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परफ्यूम और डिओडोरेंट में अंतर के साथ समझिये इनकी विशेषताएं तथा दुष्परिणाम

लखनऊ

 23-11-2022 10:52 AM
गंध- ख़ुशबू व इत्र

आमतौर पर पुरुषों के साजो-सामान, महिलाओं की तुलना में कम ही होते हैं। डिओडोरेंट तथा परफ्यूम (Deodorant and Perfume) भी इन्ही चुनिंदा श्रंगार सामग्रियों में से एक होते हैं, जिनका प्रयोग हालांकि पूरी तरह से तैयार होने बाद सबसे आखिर में किया जाता है, लेकिन प्रयोग अवश्य किया जाता है। परफ्यूम और डिओडोरेंट दोनों उत्पाद आपको अच्छी महक देने में मदद करते हैं। लेकिन वास्तव में डियो और परफ्यूम में क्या अंतर है? आइए पता करें ताकि आप यह समझ सकें कि दोनों में से किसे चुनना है।
परफ्यूम क्या है?
डियो और परफ्यूम के बीच के अंतर को समझने के लिए, आपको पहले यह जानना होगा कि वे व्यक्तिगत रूप से क्या हैं। परफ्यूम कंसन्ट्रेटेड फ्रेगरेंस पोशन (Concentrated Fragrance Potion) होते हैं जो त्वचा या कपड़ों पर लगाने के लिए होते हैं। वे प्राकृतिक सुगंधित अवयवों और अल्कोहल (Alcohol) से बने होते हैं, तथा कभी-कभी बिना अल्कोहल के भी बनाए जा सकते हैं। ये आमतौर पर तरल रूप में पाए जाते हैं। परफ्यूम के फार्मूले में आमतौर पर आवश्यक तेलों (Essential Oils) का उपयोग किया जाता है। डिओडोरेंट क्या है? डिओडोरेंट एक सुगंधित पदार्थ होता है जिसे शरीर की गंध को रोकने के लिए त्वचा पर लगाया जाता है। कुछ डिओडोरेंट्स पसीने को भी रोकते हैं और इसलिए उन्हें एंटीपर्सपिरेंट डिओडोरेंट्स (Antiperspirant Deodorants) के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है। डिओडोरेंट आमतौर पर अल्कोहल-आधारित होते हैं लेकिन कुछ प्राकृतिक रूप में भी उपलब्ध होते हैं। यह आपकी त्वचा को एसिडिक (Acidic) बनाते हैं, ताकि यह आपकी त्वचा पर बैक्टीरिया न पनप पाएं।
परफ्यूम बनाम डिओडोरेंट: शोध से यह भी पता चलता है कि डिओडोरेंट में उपयोग किए जाने वाले कुछ यौगिकों को वसा कोशिकाओं में अवशोषित और संग्रहित किया जाता है, जो अंडरआर्म क्षेत्र (Underarm Area) में प्रचलित होते हैं। आपके अंडरआर्म में हार्मोन रिसेप्टर्स (Hormone Receptors) भी होते हैं, जो कुछ समान डिओडोरेंट अवयवों पर प्रतिक्रिया कर सकते हैं। नीचे डिओडोरेंट में प्रयोग होने वाले 4 तत्व दिए गए हैं, जो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं:
१.पैराबेंस (Parabens): शोध से पता चलता है कि कुछ पैराबेंस आपके शरीर में एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन (Estrogen and Other Hormones) को नियंत्रित करने के तरीके में हस्तक्षेप कर सकते हैं। छाती में एस्ट्रोजेन (Estrogen) एक संवेदनशील ऊतक होता है, इसलिए चिंता यह है कि यदि आप हर दिन इस ऊतक के करीब पैराबेंस लगाते हैं, तो वे कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
२.अल्युमीनियम (Aluminum): अल्युमीनियम आमतौर पर केवल एंटीपर्सपिरेंट्स (Antiperspirants) में पाया जाता है, यह छाती के ऊतकों में "जीन अस्थिरता" पैदा कर सकता है। यह अस्थिरता ट्यूमर या कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा दे सकता है। 50% से अधिक स्तन कैंसर अंडरआर्म क्षेत्र में स्थानीय स्तन के ऊपरी बाहरी चतुर्थांश में शुरू होते हैं। हालाँकि अमेरिकन कैंसर सोसायटी (American Cancer Society) की वेबसाइट के अनुसार, एल्युमीनियम और कैंसर के बीच कोई "स्पष्ट" या "प्रत्यक्ष" सम्बन्ध नहीं है। ३.ट्राईक्लोसन (Triclosan): सौन्दर्य-प्रसाधन निर्माता कंपनियां बैक्टीरिया के संदूषण को रोकने के लिए और त्वचा की सतह पर बैक्टीरिया को मारने के लिए कई उत्पादों में इस रसायन को जोड़ते हैं। एक शोध में पाया गया की अमेरिकियों के शरीर में ट्राईक्लोसन बेहद आम है। विशेषज्ञों के अनुसार ट्राईक्लोसन से जुड़ा कोई ज्ञात खतरा नहीं है। लेकिन जानवरों के कुछ अध्ययनों ने ट्राईक्लोसन को असामान्य हार्मोन गतिविधि से जोड़ा है। साथ ही ट्राईक्लोसन आपके माइक्रोबायोम (Microbiome) या आपके जीन (Gene) के दिन-प्रतिदिन के कार्यों के साथ खिलवाड़ कर सकता है।
