क्या रहा लखनऊ के जीव-जंतुओं के आधार पर, अब तक प्रारंग का सफर

लखनऊ

 12-08-2020 09:30 AM
शारीरिक

प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है:

संस्कृति

1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं।

2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है।

प्रकृति

1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि।

2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन।

3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है।


क्या रहा लखनऊ के जीव-जंतुओं के आधार पर, अब तक प्रारंग का सफर


1. शारीरिक:

भारतीय मूल की कुछ बेहतरीन भैंसों की नस्ल

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1749/postname


2. व्यवहारिक:

रेलवे ने जगाई मदारी समुदाय के लिए आशा की किरण

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3039/Railway-rises-to-hope-for-Madari-community


3. निवास स्थान:

भारत में वन संरक्षण की महत्ता एवं इतिहास

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3904/Importance-and-history-of-forest-conservation-in-India


4. कोशिका के आधार पर:

क्‍यों आवश्‍यक हैं शरीर के लिए लाल रक्‍त कोशिकाएं?

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3169/Why-red-blood-cells--are-necessary-for-the-body


5. डीएनए:

कैसे दिखता है हर मनुष्य एक दूसरे से भिन्न?

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/2132/how-do-all-human-beings-look-different


6. स्तनधारी:

दुर्लभ होने के साथ ही एक राजनीतिक महत्व भी है, पांडा

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/4364/Panda-has-a-political-significance-besides-being-rare


7. पंछीयाँ:

अद्भुत पूंछ के लिए विख्यात है इंडियन पैराडाईज़ फ्लाईकैचर

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3868/Indian-Paradise-Flycatcher-is-famous-for-its-amazing-tail


8. तितलियाँ व कीड़े

कहां चले गए रात में जगमगाने वाले जुगनू

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3884/Where-did-the-glowing-firefly-in-the-night


9. रेंगने वाले जीव:

जालीदार अजगर: एक परिचय

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/4641/intro-to-jagged-reticulated-python


10. मछलियाँ व उभयचर:

लखनऊ का राज शाही प्रतीक माही-मरातिब

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3060/Shahi-symbol-of-Lucknow-Mahi-Maratib


प्रारंग द्वारा आपके शहर में अब तक संस्कृति और प्रकृति से जुड़े 1000 से भी अधिक लेख प्रकाशित किये जा चुके हैं, तो आईये प्रारंग के संग, अपने शहर के विभिन्न रंगों का आनंद लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

https://prarang.in/lucknow/#


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