Post Viewership from Post Date to 09-Apr-2022
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
439 125 564

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

रूस-यूक्रेन विवाद में सोशल मीडिया की भूमिका, नुकसान एवं बचाव के उपाय

लखनऊ

 11-03-2022 11:09 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

आज की आधुनिक दुनिया में इंटरनेट इतना शक्तिशाली साधन बनकर उभरा है की, इसने बड़े से बड़े विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों और योजनाओं को सीधे तौर पर चुनौती दे डाली है! पिछले एक दशक के दौरान ही हमारे सामने कुछ ऐसे प्रकरण सामने आये हैं, जहां इंटरनेट अथवा विशेषतौर पर सोशल मीडिया ने वैश्विक स्तर पर कई महत्वपूर्ण घटनांओं को प्रभावित किया है। एक उदाहरण के तौर पर हमने अपनी एक पोस्ट में पिछले अमेरिकी चुनावों में सोशल मीडिया की भूमिका को समझा था। लेकिन आज जबकि रूस और यूक्रेन के बीच का तनाव अपने चरम पर है, वहीँ ऐसी संवेदनशील स्थिति में भी सोशल मीडिया या इंटरनेट एक देश के लिए सबसे बड़ा शत्रु तथा दूसरे देश के लिए सबसे बड़ा मित्र अथवा हथियार साबित हो रहा है। रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे सैन्य तनाव के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) का राष्ट्रपति भवन के सामने खड़े होकर रूस अथवा अन्य देशों की अवहेलना करने तथा उनके वरिष्ठ सहयोगियों के साथ, दुनिया को यह बताना की, "हम यहां हैं। हम कीव में हैं। हम यूक्रेन की रक्षा कर रहे हैं।" सभी वीडियो यूक्रेनी नागरिकों के लिए एक रैली के रूप में काम कर रहे हैं, तथा उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत बन रहे हैं। साथ ही इंटरनेट पर डाले गए इन चलचित्रों (videos) ने ज़ेलेंस्की की संकटग्रस्त सरकार के समर्थन में पश्चिमी लोकतंत्रों को प्रेरित किया है। इस प्रसंग से प्रभावित लेखक मेगन गार्बर (Megan Garber) लिखते हैं , "स्टेटक्राफ्ट, अक्सर, स्टेजक्राफ्ट होता है," और ज़ेलेंस्की "इसे सबसे बेहतर समझते हैं। ("statecraft is, often, stagecraft," and Zelensky "gets it best.")" यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्यवाही डिजिटल प्लेटफॉर्म और इंटरनेट प्रौद्योगिकी (Digital Platforms and Internet Technology) के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया है। हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया ने युद्धकालीन धारणाओं को आकार देने में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। कई विशेषज्ञ 2012 के इज़राइल-गाजा संघर्ष (Israel-Gaza conflict) को दुनिया का पहला " ट्विटर युद्ध " मानते हैं, जब इसराइल ने सोशल मीडिया पर अपने आक्रामक होने की घोषणा की, और पूरे संघर्ष के दौरान, हमास और इज़राइल ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल विश्व राय को अपने पक्ष में करने के लिए किया। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध में डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका विशेष रूप से अनूठी साबित हो रही है। आक्रमण की शुरुआत से पहले ही, रूसी टैंकों और सशस्त्र इकाइयों के फोटो, वीडियो और उपग्रह इमेजरी (satellite imagery) को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दावों को कम करके आंका गया था कि वह केवल सैन्य अभ्यास के लिए सैनिकों को इकट्ठा कर रहे थे।
खार्किव के. रूसी संघटन के बारे में और अधिक विवरण TikTok पर देखा जा सकते है, जहां दर्शकों ने "सैकड़ों वीडियो अपलोड किए जिसमें परिष्कृत रूसी हथियारों और सैन्य वाहनों को रेलवे, राजमार्गों और स्थानीय सड़कों पर यूक्रेन के पास की स्थिति की ओर तेज गति से दिखाया गया है,"। यूक्रेन ने रूसी घुसपैठ के खिलाफ एक विद्रोह खड़ा करने और पुतिन के खिलाफ वैश्विक जनता को एकत्र करने के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाया। यूक्रेनियन ने रूस का मज़ाक उड़ाने, अपमानित करने और यूक्रेन के नागरिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए मीम्स, नारे और हास्य का भी इस्तेमाल किया है।
लेकिन इन सभी से बढ़कर इंटरनेट-सक्षम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Internet-enabled video conferencing) शायद सबसे महत्वपूर्ण डिजिटल प्रौद्योगिकी क्षण के तौर पर उभरा है। जहाँ ज़ेलेंस्की वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिये राज्य के एकत्रित प्रमुखों के साथ सहायता के लिए अनुरोध करने के लिए उपस्थित हुए। एक यूरोपीय अधिकारी ने इस कॉल का वर्णन इस प्रकार किया, "यह बेहद, बेहद भावनात्मक था। ज़ेलेंस्की ने यह कहते हुए वीडियो कॉल समाप्त किया कि “यह आखिरी बार हो सकता है जब नेताओं ने उसे जीवित देखा।” उनकी अपील ने रूसी अर्थव्यवस्था में कठोर प्रतिबंध लगाने में अहम् भूमिका निभाई। जिसके अंतर्गत यूरोपीय संघ के सदस्यों के अनुरोध के बाद, मेटा और टिकटॉक (meta and tiktok) यूरोपीय संघ में रूसी राज्य मीडिया तक पहुंच को सीमित कर रहे हैं।