४. फ्थालेट्स (phthalates): ये यौगिक डिओडोरेंट और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों की सुगंध के रूप में आपकी त्वचा से चिपके रहते हैं। जानकारों के अनुसार ये "एंड्रोजन फ़ंक्शन (Androgen Function)" को बाधित करते हैं। साथ ही शरीर मे हार्मोन द्वारा टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन और उपयोग करने की प्रक्रिया को भी बाधित करते हैं। फ्थालेट्स के साथ सबसे बड़ी चिंता यह है कि वे पुरुषों में प्रजनन क्षमता को कम कर सकते हैं, या वे गर्भवती महिलाओं में भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि, यदि ये यौगिक आपके लिए चिंता का विषय हैं, तो सभी अंडरआर्म डिओडोरेंट उत्पादों की अच्छे से जांच करना ही एकमात्र तरीका है, जिससे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप संभावित रूप से जहरीले रसायनों के संपर्क में नहीं आ रहे हैं। जब भी हम व्यक्तिगत देखभाल वाले या श्रृंगार उत्पादों के बारे में सोचते हैं, तो आमतौर पर एक महिला की छवि तुरंत हमारे दिमाग में आ जाती है। लेकिन भारत में डिओडोरेंट सेगमेंट में पुरुषों ने महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है। वास्तव में, 1,400 करोड़ रुपये के डिओडोरेंट बाजार में, पुरुष खंड अकेले ही 1,000 करोड़ रुपये का योगदान दे रहा है। 31.5% बाजार हिस्सेदारी के साथ हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever), डिओडोरेंट्स में मार्केट लीडर (Market Leader) है। हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाद, मैरिको कंपनी लिमिटेड और मैकनरो केमिकल्स डिओडोरेंट सेगमेंट (Marico Company Limited and McEnroe Chemicals Deodorant Segment) में सबसे बड़े उद्योग खिलाड़ी हैं। डिओडोरेंट विभिन्न रूपों में आते हैं, जिनमें रोल-ऑन, स्टिक और स्प्रे (Roll-On, Stick & Spray) शामिल हैं। पुरुषों के लिए कई डियोड्रेंट हैं, लेकिन महिलाओं के लिए बहुत कम डियोड्रेंट हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि डिओडोरेंट्स और एंटीपर्सपिरेंट (Antiperspirant) को हाल ही में भारतीय बाजार में पेश किया गया हैं। भारतीय बाजार दशकों से शरीर की सुगंध बढ़ाने के लिए परफ्यूम पर निर्भर रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ वर्षों में दुर्गन्ध उद्योग और भी अधिक बढ़ेगा। वास्तव में, डिओडोरेंट बाजार अगले पांच वर्षों में 25% सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ने का अनुमान है। वहीँ एकल उत्पाद की बात करें तो फॉग और एंगेज (Fogg and Engage) भारत के पुरुषों के डिओडोरेंट बाजार में शीर्ष ब्रांड के रूप में उभरे हैं। फॉग भारत में सबसे लोकप्रिय पुरुषों के डिओडोरेंट के रूप में उभरा है, इसके बाद एंगेज, निविया, वाइल्ड स्टोन और एक्स (Nivea, Wild Stone and Axe) हैं, जो 2016 में दूसरे स्थान से पांचवें स्थान पर खिसक गए।

संदर्भ

https://bit.ly/3XhstDh
https://bit.ly/3Gv7pTL
https://bit.ly/3XhQ4E4
https://bit.ly/3gemA9v
https://bit.ly/3V8UXNQ
https://bit.ly/3V1gkk2

चित्र संदर्भ

1. परफ्यूम और डिओडोरेंट को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. विंटेज इत्र की बोतलको दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. डिओडोरेंट के छिड़काव को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. डिओडोरेंट को देखते व्यक्ति को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. डिओडोरेंट्स और एंटीपर्सपिरेंट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)



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