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पृथ्वी निर्माण: प्रारंग श्रंखला 2: भारत में कहां मिले हैं हाथियों के विशालकाय पूर्वज ‘ मामूथ’ के जीवाश्म?

लखनऊ

 13-12-2022 11:37 AM
शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

पृथ्वी निर्माण: प्रारंग श्रंखला 2: भारत में कहां मिले हैं हाथियों के विशालकाय पूर्वज ‘ मामूथ’ के जीवाश्म? हाथियों को सामान्यतया उनके विशालकाय आकार के कारण अपराजेय माना जाता है। शेर जैसे खूंखार जानवर भी अपने से इतने अधिक, विशाल जानवर का शिकार करने से बचते हैं। परंतु क्या आप इन भीमकाय हाथियों के विलुप्त हो चुके, शानदार पूर्वजों अर्थात " मामूथ" (Mammoth) की खूबियों और इतिहास के बारे में जानते हैं? मामूथ एक विशालकाय हाथी सदृश जीव था जो अब विलुप्त हो चुका है। कनाडा के पश्चिमी छोर पर स्थित तथा तीन प्रांतों में से सबसे छोटे प्रान्त युकोन के क्लोंडायक क्षेत्र (Klondike Territory of Yukon) में 2010 में, अल्बर्ट विश्वविद्यालय (Albert University) की एक टीम द्वारा सोने की खानों से पर्माफ्रॉस्ट तलछट (Permafrost Sedimentation) के छोटे कोर एकत्र किए गए थे। इन छोटे तलछट के नमूनों में असंख्य पौधों और जानवरों की प्राचीन पर्यावरणीय डीएनए (DNA) की अपार संपत्ति मौजूद थी, जो सहस्राब्दियों से उन वातावरणों में रहते थे।
पिछले 30,000 वर्षों में मध्य युकोन में रहने वाले जानवरों और पौधों के पुनर्स्थापन (Shifting Cast) का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं द्वारा इन डीएनए अंशों का विश्लेषण किया गया। उन्हें क्लोंडायक क्षेत्र में ऊनी मामूथ (Woolly Mammoth) और घोड़ों के, उम्मीद से करीब 3,000 साल बाद तक भी जीवित रहने के प्रमाण मिले। ऊनीमामूथ, मामूथ की एक विलुप्त प्रजाति है जो विलुप्त होने तक होलोसीन युग (Holocene Epoch) में रहती थी। परंतु लगभग 11,700 साल पहले हुआ प्लेस्टोसिन-होलोसीन परिवर्तन (Pleistocene-Holocene Transition), दुनिया भर में अभूतपूर्व बदलाव लेकर आया। इस अवधि के दौरान पूर्वी बेरिंगिया (Eastern Beringia) में, मामूथ-स्टेपी बायोम (Mammoth-Steppe Biome) के पतन और बोरियल वन (Boreal Forest) के साथ इसके क्रमिक प्रतिस्थापन को देखा गया। इस घटना ने कई अन्य जीवों के साथ-साथ अमेरिकी स्किमिटर बिल्ली (American Scimitar Cat) और बेरिंगियन शेर (Beringian Lions) जैसे शिकारियों के साथ-साथ ऊनीमामूथ, युकोन हॉर्स(Yukon Horse) और स्टेप बाइसन (Steppe Bison) जैसे प्रतिष्ठित हिमयुग मेगा हर्बिवोर्स (Ice Age Mega Herbivores) का भी सफाया कर दिया था।
शोधकर्ताओं ने ऊनी मामूथ, घोड़े, स्टेप बाइसन, कृन्तकों, पक्षियों और कई अन्य जानवरों सहित प्राचीन जीवों के विविध स्पेक्ट्रम से भी प्राचीन पर्यावरणीय डीएनए खोजा। वह यह भी देखने में सक्षम थे कि लगभग 13,500 साल पहले काष्ठीय झाड़ियों (Woody Bushes) के उदय के साथ ही पारिस्थितिक तंत्र कैसे बदल गया और यह कैसे वूली मामूथ, घोड़ों और स्टेप बाइसन की विलुप्ति का कारण बना। शोधकर्ताओं के आंकड़े बताते है कि क्लोंडायक में ऊनी मामूथ, लगभग 9,000 वर्ष पूर्व तक और शायद हाल ही में 5,700 वर्ष पूर्व तक बने रहे होंगे। हालांकि, पहले के स्थानीय जीवाश्म रिकॉर्ड से उनके गायब होने की उम्मीद 7,000 वर्ष पूर्व की थी। कुछ समय पहले तक, मध्य-होलोसीन में मामूथ के जीवित रहने का कोई प्रमाण नहीं था। लेकिन अध्ययनों से अब पता चला है कि मामूथ आर्कटिक द्वीपों पर 5,500 और 4,000 वर्ष पूर्व तक जीवित थे। हाल ही में यूनाइटेड स्टेट्स के एक स्टार्टअप (United States Startup), कोलोसल बायोसाइंसेज (Colossal Biosciences) ने ऊनी मामूथ या उनके जैसे विलुप्त हो चुके जानवरों को वापस अस्तित्व में लाने की योजना की घोषणा की है।
