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1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद भी इसके परिणामों को आज भी देखा जा
सकता है।जैसे जर्मनी (Germany) में आज भी सैन्य शक्ति की कमी है। मित्र देशों (संयुक्त राज्य
अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और सोवियत संघ।) की शक्तियों ने पूर्व वेहर माख़्त (Wehrmacht -
1935 से 1945 तक नाजी जर्मनी की एकीकृत सशस्त्र सेना थी।) को समाप्त कर दिया और बंदूक या
राइफल रखने वाले किसी भी सैन्य बल को बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसलिए, जर्मनी निशस्त्र
है और उसे अपनी राष्ट्रीय रक्षा के लिए विदेशी सैनिकों पर निर्भर रहना पड़ता है।जर्मन सशस्त्र बलों
को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1990 तक किसी भी प्रकार के युद्ध उपकरण जैसे टैंक (Tank) और
अन्य बख्तरबंद हथियार रखने की अनुमति नहीं थी, हालांकि जब देश का सम्मिलन हुआ और एक
संघीय गणराज्य बन गया तब यह अनुमति प्रदान कर दी गई।हालाँकि, देश को पारंपरिक हथियार जैसे
सैन्य विमान, युद्धपोत और अन्य संबंधित उपकरण रखने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी। इसके
लिए बुंदेसवेहर (जर्मनी के संघीय गणराज्य का सशस्त्र सेना) का निर्माण करना पड़ा।जर्मनी के राज्यों
को अपने स्वयं के सशस्त्र बलों को बनाए रखने की अनुमति इसलिए नहीं है क्योंकि जर्मन संविधान
में कहा गया है कि देश की रक्षा संबंधित सभी मामले संघीय सरकार की एकमात्र जिम्मेदारी में आते
हैं।जहां मित्र राष्ट्रों ने जर्मन सैन्य बलों को अपना सशस्त्रबल को बनाए रखने की अनुमति दी, वहीं
इसमें कई सख्त सीमाओं को भी लागू कर दिया - जो कि ग्रुंडगेसेट्स (Grundgesetz -जर्मन संविधान)
के अनुच्छेद 26 में उल्लिखित हैं।
1. बुंदेसवेहरको रक्षा के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।
2. सैन्य बल के उपयोग की अनुमति केवल अंतिम उपाय के रूप में है और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र का
अनुमोदन होना चाहिए।
3. बुंदेसवेहर को आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए भी इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है। इसका मतलब है
कि इसका इस्तेमाल विरोध या दंगों को रोकने के लिए नहीं किया जा सकता है।
4. बुंदेसवेहर को खुफिया जानकारी एकत्र करने के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति भी नहीं
है। एकमात्र छूट यह है कि संघीय खुफिया सेवा एक अंतरराष्ट्रीय खुफिया संगठन के साथ मिलकर
काम कर रही हो।
5. बुंडेसवेहर को युद्धक भूमिका में इस्तेमाल करने की अनुमतिभी नहीं है। इसका मतलब है कि इसे
युद्ध में नहीं भेजा जा सकता। बुंडेसवेहर को परमाणु, जैविक या रासायनिक हथियार रखने की भी
अनुमति नहीं है।
बुंदेसवेहर को एक सैन्य भाग और सशस्त्र बलों के प्रशासन के साथ एक नागरिक भाग में विभाजित
किया गया है।संघीय रक्षा बल के सैन्य भाग में जर्मन सेना, जर्मन नौसेना, जर्मन वायु सेना, संयुक्त
सहायता सेवा, संयुक्त चिकित्सा सेवा और साइबर और सूचना डोमेन सेवा (Cyber and Information
Domain Service) शामिल हैं।मित्र राष्ट्र यह भी सुनिश्चित करना चाहते थे कि जर्मन सेना जल्दी से
अपनी सेना का पुनर्निर्माण न कर पाए। इसलिए बुंदेसवेहर का आकार सीमित है। इसमें कुल
185,000 सैनिक ही हो सकते हैं।बुंडेसवेहर के आकार पर लगIई जाने वाली सीमा जर्मनी में पहले
काफी विवादास्पद रही है।कुछ लोगों ने तर्क दिया है कि बुंदेसवेहर को अधिक संख्या में सैनिकों को
रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।वहीं दूसरों का तर्क है कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध
आवश्यक हैं कि जर्मनी फिर से खतरा न बने।
दिसंबर 2021 तक, बुंदेसवेहर में 183,695 सक्रिय-तैनात सैन्य कर्मियों और 81,931 नागरिकों की
ताकत है,जो इसे दुनिया के 30 सबसे बड़े सैन्य बलों में रखता है और इसे कर्मियों में फ्रांस के बाद
यूरोपीय संघ में दूसरा सबसे बड़ा बनाता है।इसके अलावा बुंदेसवेहर में लगभग 30,050 आरक्षितकर्मी
(2020) हैं।52.8 अरब डॉलर के जर्मन सैन्य व्यय के साथ, बुंदेसवेहर दुनिया में सातवीं सबसे अच्छी
