विकास ने व्यवसायों के काम करने के पारंपरिक तरीके को हिलाकर रख दिया है। नई डिजिटल और रोबोटिक प्रौद्योगिकियाँ (Digital And Robotic Technologies), व्यवसाय के क्षेत्र में एक और बड़े बदलाव की ओर अग्रसर हैं। उदाहरण के तौर पर एक वैश्विक जर्मन बैंक, कॉमर्जबैंक (Commerzbank) ने अगले तीन वर्षों में अपनी 80% प्रक्रियाओं को पूरी तरह से डिजिटल करने की योजना साझा की है। जानकारों का मानना है कि रोबोटिक्स, डिजिटल सेवाएं, डिजिटल सलाह तथा बिक्री, और रोबो-सलाहकार, वित्त से लेकर दूरसंचार तक, कुल मिलाकर सेवा उद्योगों के कार्यबल में 60-70% की कटौती कर सकते हैं। इसके अलावा विनिर्माण उद्योगों में भी कटौती देखी गई है, हालाँकि यह कटौती उतनी नहीं है, जितनी की अन्य उद्योगों में देखी जा रही है। आधुनिक समय के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चलने वाले कर्मचारियों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। तकनीकी विकास के साथ आवश्यक कर्मचारियों की संख्या भी घटती जाएगी। आखिर में कुछ चुनिंदा पेशेवर लोग ही शेष रहेंगे जो व्यवसाय और प्रौद्योगिकी दोनों में अत्यधिक कुशल और अनुभवी होंगे।
ये लोग विभिन्न स्थानों और पदों पर काम करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा ये लोगों को प्रबंधित करने से लेकर अनुभवों और प्रौद्योगिकी के प्रबंधन करने की भी क्षमता रखेंगे। बैक ऑफिसों (Back Offices) में भी काम कम होगा, क्योंकि बैंकिंग से जुड़े कई कार्यों को ग्राहक खुद ही कर लेंगे या व्यवसाय के अन्य हिस्सों में यह स्थानांतरित हो जाएंगे। अन्य क्षेत्रों में जोखिम और अनुपालन का काम, प्रबंधन रोबोट ही संभालेंगे, जिससे मानव श्रमिकों की आवश्यकता और भी कम हो जाएगी। फ्रंट ऑफिस (Front Office) में भी कई कार्यों को स्वचालित कर दिया जाएगा, जिससे केवल ऐसे प्रबंधक शेष बचेंगे जो ग्राहकों द्वारा भरोसा करने वाले परिष्कृत रोबो-सलाहकारों (Sophisticated Robo-Advisors) की देखरेख कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी में हुए इस बदलाव से सामान या सेवाओं को बेचने वाले सेल्सपर्सन (Salesperson) भी प्रभावित होंगे, क्योंकि ग्राहक उत्पादों को खरीदने के लिए ए-आई संचालित एल्गोरिथम बॉट (Algorithm Bot) के साथ सीधे बातचीत करने लगेंगे। हालांकि यह परिवर्तन रातो रात नहीं होगा। तकनीकी और नियामक बाधाओं के कारण, पूरी तरह से चालक रहित कारों और स्वचालित डिलीवरी का समय अभी भी दूर हैं। लेकिन निर्णायक मोड़ जितना हम सोच रहे हैं, उससे कहीं जल्दी आनेवाला है। न केवल श्रमिकों बल्कि कंपनियों को भी भारी बदलाव का अनुभव होगा। आने वाले समय में भौतिक बुनियादी ढांचा पूरी तरह से गायब हो जाएगा और अधिक सेवाएं स्वयं-सेवा या आभासी हो जाएंगी। साथ ही ग्राहक आपकी कंपनी के प्रतिनिधि रोबोट के साथ अधिक बातचीत करना शुरू कर देंगे। भविष्य की मांग को देखते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) कौशल वाले लोगों की मांग भी आसमान छू रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 2019 में, एआई से संबंधित नौकरी पोस्टिंग में 29% की वृद्धि हुई है। मशीन लर्निंग (Machine Learning), डीप लर्निंग और कंप्यूटर विज़न (Deep Learning And Computer Vision) में विशेषज्ञता वाले डेटा वैज्ञानिकों (Data Scientists) और इंजीनियरों की बाजार में पहले से ही बहुत अधिक मांग है। हालांकि एआई प्रतिभा और डेटा साक्षरता कौशल की कमी ने, एआई और संबंधित प्रौद्योगिकियों को अपनाने तथा उनका लाभ उठाने की कोशिश कर रहे संगठनों के लिए एक बड़ी बाधा पैदा कर दी है। डेलॉइट शोध (Deloitte Research) में पाया गया कि 2019 तक केवल 16% संगठनों ने ही एआई को अपनाया था।
हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू (Harvard Business Review) ने भी अपने शोधों में यह पाया कि “केवल 8% संगठन ही ऐसी प्रथाओं में संलग्न हैं, जो एआई और एनालिटिक्स (AI And Analytics) को व्यापक रूप से अपनाने का समर्थन कर सकते हैं।” इन संगठनों के अधिकारियों और प्रबंधकों से लेकर कर्मचारियों तक को उन्नत करने से उन्हें एआई और संबंधित प्रौद्योगिकियों की व्यापक समझ विकसित करने में मदद मिल सकती है। कुल मिलाकर “स्वचालन का युग (Era Of Automation)” एक दोधारी तलवार की तरह है, जो चुनौतियाँ और अवसर दोनों ला रहा है। एआई, कार्यस्थल और काम करने के तरीके को पूरी तरह से बदल रहा है, इसलिए लोगों को इस विकसित परिदृश्य के लिए प्रभावी ढंग से तैयारी करनी चाहिए। इसलिए निरंतर सीखते रहना, अपस्किलिंग (Upskilling), रीस्किलिंग (Reskilling) और सॉफ्ट स्किल (Soft Skills) विकसित करना इस नए युग में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक रणनीतियाँ साबित हो सकती हैं।

संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/Ytrb268w
Https://Tinyurl.Com/5y5h9epc
Https://Tinyurl.Com/2s4ja98v

चित्र संदर्भ
1. मरीज का इलाज करते रोबोट को दर्शाता एक चित्रण (pixexid)
2. चिकित्सा में तकनीक और ए-आई के प्रयोग को दर्शाता एक चित्रण (medium)
3. रोबोट और इंसान को दर्शाता एक चित्रण (wikipedia)
4. ए-आई रोबोट सोफ़िया को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. ऑपरेशन करते रोबोट को दर्शाता एक चित्रण (media)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • समय की कसौटी पर खरी उतरी है लखनऊ की अवधी पाक कला
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:28 AM


  • नदियों के संरक्षण में, लखनऊ का इतिहास गौरवपूर्ण लेकिन वर्तमान लज्जापूर्ण है
    नदियाँ

     18-09-2024 09:20 AM


  • कई रंगों और बनावटों के फूल खिल सकते हैं एक ही पौधे पर
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:18 AM


  • क्या हमारी पृथ्वी से दूर, बर्फ़ीले ग्रहों पर जीवन संभव है?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:36 AM


  • आइए, देखें, महासागरों में मौजूद अनोखे और अजीब जीवों के कुछ चलचित्र
    समुद्र

     15-09-2024 09:28 AM


  • जाने कैसे, भविष्य में, सामान्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, पार कर सकता है मानवीय कौशल को
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:23 AM


  • भारतीय वज़न और माप की पारंपरिक इकाइयाँ, इंग्लैंड और वेल्स से कितनी अलग थीं ?
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:16 AM


  • कालिदास के महाकाव्य – मेघदूत, से जानें, भारत में विभिन्न ऋतुओं का महत्त्व
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:27 AM


  • विभिन्न अनुप्रयोगों में, खाद्य उद्योग के लिए, सुगंध व स्वाद का अद्भुत संयोजन है आवश्यक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:19 AM


  • लखनऊ से लेकर वैश्विक बाज़ार तक, कैसा रहा भारतीय वस्त्र उद्योग का सफ़र?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id