Post Viewership from Post Date to 31-Jul-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2344 575 2919

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

पर्यावरण व सामुदायिक हितों का रक्षक,देश का पहला 'अमृत सरोवर', बन गया रामपुर का गौरव

लखनऊ

 30-06-2023 09:37 AM
भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

क्या आप जानते हैं कि हमारे रामपुर से शुरू हुई ‘अमृत सरोवर योजना’ (Amrit Sarovar Scheme) धीरे-धीरे पूरे देश को लाभान्वित करने लगी है। आज देशभर के अलग-अलग जिलों में ऐसे हजारों सरोवर बनाए और कई हजार जल निकाय बनाए जा चुके हैं, जो आसपास के क्षेत्रों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों को विभिन्न माध्यमों से आजीविका भी प्रदान कर रहे हैं।
‘अमृत सरोवर योजना’ एक ऐसी परियोजना है, जिसका प्रमुख उद्देश्य पूरे देश में जल निकायों को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित करना है। यह परियोजना जल संरक्षण और स्थानीय समुदायों को एक साथ लाने पर केंद्रित है। योजना के तहत स्थापित सरोवर या तालाब न केवल आसपास के क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे, बल्कि खेती, मछली पकड़ने और पर्यटन जैसी गतिविधियों के माध्यम से आजीविका के स्रोत के रूप में भी काम करेंगे। ‘अमृत सरोवर योजना’ को 24 अप्रैल, 2022 के दिन “आजादी का अमृत महोत्सव” के जश्न के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों को विकसित और पुनर्जीवित करना है। जल संसाधनों के संरक्षण और सुधार में मदद के लिए इस योजना के तहत कुल 50,000 जल निकाय बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया , जिनमें से प्रत्येक जल निकाय, जो कम से कम एक एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, 10,000 क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित करेगा।
इस योजना के तहत छह मंत्रालय/विभाग अपनी भूमिका निभा रहे हैं:
ग्रामीण विकास विभाग।
भूमि संसाधन विभाग।
पेयजल और स्वच्छता विभाग।
जल संसाधन विभाग।
पंचायती राज मंत्रालय।
पर्यावरण मंत्रालय।
इस योजना में ‘भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान’ (Bhaskaracharya National Space Application and Geo-informatics Institute (BISAG-N) द्वारा तकनीकी मदद दी जा रही है। यह योजना राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की सहभागिता के साथ आगे बढ़ रही है, जिसमें महात्मा गांधी नरेगा, वित्त आयोग अनुदान, वाटरशेड विकास घटक (Watershed Development Component) और हर खेत को पानी जैसी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की उप योजनाओं सहित राज्य-विशिष्ट योजनाएं भी शामिल हैं।
‘अमृत सरोवर’ योजना का लक्ष्य 15 अगस्त, 2023 तक 50,000 अमृत सरोवर तैयार कर देना है। यह योजना स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग पर जोर देती है। इस योजना के तहत यह भी निश्चित किया गया है कि प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को प्रत्येक अमृत सरोवर स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का समारोह भी आयोजित किया जाएगा।
राज्य सरकारों ने उन स्थानों की पहचान कर ली है जहां ये तालाब बनाए जाएंगे। 14 दिसंबर, 2022 तक, 53,050 कार्य स्थलों पर समय सीमा से पूर्व ही निर्माण कार्य शुरू हो गया और अब 24 जून 2023 तक इस योजना के तहत 1,10,357 कार्य स्थलों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से 78,191 कार्य स्थलों पर निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है । योजना की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए, सरकार ने एक वेबसाइट https://amritsarovar.gov.in/ भी बनाई है जहाँ लोग चिन्हित कार्यस्थलों और कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस योजना के लिए अलग से बजट आवंटित नहीं किया गया है, बल्कि यह योजना विभिन्न मौजूदा योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, 15वें वित्त आयोग से अनुदान, और प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि के बजट पर आधारित है। साथ ही इस योजना के लिए जन-सहयोग (Crowdfunding) और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल (Corporate Social Responsibility Initiative) के माध्यम से सार्वजनिक योगदान भी दिया जा सकता है। इस योजना में झारखंड और तमिलनाडु सहित 34 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि देश का पहला ‘अमृत सरोवर' हमारे रामपुर जिले के पटवाई गांव में बनाया गया है। इस जलाशय को बनाने में लगभग 60 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसके उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी उपस्थित हुए थे।
रामपुर में अमृत सरोवर बनाने का मूल उद्देश्य यहाँ पर भी भूजल को संरक्षित करना और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना है। साथ ही इन निकायों के माध्यम से सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाह रही है कि इन जल निकायों के आसपास का क्षेत्र हरा-भरा रहे। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के अनुसार, रामपुर में पहले अमृत सरोवर का उद्घाटन जल संरक्षण की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने हालिया ‘मन की बात’ कार्यक्रम में रामपुर के पटवाई में ‘अमृत सरोवर’ का जिक्र किया था। वहीँ केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने देश के पहले अमृत सरोवर का निर्माण कार्य इतने कम समय में पूरा करने के लिए राज्य के प्रयासों की सराहना की। साथ ही उन्होंने इस परियोजना को सफल बनाने में आम जनता, ग्रामीणों, ग्राम पंचायतों और जिला प्रशासन के योगदान को सराहा। उन्होंने एक गंदे तालाब को स्वच्छ और आकर्षक झील में बदलने के लिए पटवाई ग्राम पंचायत, रामपुर के लोगों और स्थानीय स्कूली बच्चों के प्रयासों की सराहना की। इस तालाब के चारों तरफ अब दीवार खड़ी कर दी गई है और अब यहां के आसपास के क्षेत्र में फूड कोर्ट (Food Court), फव्वारे और प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो गई हैं। कुल मिलकर पटवाई का ‘अमृत सरोवर’ न केवल जल संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा में मदद करेगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में भी काम करेगा।

संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/4cub6nk9
Https://Tinyurl.Com/Yezfam44
Https://Tinyurl.Com/Bdzfcr8x
https://tinyurl.com/3fnnwv8w
https://tinyurl.com/yc6vhf3x

चित्र संदर्भ

1.'अमृत सरोवर' रामपुर को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. अमृत सरोवर, दुधाला को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. एक सुन्दर भारतीय झील को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. झील पर्यटन को दर्शाता चित्रण (Needpix)
5. झील में तैरती नाव को दर्शाता चित्रण (flickr)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • हमारे जीवन में मिठास घोलने वाली चीनी की अधिक मात्रा में सेवन के हैं कई दुष्प्रभाव
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:32 AM


  • पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान और स्थानीय समुदायों को रोज़गार प्रदान करती है सामाजिक वानिकी
    जंगल

     08-11-2024 09:28 AM


  • राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस: जानें प्रिसिशन ऑन्कोलॉजी नामक कैंसर उपचार के बारे में
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:26 AM


  • परमाणु उर्जा के उत्पादन और अंतरिक्ष की खोज को आसान बना देगा नेपच्यूनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:17 AM


  • डिजिटल तकनीकों के विकास ने पुरानी गाड़ियों के विक्रेताओं के वारे-न्यारे कर दिए हैं
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     05-11-2024 09:45 AM


  • जानिए, कैसे बदल रहा है इलेक्ट्रोपोरेशन, चिकित्सा विज्ञान के भविष्य को
    डीएनए

     04-11-2024 09:27 AM


  • आइए, यू ई एफ़ ए चैंपियंस लीग के बारे में विस्तार से जानें
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     03-11-2024 09:30 AM


  • आज जानें, काउबॉय बूट्स, उनके हिस्सों, विशेषताओं, कलात्मकता और इतिहास के बारे में
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     02-11-2024 09:18 AM


  • प्राचीन काल से ही भारत और यूनान के बीच रहे हैं ऐतिहासिक संबंध
    धर्म का उदयः 600 ईसापूर्व से 300 ईस्वी तक

     01-11-2024 09:19 AM


  • दिवाली विशेष: इस त्योहार में रंगोलियों, चमकीले दीयों और जगमगाती रोशनी से सजेगा हमारा लखनऊ
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     31-10-2024 09:33 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id