विश्व भर के सबसे बड़े खेल के रूप में फुटबॉल की स्थिति निर्विरोध है। नील्सन द्वारा विश्व फुटबॉल रिपोर्ट 2018 के अनुसार, अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया के 18 बाजारों में 43% लोग फुटबॉल में रुचि रखते हैं, जो लगभग 736 मिलियन प्रशंसक आधार है। हालांकि, अब फुटबॉल की लोकप्रियता यूरोपीय देशों तक सीमित नहीं है और धीरे-धीरे भारत, चीन, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में प्रवेश कर रही है। दिलचस्प बात तो यह है कि भारत में फुटबॉल अनुयायियों की संख्या में काफी वृद्धि को देखा गया है। वहीं फुटबॉल हमेशा केवल पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों और यहां तक कि गोवा जैसे कुछ जगह में लोकप्रिय रहा है, जिन्होंने पूरे भारत में अपने पंख फैलाने शुरू कर दिए हैं।
दरसल फुटबॉल 19वीं शताब्दी से प्रचलित हुआ था और यह करीब 19वीं शताब्दी के मध्य में अपने आधुनिक रूप में विकसित हुआ। परन्तु यदि इससे मिलते-जुलते और खेलों का इतिहास देखें तो वे इससे भी प्राचीन है। चीन में एक खेल ‘कुजू’ (Cuju) और रोम में खेला जाने वाला खेल हर्पस्तम (Harpastum) फुटबॉल से मिलते-जुलते खेल हैं। रग्बी (Rugby) खेल का भी सम्बन्ध फुटबॉल से किया जाता है। मध्यकालीन यूरोप में क्रिकेट और फुटबॉल ऐसे खेल थे जो सबसे ज्यादा तीव्रता से आगे उभर कर आये और ब्रिटेन द्वारा स्थापित शासित देशों में ये बड़ी तेज़ी से फैले। इस खेल शुरूआती दौर में इंग्लैंड के स्कूलों में खेला जाता था। साथ ही विभिन्न संस्थाओं द्वारा इस खेल की नियमावली बनायी गई जिनमें सबसे प्राचीन कैंब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा तैयार नियम था जो कि 1848 में बनाया गया था। जिस समय यह नियम बनाया जा रहा था उस समय कई अन्य संस्थाओं के भी लोग उसमें शामिल थे। हालांकि यह नियम कई अन्य संस्थाओं द्वारा माने नहीं जाते थे।
उस दौर में फुटबॉल खेलने वाले क्लबों की भी उत्पत्ति हो चुकी थी। करीब सन 1862 तक कई प्रयास किये गए फुटबॉल खेल की नियमावली पर परन्तु सन 1863 में फुटबॉल एसोसिएशन (Football Association) की स्थापना हुयी जिसे 26 अक्टूबर 1863 में प्रस्तुत किया गया। फुटबॉल खेल 11 खिलाड़ियों की 2 अलग-अलग टीमों (Teams) के मध्य होता है जिसमें एक बड़ी गेंद को एक गोल (Goal) में पहुचाया जाता है। इस खेल में जो टीम सबसे ज्यादा बार गेंद को गोल में पहुंचाती है, विजय उसी की होती है। अब यदि इस खेल के नाम पर चर्चा की जाए तो इस खेल का नाम फुटबॉल अंग्रेजी के दो शब्दों के मेल से बना है “फुट” (Foot) और “बॉल” (Ball), जिनका शाब्दिक अर्थ है पैर और गेंद अर्थात जिस खेल में गेंद को पैर से मारा जाता है उसे ही फुटबॉल कहते हैं। वर्तमान काल में खेले जाने वाले फुटबॉल में आज भी वही नियम चलते हैं जो कि 1863 में बनाए गए थे। आज के फुटबॉल के माहासमर अर्थात फीफा (FIFA) का गठन 1904 में पेरिस में हुआ और इसने अंतर्राष्ट्रीय मान्यता सन 1913 में प्राप्त करी थी। उस दौर के बाद आज विश्व भर में कई फीफा विश्वकप हो चुके हैं।
भारतीय फुटबॉल की यदि बात की जाए तो यह खेल ब्रिटिश सेना द्वारा भारत में लाया गया था जिस प्रकार से क्रिकेट आया था। भारत में यह खेल प्रचारित करने का श्रेय नागेन्द्र प्रसाद सर्बाधिकारी को जाता है जिन्होंने इस खेल को बड़े दर्जे पर प्रचारित किया। भारत का सबसे प्राचीन फुटबॉल क्लब कलकत्ता ऍफ़. सी. है जिसकी स्थापना सन 1872 में हुई थी। भारतीय फुटबॉल संघ की स्थापना सन 1893 में हुई थी लेकिन इसके बोर्ड (Board) के सदस्यों में कोई भी भारतीय नहीं था। जल्द ही अन्य कई और क्लबों की स्थापना कलकत्ता में हुयी जिससे कलकत्ता को फुटबॉल का गढ़ माना जाने लगा। तब से सन 1911 तक भारत फुटबॉल खेलता तो था परन्तु विश्व फुटबॉल में इसका कोई स्थान नहीं था। 1911 में भारतीय फुटबॉल ने अपनी एक जगह बनायी।
यह मौका था जब मोहन बगान क्लब ने सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त आई.ऍफ़.ए. शील्ड (IFA Shield) में ईस्ट यॉर्कशायर रेजिमेंट को 2-1 से हरा कर फाइनल (Final) जीता। 1948 के लन्दन ओलंपिक्स (London Olympics) में भारत ने पहली बार दस्तक दी थी, और कई मुश्किलातों के चलते भारत ने 1950 के फीफा विश्वकप में खेलने का मौका पाया परन्तु कुछ समस्याओं के चलते ऑल इंडियन फुटबॉल फेडरेशन ने यह खेल खेलने से मन कर दिया। बताये गए कारणों में यह था कि फीफा ने बिना जूता पहने खिलाडियों को खेलने से रोक दिया, और भारतीय खिलाड़ी जूता पहन के खेलने के आदि नहीं थे। इसके अलावा कुछ तथ्यों से यह भी पता चलता है कि उस समय सरकार की मौद्रिक स्थिति भी सही नहीं थी। उसके बाद से अभी तक भारतीय फुटबॉल टीम किसी बड़े पैदान पर नहीं पहुँच सकी है।
लेकिन नील्सन के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की 45 प्रतिशत शहरी आबादी फुटबॉल में रुचि रखती है, जो 2013 में 30 प्रतिशत थी। यह 16-24 वर्ष के बीच सबसे अधिक खेला जाता है, जिसमें से 53 प्रतिशत वयस्क फुटबॉल में रुचि रखते हैं। सर्वेक्षण यह भी बताता है कि भारत में फुटबॉल का प्रवेश कम, मध्यम या उच्च आय वाले दलों में भी भिन्न है। भारत में इस खेल के बाद क्रिकेट का काफी बोलबाला है। क्रिकेट की लोकप्रिया के समक्ष फुटबॉल एक अपेक्षाकृत युवा और आकांक्षात्मक खेल है। हालांकि फुटबॉल आज भी पूरे विश्व में काफी उत्साह के साथ खेला जाता है, लेकिन भारत में फुटबॉल से ज़्यादा लोकप्रिय खेल क्रिकेट है। क्रिकेट की लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि भारतीय क्रिकेट टीम इस खेल में विश्वपटल पर अति लोकप्रिय है और इस खेल में भारत कई बार विश्वविजेता भी रह चुका है।
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