नवरात्रि का प्रत्येक दिन स्वयं में एक पूर्ण त्यौहार होता है

लखनऊ

 06-10-2021 09:48 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

इंसान की यह प्रवर्ति है की, यदि वह किसी एक काम को बार-बार करे, तो एक निश्चित समय सीमा के बाद वह काम उसे उबाऊ लगने लगता है। अथवा वह उस काम को पहले दिन के सामान ही जोश और नई ऊर्जा के साथ नहीं कर पाता। लेकिन भारत में लोकप्रिय, नवरात्रि के साथ यह मानसिकता एकदम विपरीत दिशा में काम करती है, जहां नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान जोश और उत्साह पहले दिन के सामान ही अपने चरम पर होता है। वहीं कई बार यह उत्साह हर गुजरते दिन के साथ और अधिक निरंतर बढ़ता रहता है, और नौवां दिन हर किसी के लिए बेहद भावुक करने वाला होता है। नवरात्री का प्रत्येक दिवस स्वयं में एक पूर्ण त्यौहार होता है। कोई अनजान, गैर भारतीय व्यक्ति यदि नवरात्रि के दौरान किसी भारतीय घर में प्रवेश करे, तो घर की रौनक देखकर वह यह स्पष्ट रूप से नहीं बता सकता की, यह पहला दिन है अथवा आठवां दिन हैं!
शाब्दिक तौर पर नवरात्रि में 'नव' का अर्थ है 'नौ' और 'रात्रि' का अर्थ 'रात' होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ रूपों को समर्पित रहते हैं। यह समय स्वयं को शारीरिक और आध्यत्मिक स्तर पर पवित्र करने का होता है। वर्ष भर में यह सबसे आदर्श समय रहता है, जब आप अपनी आत्मा का पूर्ण साक्षात्कार कर सकते हैं। नवरात्रि के दौरान देवी माँ के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के प्रत्येक दिन का महत्व देवी मां के एक रूप से जुड़ा हुआ है। और माँ का हर रूप आपके जीवन में कई स्तरों पर सकारात्मकता के नए आयाम जोड़ता है। आइये इन नौ दिनों की प्रासंगिकता को मां के नौ रूपों से समझते हैं:
1. शैलपुत्री: नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री अर्थात देवी पार्वती, हिमालय राजा की बेटी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। शैला का शाब्दिक अर्थ असाधारण या महान ऊंचाइयों तक पहुंचना होता है।
नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिससे हमारे भीतर चेतना की उच्चतम अवस्था को प्राप्त किया जा सकें।
2. ब्रह्मचारिणी: नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की स्तुति की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है, दिव्य चेतना और आचार का अर्थ व्यवहार होता है।
देवी ब्रह्मचारिणी देवी पार्वती का ही एक रूप है, जिसे धारण कर उन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। नवरात्रि का दूसरा दिन विशेष रूप से हमारे आंतरिक देवत्व का ध्यान और अनुभव करने के लिए पवित्र माना जाता है।
3. चंद्रघंटा: नवरात्री का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा: को समर्पित होता है। देवी पार्वती ने चंद्रघंटा रूप को भगवान शिव के साथ विवाह के समय ग्रहण किया था। चंद्र शब्द चंद्रमा को संदर्भित करता है। चंद्रमा हमारे मन का प्रतिनिधित्व करता है।
माथे पर अर्धचंद्र धारण करने वाली देवी, ज्ञान और भावनात्मक संतुलन के माध्यम से परम आनंद की वर्षा करती हैं। इस प्रकार यह दिन मन की सभी अनियमितताओं को नष्ट कर केवल देवी माँ पर ही ध्यान एकाग्र करने के लिए प्रासंगिक है।
4. कुष्मांडा: नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा के रूप की पूजा की जाती है। शाब्दिक रूप में कुष्मांडा में “कू” का अर्थ छोटा, उष्मा का अर्थ है ऊर्जा और अंडा का अर्थ है अंडा।
यहाँ अंडा ब्रह्मांड को संदर्भित करता है, अर्थात (हिरण्यगर्भ) से उत्पन्न यह संपूर्ण ब्रह्मांड देवी की एक असीम ऊर्जा से ही प्रकट होता है। इस दिन देवी कुष्मांडा की पूजा की जाती हैं, जो हमें अपनी दिव्य ऊर्जा से भर देती हैं।
5. स्कंदमाता: नवरात्रि के पांचवें दिन देवी पार्वती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। अपने इस रूप में वह भगवान कार्तिकेय की माता हैं।
स्कंद माता के इस रूप में माँ मातृ स्नेह (वात्सल्य) का प्रतिनिधित्व करती है। देवी के इस रूप की पूजा करने से ज्ञान, धन, शक्ति, समृद्धि होती है, और मुक्ति की प्राप्ति होती है।
