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क्या आप जानते हैं कि भारत दुनिया में मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है? वैश्विक बाजार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 37% है। मिर्च हर भारतीय रसोई और खाना पकाने में उपयोग किए जाने वाले सबसे आम मसालों में से एक है।संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार भारत, वर्ष 2020 में सूखी मिर्च का शीर्ष उत्पादक बना रहा। इस वर्ष देश में लगभग 17 लाख टन से अधिक मिर्च का उत्पादन हुआ। इसके बाद थाईलैंड (Thailand) का स्थान था, जिसने भारत के मुकाबले बहुत छोटा अर्थात 3.22 लाख टन का उत्पादन किया। इस वर्ष में ही 3.07 लाख टन के उत्पादन के साथ चीन (China) तीसरे स्थान पर था।
भारतीय मिर्च को उसके उच्च तीखेपन के लिए जाना जाता है,और इसका उपयोग भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ दुनिया भर के अन्य व्यंजनों में भी किया जाता है।भारतीय मिर्च का उपयोग मिर्च पाउडर, पेप्रिका (paprika) और मिर्च-आधारित सॉस सहित कई प्रकार के उत्पादों का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में, इस मिर्च को मुख्य रूप से ताज़ी या सूखी पूरी मिर्च के रूप में और साथ ही संसाधित रूपों जैसे फ्लेक्स (Flakes), पाउडर और पेस्ट के रूप में भी निर्यात किया जाता है। मिर्च के प्रमुख निर्यात स्थलों में संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America), यूरोप (Europe) और एशिया (Asia) शामिल हैं। इन मिर्चों की मांग बांग्लादेश (Bangladesh), थाईलैंड (Thailand) और श्रीलंका (Sri Lanka) में भी की जाती है।
“गुंटूर सन्नम मिर्च” या “गुंटूर मिर्च S4”, एक प्रकार की मिर्च है जो भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के जिले गुंटूर में उगाई जाती है। दुनिया भर में इस मिर्च की भारी मांग है, और 2019-20 में अकेले गुंटूर जिले ने लगभग 640 मिलयन डॉलर मूल्य की मिर्च का निर्यात किया था। चीन सहित विभिन्न क्षेत्रों में गुंटूर मिर्च की काफी मांग है, और इसका मुख्य कारण है इनसे होने वाला स्वास्थ्य लाभ। इस मिर्च में कैप्साइसिन (Capsaicin) होता है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह दर्द से राहत और वजन घटाने सहित कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है। यह मिर्च विटामिन C, विटामिन A, और पोटेशियम (Potassium) सहित अनेकों अन्य विटामिनों और खनिजों से समृद्ध है।
चीन में लोकप्रिय गुंटूर सन्नम मिर्च, वहां अपने अनोखे स्वाद और तीखेपन के लिए प्रसिद्ध है।यह विशेष रूप से सिचुआन व्यंजनों (Sichuan cuisine) में लोकप्रिय है, जहां इसका उपयोग व्यंजनों में तीव्र और तीखा स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है। गुंटूर सन्नम मिर्च का उपयोग सॉस, पेस्ट और यहां तक कि मिर्च के तेल के उत्पादन में भी किया जाता है।पाक अनुप्रयोगों के अलावा, इस मिर्च का उपयोग चीन में विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। हालांकि, 19वीं शताब्दी तक “गुंटूर चिलीज़ एस4” चीन में लोकप्रिय नहीं हुई थी। इन्हें वहां भारतीय व्यापारियों द्वारा पेश किया गया । आज, चीन भारत की लाल मिर्च का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। उनका कहना है कि भारत की मिर्च उनकी मिर्च से बेहतर है क्योंकि भारतीय मिर्च गर्म और अधिक स्वादिष्ट है। पिछले कुछ सालों में चीन में भारतीय मिर्च की मांग दोगुनी हो गई है।
हरी मिर्च को विविध प्रकार की वायुमंडलीय स्थितियों जैसे उष्णकटिबंधीय से उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जा सकता है। यह उत्पादक को लाभकारी प्रतिफल प्रदान करती है।अन्य फसलों की तुलना में इसमें उच्च निवेश की आवश्यकता होती है। इसकी फसल को जुलाई और अगस्त तथा अक्टूबर और नवंबर के महीने में बोया जा सकता है। हरी मिर्च की बीज दर 2.5 किलोग्राम प्रति एकड़ और संकर मिर्च किस्मों के लिए 800 से 1000 ग्राम प्रति एकड़ होती है। अर्थात 1 एकड़ हरी मिर्च की फसल की खेती के लिए 2.5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है, जिसकी कीमत लगभग 5000 रुपये है। इन मिर्चों को उगाने में लगने वाली कुल लागत 20,700 रुपए है। 1 एकड़ क्षेत्र में यदि हरी मिर्च की खेती की जाए तो प्रति एकड़ 15 क्विंटल तक उपज मिल सकती है।
संदर्भ:
https://rb.gy/rx89o
https://rb.gy/3700a
https://rb.gy/i2ru7
चित्र संदर्भ
1. मंडी में मिर्च को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. मिर्च की टोकरी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. गुंटूर सन्नम मिर्च के छँटाव को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. सिचुआन व्यंजनों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. मिर्च की खेती को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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