कोलोसल, एशियाई हाथी भ्रूण (मामूथ के निकटतम जीवित रिश्तेदार) को संशोधित करने के लिए CRISPR जीन एडिटिंग (CRISPR Gene Editing) तकनीक का उपयोग करने का प्रस्ताव लेकर आए है ताकि उनके जीनोम ऊनी मामूथ के समान हों। कोलोसल के अनुसार, उनका अंतिम उद्देश्य इन स्तनधारियों के झुंडों को आर्कटिक में छोड़ना है, जहां वे एक बार फिर पारिस्थितिक तंत्र को मामूथ से भर देंगे।
अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 4,000 वर्ष पूर्व जब मामूथ, आर्कटिक से गायब हो गए थे, तब झाड़ियों ने पहले घास के मैदानों को पूरी तरह से ढक दिया था। मामूथ जैसे जीव झाड़ियों को रौंद कर, पेड़ों और घास को अपने मल से खाद देकर इस पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से बहाल करने में सहायता कर सकते हैं। सैद्धांतिक रूप से, यह जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायता कर सकता है। टुंड्रा की तुलना में, घास के मैदान अधिक प्रकाश को प्रतिबिंबित कर सकते हैं और जमीन को ठंडा रख सकते हैं। मोटे फर और घने वसा वाले मामूथ जैसे जानवर सैद्धांतिक रूप से साईबेरियाई टुंड्रा (?Siberian Tundra) की कठोर ध्रुवीय जलवायु में भी जीवित रहने में सक्षम होंगे। कोलोसल का कहना है कि इन मामूथ को वापस लाने का उद्देश्य ‘स्टेपी इकोसिस्टम’ (एक बड़ा, सपाट घास का मैदान) को फिर से निर्मित है जो लगभग 12,000 साल पहले तक साइबेरिया में पनपा था। यह अनुमान लगाया गया है कि साइबेरिया के टुंड्रा में पौधों और जानवरों का कुल द्रव्यमान अब 100 गुना कम हो गया है। अतः पुनः वापस आने वाली प्रजातियां पारिस्थितिक तंत्र को उत्तम रूप से बदल सकती हैं।
ओडिशा राज्य के जाजपुर जिले में धर्मशाला तहसील के अंतर्गत राधानगर शहर के पास बांपू गांव में एक विशालकाय जीव का जीवाश्म मिला है जिसके बारे में यह माना जा रहा है कि यह जीवाश्म एक हाथी या एक विशाल आकार के जानवर का है जो कम से कम एक लाख साल पहले इस धरती पर रहता था। प्रख्यात इतिहासकार और शोधकर्ता डॉ नरसिंह चरण के अनुसार यह जीवाश्म ओडिशा के जाजपुर जिले में पाए गए कई जीवाश्मों में सबसे पुराना है। हालांकि, यह जानने के लिए गहराई से अध्ययन करने की आवश्यकता है कि जीवाश्म कितना पुराना है और जानवर की प्रजाति क्या है? इस प्राचीन जानवर के जीवाश्म की खोज के साथ ही राधानगर शहर के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Tiger Reserve (CTR) के बिजरानी जोन (Bijrani Zone) में भी हाल ही में आधुनिक हाथी के पूर्वज माने जाने वाले एक विलुप्त जानवर ' मामूथ' के संदिग्ध जीवाश्म की खोज की गई है। इस खोज ने कई वन्यजीव-पर्यवेक्षकों और वैज्ञानिकों को आकर्षित किया ।
“प्रारंभिक जांच में, यह पाया गया कि यह एक विशाल और कम से कम 1.2 मिलियन वर्ष पुराना मामूथ का जबड़ा है। हालांकि, अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अभी निर्णायक परीक्षण किए जाने शेष हैं।

संदर्भ
https://bit.ly/3Y2UOh2
https://bit.ly/3uCA421
https://bit.ly/3h57O55
https://bit.ly/3Pb4JgI

चित्र संदर्भ
1. हाथियों के विशालकाय पूर्वज ‘ मामूथ’ के जीवाश्म को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. रॉयल बीसी संग्रहालय में ऊनी मैमथ के मॉडल को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. खोजे गए जीवाश्म अवशेषों से निकले लेट प्लेइस्टोसिन में मैमथुस प्रिमिजेनियस के बायोग्राफिकल डिस्ट्रीब्यूशन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. स्टेगोडन गनेसा, शिवालिक, भारत के लेट प्लियोसीन से स्टेगोडोंट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. ‘वूली मामूथ’ के जीवाश्म को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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