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हम सभी जानते हैं कि हमारे रामपुर की अर्थव्यवस्था, कढ़ाई उद्योग, विशेष रूप से कपड़ों पर की जाने वाली जरदोजी और आरी अलंकरण पर बहुत अधिक निर्भर करती है। हम इनमें से अधिकांश कढ़ाई वाले उत्पाद भारत के अन्य जिलों और यहां तक कि अन्य देशों में भी बेचते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि आर्थिक सिद्धांत और विशेषज्ञों के अनुसार स्थानीय स्तर पर वस्तुओं का उत्पादन और उपभोग करना बहुत अधिक फ़ायदेमदं हो सकता है।
आज अधिकांश देश और कंपनियां वैश्विक उपभोक्ताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि स्थानीय रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियां आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं। आज वैश्विक विनिर्माण प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जिससे कंपनियों का मुनाफा कम हो गया है। विनिर्माण क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाली पश्चिमी कंपनियों और देशों को चीन और भारत जैसे देशों में कम वेतन वाले श्रमिकों से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन जैसी सेवाएँ लोगों के खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही हैं। इस प्रवृत्ति से स्थानीय स्तर पर कॉर्पोरेट रणनीतियाँ (Corporate Strategies) बनाने में बड़े बदलाव आ सकते हैं। आंकड़े बताते हैं कि जो देश वैश्विक प्रतिस्पर्धा की वास्तविकता को नजरअंदाज करते हैं और केवल विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हैं उन्हें आर्थिक और अन्य कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। और शायद इसी कारण जापान, जर्मनी और फ्रांस, जैसे देश आज धीमी आर्थिक वृद्धि और बेरोजगारी का अनुभव कर रहे हैं।
विज्ञापन जैसी निश्चित लागतें किसी विशेष क्षेत्र या बाज़ार पर केंद्रित होती हैं। उदाहरण के लिए, कोका-कोला, कोलगेट-पामोलिव, नेस्ले और पेप्सिको जैसी कंपनियां, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ उद्योग में विश्व स्तर पर सफल हो रही हैं।हालांकि, स्थानीय कारकों के कारण विभिन्न बाजारों में उनकी बाजार में हिस्सेदारी भिन्न-भिन्न होती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो पेप्सी ने स्थानीय बाजार की गतिशीलता पर विचार किए बिना वैश्विक स्तर पर कोका-कोला के प्रभुत्व को चुनौती देने की गलती की थी, जिस कारण वेनेजुएला (Venezuela) में कम्पनी को भारी नुकसान हुआ।
इसी तरह, दूरसंचार और मीडिया में, स्थानीय बाजारों पर प्रभुत्व रखने वाली कंपनियां, वैश्विक बाजारों पर ध्यान केंद्रित करने वाली कंपनियों की तुलना में अधिक सफल रही हैं। किसी भी कंपनी की स्थानीय ग्राहको पर मजबूत पकड़ उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके विपरीत, वैश्विक स्तर पर विस्तार करने का प्रयास करने वाली कंपनियों को दिवालियापन और निराशाजनक प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है।
नए क्षेत्रों में विस्तार के लिए अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता हो सकती है, जिससे कंपनियों के लिए स्थानीय रूप से प्रमुख खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा। वॉलमार्ट (Walmart) की सफलता खुदरा उद्योग (retail industry) में स्थानीय प्रभुत्व का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने एक विशिष्ट क्षेत्र में शुरुआत की और धीरे-धीरे विस्तार करते हुए अपने मुख्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त किया।
स्थानीय स्तर पर उत्पाद निर्माण से लाभ कमाने के संदर्भ में हमारा रामपुर शहर एक अच्छा उदाहरण साबित हुआ है। रामपुर जिला राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Gross State Domestic Product (GSDP) में लगभग 1% (14,430 करोड़ रुपये) का योगदान देता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, रामपुर जिले का क्षेत्रफल 2367 वर्ग किलोमीटर है और इसकी जनसंख्या 23,35,819 है, जिसमें 12,23,889 पुरुष और 11,11,930 महिलाएं शामिल हैं।
रामपुर में अन्य जिलों पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक (प्रति 1000 पुरुषों पर 909 महिलाएं) हैं। जिले में प्रमुख धर्म मुस्लिम (50.57%) और हिंदू (45.97%) हैं। यहां की साक्षरता दर 53.34% है, जिसमें महिलाओं (44.44%) की तुलना में पुरुषों (61.40%) की साक्षरता दर अधिक है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हिंदी (73.99%), उर्दू (23.04%), और पंजाबी (2.54%) हैं। यहां की लगभग 46.81% जनसंख्या श्रम शक्ति अर्थात कामकाजी लोग है। हमारे रामपुर की अर्थव्यवस्था मुख्यतः खेती पर निर्भर है। यहां की भूमि बहुत उपजाऊ है, और यहां पर बहुत अधिक उद्योग या खनन नहीं है। रामपुर के मुख्य उद्योग चीनी प्रसंस्करण, ज़री कढ़ाई का काम (सजावटी कढ़ाई), कपड़ा बुनाई, प्लाईवुड (Plywood) से संबंधित काम और कृषि उपकरण बनाना हैं। हालांकि इन सीमित उत्पादों और सेवाओं पर भी रामपुर वासी अच्छी कमाई कर लेते हैं।
रामपुर में कुशल बुनकर सुंदर ज़री और ज़रदोजी का काम करते हैं, जिनका उपयोग विशेष अवसरों के दौरान नवाबों (शाही शासकों) और आम लोगों के कपड़ों को सजाने के लिए किया जाता है। रामपुर अपनी हस्तकला और कढ़ाई के लिए जाना जाता है, जिसे पड़ोसी देशों में भी बहुत पसंद किया जाता है। रामपुर के ज़रदोजी उत्पादों को एक अद्वितीय और प्रामाणिक ब्रांड के रूप में पहचान मिली है। रामपुर में एक अन्य महत्वपूर्ण उद्योग पतंग बनाना भी है। विभिन्न आकारों और आकृतियों की हस्तनिर्मित पतंगें उत्पादित की जाती हैं, और न केवल रामपुर में बल्कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में उनकी अत्यधिक मांग है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/bdz6ejm4
https://tinyurl.com/yc4ubkha
https://tinyurl.com/mr44wcbw
https://tinyurl.com/3he6e3d7
चित्र संदर्भ
1. कपडे की फैक्ट्री में काम करती महिला को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. कपडे पर कढ़ाई करते भारतीय को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
3. एक फैक्ट्री के भीतर के दृश्य को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. भारत के हथकरघा उद्योग को दर्शाता चित्रण (Hippopx)
5. कोलकाता में ज़री का काम करते व्यक्ति को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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