तरह से वित्त पोषित सेना है, भले ही सैन्य व्यय राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद 1.4% पर औसत रहता
है, जो 2% के नाटो लक्ष्य (गैर-बाध्यकारी) से काफी कम है।हालांकि जर्मनी ने बढ़ती जिम्मेदारियों का
बेहतर ढंग से सामना करने के लिए 2025 तक बुंदेसवेहर को लगभग 203,000 सैनिकों तक
विस्तारित करने का लक्ष्य रखा है।वहीं जर्मनी नाटो (NATO) का सदस्य है जिसका अर्थ है कि उसे
संगठन की नीतियों का पालन करना होगा। इन्हीं नीतियों में से एक है रक्षा पर 2% सकल घरेलू
उत्पाद का खर्च। यह नीति 2014 में पेश की गई थी और इसमें कहा गया था कि सदस्य देशों को
अपने सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 2% रक्षा पर खर्च करना चाहिए। जर्मनी वर्तमान में अपने
सकल घरेलू उत्पाद का 1.2% रक्षा पर खर्च करता है जो नाटो के लक्ष्य से कम है।बुंदेसवेहर का
मुख्य कार्य जर्मनी के क्षेत्र की रक्षा करना, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान देना और संकट
के समय नागरिक अधिकारियों का समर्थन करना है।
वहीं27 फरवरी 2022 को, यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी (Russia) आक्रमण से चिंताओं के बाद, जर्मन
चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने बुंडेसवेहर के लिए € 100 बिलियन के विशेष फंड (Fund) के साथ-साथ
बजट को "2% से ऊपर"सकल घरेलू उत्पाद देने का वादा करके नीति में एक बड़े बदलाव की घोषणा
की। यह जर्मन सशस्त्र बलों की दशकों की सापेक्ष उपेक्षा का अनुसरण करता है, और यह फैसला
बाहरी (नाटो) दबाव के बजाय राष्ट्रीय लोकतंत्र और स्वतंत्रता की रक्षा करने की आवश्यकता से आया
था। हालांकि प्रस्तावित बजट परिवर्तनों के साथ फंड अभी तक संसद और संघीय परिषद के माध्यम से
पारित नहीं हुआ है, परंतु कुल मिलाकर, जर्मनी बढ़े हुए रक्षा बजट के पक्ष में है।जैसे ही रूस ने यूक्रेन
पर अपना आक्रमण शुरू किया, कुछ अमेरिकी अधिकारी और विश्लेषक पहले से ही युद्ध के व्यापक
रूप से बढ़ने की चेतावनी दे चुके थे। लेकिन यूक्रेन और रूस के इस युद्ध में नाटो की कौन सी वो
संधि है जो इस युद्ध को एक व्यापक युद्ध में बदल सकता है? दरसल नाटो की संधि प्रावधानों के
अनुच्छेद 5 में कहा गया कि संधि के किसी एक देश या एक से अधिक देशों पर आक्रमण की
स्थिति में इसे सभी हस्ताक्षरकर्ता देशों पर आक्रमण माना जाएगा और संधिकर्ता राष्ट्र एकजुट होकर
सैनिक कार्यवाही के माध्यम से इस स्थिति का मुकाबला करेंगे। हालांकि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं
है, लेकिन इसके कई पड़ोसी देश हैं।इसलिए, अगर कोई नाटो के सदस्य देश पर हमला करता है, तो
यह बहुत जल्दी यूक्रेन का युद्ध नहीं, बल्कि उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र का युद्ध बन सकता है। 9/11 के
हमलों के जवाब में अनुच्छेद 5 को एक बार लागू किया गया था।वर्तमान समय तक रूस ने यूक्रेन
पर जमीन, समुद्र और हवा से हमला कर दिया है, लेकिन साइबर हमले (Cyber attacks) पर एक
सवाल बना हुआ है।यदि रूस यूक्रेन पर साइबर हमला करता है तो उससे यूक्रेन के पड़ोसी देशों के
प्रभावित होने की संभावनाएं बनी हुई है। तथा नाटो के नेताओं ने रूस को एक चेतावनी दे दी है कि
यदि युद्ध की वजह से नाटो सदस्य देश को किसी भी प्रकार की हानी हुई तो वे हमला करने से
पीछे नहीं हटेंगे। जिस कारण यह युद्ध काफी भव्य होने की संभावनाएं बनी हुई है।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3tw0ZvN
https://bit.ly/3Ms4ZpN
https://bit.ly/34gl9Bl
https://bit.ly/34eHyPh
https://n.pr/3hDOpoL
चित्र संदर्भ
1. जर्मनी सेना की पलटन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. बिना हथियारों के जर्मन सेना को दर्शाता चित्रण (flickr)
3. नाटो सेना को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. नाटो देशों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. नाटो महासचिव द्वारा प्रेस वार्ता को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
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