6. कात्यायनी: नवरात्रि के छटे दिन देवी कात्यायनी की स्तुति की जाती हैं। अपने इस रूप को देवी माँ ने ब्रह्मांड में आसुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए धारण किया था। इस रूप में उन्होंने ही महिषासुर का वध किया था। शास्त्रों के अनुसार, धर्म (धार्मिकता) की स्थापना करने वाला क्रोध स्वीकार्य होता है।
देवी कात्यायनी वह क्रोध है जो सृष्टि में संतुलन बहाल करने के लिए जरूरी होता है। देवी कात्यायनी का आह्वान सांकेतिक रूप से हमारे आंतरिक शत्रुओं को समाप्त करने के लिए किया जाता है, जो आध्यात्मिक विकास के मार्ग में बाधा हैं।
7. कालरात्रि: नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि का आह्वान किया जाता हैं। कालरात्रि काली रात का प्रतिनिधित्व करती है।
रात को भी देवी माँ का एक पहलू माना जाता है, क्योंकि रात के आँचल में ही शरीर और आत्माओं को आराम करने का समय मिलता है।
8. महागौरी: नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी का ध्यान किया जाता है। महागौरी प्रकृति के सुंदर और निर्मल पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।
महागौरी ऐसी अद्भुद ऊर्जा के सामान हैं, जो हमारे जीवन को प्रेरित करती है, और हमें भ्रमों और कष्टों से मुक्त भी करती है।
9. सिद्धिदात्री: नवरात्रि के नवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं। सिद्धि का शाब्दिक अर्थ किसी भी विषय की पूर्णता को प्राप्त कर लेना होता है।
देवी सिद्धिदात्री जीवन में पूर्णता लाती हैं। माँ सभी असंभव कार्यों को संभव बनाती है। माँ हमें तर्कशील तार्किक दिमाग से परे सोचने की क्षमता देती है। देवी माँ के इन सभी नौ नामों का वर्णन चंडीपथ ग्रंथ के "देवी कवच" में किया गया है। यह एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जो राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का वर्णन करता है। मार्कंडेय पुराण के हिस्से के रूप में, यह पुराणों या माध्यमिक हिंदू शास्त्रों में से एक है, और संस्कृत में रचा गया था। देवी महात्म्यम को दुर्गा सप्तशती या चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के अंतिम 3 दिनों को दुर्गाष्टमी (8वां दिन), महानवमी (9वां दिन) और विजयदशमी (10वां दिन) कहा जाता है। नवरात्रि के दसवें दिन को आमतौर पर विजयदशमी या "दशहरा" के रूप में जाना जाता है, यह दिन महिषासुर पर शक्ति की, रावण पर भगवान राम की और मधु-कैतव, चंदा- मुंडा और शुंभ-निशुंभ जैसे राक्षसों पर दुर्गा की जीत अर्थात बुराई पर अच्छाई की जीत को संदर्भित करता है।

संदर्भ
https://bit.ly/3oG7BXs
https://bit.ly/3Fm37Lr
https://bit.ly/3uJvpL0
https://www.artofliving.org/navratri/significance
https://www.lilleoru.ee/en/navratri-nine-day-festival

चित्र संदर्भ
मुख्य चित्र में नवदुर्गा देवियों को दर्शाया गया है संदर्भ (flickr)
1. नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
2. नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की स्तुति की जाती है,जिनका एक चित्रण (wikimedia)
3. नवरात्री का तीसरा दिन देवी चंद्रघंटा: को समर्पित होता है, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
4. नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा के रूप की पूजा की जाती है, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
5. नवरात्रि के पांचवें दिन देवी पार्वती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
6. नवरात्रि के छटे दिन देवी कात्यायनी की स्तुति की जाती हैं, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
7. नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि का आह्वान किया जाता हैं, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
8. नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी का ध्यान किया जाता है, जिनका एक चित्रण (wikimedia)
9. नवरात्रि के नवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती हैं, जिनका एक चित्रण (wikimedia)



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id