Google, YouTube और Facebook रूसी राज्य मीडिया को विज्ञापन चलाने से रोक रहे हैं। Apple ने रूस में सभी उत्पाद बिक्री को निलंबित कर दिया है। अमेरिकी इंटरनेट प्रदाता कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने यूक्रेन में इंटरनेट कनेक्टिविटी बनाए रखने में मदद करने के लिए स्टारलिंक उपग्रह (Starlink Satellite) साधनों का एक ट्रक लोड दिया है, और माइक्रोसॉफ्ट ने रूसी साइबर हमलों का मुकाबला करने में यूक्रेन और नाटो सदस्यों की सहायता करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। हालांकि हमेशा की तरह इस संदर्भ में भी सोशल मीडिया से जुड़ी हुई कुछ गंभीरखामिया भी सामने आ रही हैं। उदारहण के तौर सोशल मीडिया पर कई ऐसे गंभीर वीडियो यह लिखकर अथवा दिखाकर वायरल हो रहे हैं की, वह रूस और यूक्रेन विवाद से जुड़े हैं। किन्तु वास्तव में यह वीडियो कई वर्ष पुराने हैं और किसी अन्य घटना से जुड़े हैं। द टाइम्स (The Times) की एक समीक्षा के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में, दुनिया भर से संघर्ष के बारे में सैकड़ों हजारों वीडियो इंटरनेट पर अपलोड किए गए हैं। न्यू यॉर्कर (The New Yorker) ने इस आक्रमण को दुनिया का "पहला टिकटोक युद्ध" कहा है। यह अनिवार्य रूप से बड़े पैमाने पर भ्रामक और विकृत जानकारी को प्रेरित कर रहा ,है जिसने लंबे समय से अधिक परिपक्व सामाजिक नेटवर्क और वीडियो साइटों जैसे कि YouTube, Facebook और Instagram को दुविधा में डाल दिया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, आक्रमण से जुड़े कई लोकप्रिय टिकटोक वीडियो को प्रमाणित करना असंभव है।
एक उदाहरण स्वरूप यूक्रेन के एक समाचार पत्र, प्रावदा ने एक ऑडियो क्लिप पोस्ट की जिसमें काला सागर की एक चौकी स्नेक आइलैंड (snake island) पर 13 यूक्रेनी सैनिकों की एक ऑडियो क्लिप पोस्ट की गई थी, जो एक रूसी सैन्य इकाई का सामना कर रही थी। जिसने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। क्लिप को तब कई टिकटोक वीडियो में इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि सभी 13 सैनिक मारे गए थे। यूक्रेनी अधिकारियों ने बाद में एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वे लोग जीवित थे और उन्हें बंदी बना लिया गया था, लेकिन टिकटोक वीडियो को ठीक नहीं किया गया है।
ऐप का अध्ययन करने वाले एक स्वतंत्र शोधकर्ता एब्बी रिचर्ड्स (Independent researcher Abby Richards) के अनुसार "ऐसे कई लोग हैं, जो इस समय पहली बार टिकटॉक पर युद्ध देख रहे हैं।" "लोग इस पर भरोसा करते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि बहुत से लोग यूक्रेन के बारे में झूठी जानकारी देख रहे हैं और उस पर विश्वास कर रहे हैं। इस बीच टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अमेरिकी सांसदों और यूक्रेनी अधिकारियों का दबाव बढ़ रहा है कि वे युद्ध के बारे में रूसी गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाएं, खासकर रूस टुडे और स्पुतनिक जैसे राज्य समर्थित मीडिया आउटलेट्स से। इसके जवाब में, यूट्यूब ने कहा है कि वह यूरोपीय संघ में रूस टुडे और स्पुतनिक (Russia Today and Sputnik) को अवरुद्ध कर देगा, जबकि ट्विटर और मेटा, फेसबुक के अधिकारीयों ने कहा है कि वे आउटलेट से सामग्री को राज्य प्रायोजित (state-sponsored) के रूप में लेबल करेंगे। टिकटोक ने भी यूरोपीय संघ में स्पुतनिक और रूस टुडे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। यहां पर दर्शकों की भी बेहद अहम् भूमिका होती हैं। आप भी एक दर्शक के रूप में सीधे तौर पर किसी भी वीडियो में भरोसा करने से बचिए। छवियों पर भरोसा करने से पूर्व थोड़ी रिसर्च कर सकते हैं, जिनकी वास्तविकता समझने के लिए आप गूगल इमेज सर्च टूल (google image search tool) आदि का प्रयोग कर सकते हैं। समय इतना संवेदनशील है की, कोई भी छोटी से अफवाह या गलत जानकारी किसी भी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है!

संदर्भ
https://nyti.ms/3pR3Eiy
https://n.pr/3pMxdl5
https://bit.ly/3pToj5t

चित्र संदर्भ   
1. सोशल मीडिया पर सीधे संवाद करते यूक्रेन के राष्ट्रपति को दर्शाता एक चित्रण ( iNews)
2. सेना की वर्दी में यूक्रेन के राष्ट्रपति को दर्शाता चित्रण (flickr)
3. सोशल मीडिया अनुप्रयोगों को दर्शाता चित्रण (wikipedia)
4. स्टारलिंक स्काईनेट को दर्शाता चित्रण (Pixabay)
5. रूस टुडे के प्रतिबन्ध को दर्शाता चित्रण (The Japan Times)



***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id