कैथोलिक विश्वासों और सिद्धांतों का अनुसरण करता है, संत जोसेफ चर्च

लखनऊ

 20-06-2020 01:20 PM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

भारत में ईसाई धर्म के कई चर्च मौजूद हैं जोकि भिन्न-भिन्न समुदायों से सम्बंधित हैं। रामपुर उत्तर प्रदेश में एक सुंदर सात एकड़ बाग में संत जोसेफ केंद्र (St. Joseph’s Centre), नामक एक चर्च स्थित है जोकि राष्ट्रीय उच्च न्यायालय के निकट और जिला अदालत के विपरीत है। नवाबों के समय 1947 तक यह स्थान एक चिड़ियाघर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इस चर्च को 1965 में पैरिश (Parish- एक छोटा प्रशासनिक क्षेत्र या जिला जिसका अपना चर्च और पादरी होता है) के रूप में स्थापित किया गया। वर्ष 1976 में अपनी पुरानी इमारतों के साथ भूमि के इस खंड को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने के मद्देनजर केरल प्रांत के उत्तरी कैप्युषीन मिशन (Northern Capuchin Mission) क्षेत्र को सौंप दिया गया तथा पी. ए. जोसेफ को पैरिश पादरी के रूप में नियुक्त किया गया।

रामपुर जिले और उसके आसपास अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप एक जीवंत ईसाई समुदाय का विकास हुआ जो आज कई अलग-अलग पैरिशों में विकसित हो गया है। यहां की कुछ भूमि फ्रांसिस्कन (Franciscan) बहनों को दान की गयी है जो यहां एक नर्सिंग होम (Nursing Home) चलाती हैं तथा वे मुस्लिम समुदाय के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। इन्हें कैथोलिक समुदाय द्वारा नर्सें भी प्राप्त हैं जोकि प्रत्येक दिन सामूहिक सभाओं में शामिल होती हैं। यहां औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र भी चलाया जाता है, जहां युवाओं को मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाता है। युवाओं को प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है जिन्हें कैप्युषीन द्वारा भुगतान किया जाता है।

रामपुर का यह चर्च एक कैथोलिक चर्च है जोकि कैथोलिक विश्वासों और सिद्धांतों का अनुसरण करता है। कैथोलिकवाद (Catholicism), कैथोलिक चर्चों की परंपराएं और मान्यताएं हैं। यह उनके धर्मशास्त्र, नैतिकता आध्यात्मिकता आदि को संदर्भित करता है। कैथोलिकवाद शब्द आम तौर पर पश्चिमी और पूर्वी दोनों चर्चों को संदर्भित करता है। 2012 में, दुनिया भर में 110 करोड से अधिक कैथोलिक थे तथा यह दुनिया की आबादी का 17% से अधिक हिस्सा है। शब्द कैथोलिकवाद कई बातों को संदर्भित करता है, जिसमें इनके धार्मिक विश्वास (धर्मशास्त्र और सिद्धांत), धार्मिक प्रार्थना आदि शामिल हैं। यह नैतिकता के बारे में कैथोलिक धार्मिक विश्वासों को भी संदर्भित करता है। यह उन तरीकों को भी संदर्भित करता है जिसका अनुसरण कैथोलिक धर्म के सदस्य करते हैं। कई लोग इस शब्द का उपयोग कैथोलिक चर्च के धार्मिक विश्वासों के बारे में बात करने के लिए करते हैं, जिसके नेता को ‘रोम के बिशप’ (Bishop of Rome) या अक्सर ‘पोप’ (Pope) कहा जाता है।

कभी-कभी यह शब्द अन्य ईसाई चर्चों के विश्वासों को भी संदर्भित करता है, जिसमें पूर्वी रूढ़िवादी (Eastern Orthodox) चर्च भी शामिल हैं। इन चर्चों के विश्वास कैथोलिक चर्च के समान ही हैं, किंतु वे यह विश्वास नहीं करते कि रोम के बिशप उनके नेता हैं। कैथोलिकवाद शब्द का इस्तेमाल अक्सर कैथोलिक ईसाइयों की मान्यताओं और प्रोटेस्टेंट (Protestant) ईसाई कहे जाने वाले अन्य लोगों के विश्वासों के बीच अंतर बताने के लिए किया जाता है। कैथोलिक और रूढ़िवादी चर्च विश्वासों को निर्धारित करने के लिए अपने नेताओं को बिशप कहते हैं। प्रोटेस्टेंट ईसाई बाइबल को समझने के लिए 16 वीं शताब्दी के प्रोटेस्टेंट सुधार के दिशानिर्देशों का उपयोग करते हैं।

‘कैथोलिक चर्च’ नाम का उपयोग करने वाला सबसे पुराना दस्तावेज़ इग्नाटियस नामक एक व्यक्ति द्वारा एक पत्र में किया गया था। इग्नाटियस (Ignatius) प्राचीन शहर एंटिओक (Antioch) में रहता था। इग्नाटियस ने प्राचीन शहर स्मिर्ना (Smyrna) में ईसाई समुदाय को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा। इस पत्र में, इग्नाटियस ने ईसाई समुदाय को अपने नेता अर्थात बिशप के प्रति वफादार रहने के लिए प्रोत्साहित किया था। कैथोलिकवाद नाजारेथ (Nazareth) के यीशु के परिणामस्वरूप शुरू हुआ। ईसाई मानते हैं कि नाजारेथ के यीशु जोकि एक यहूदी व्यक्ति थे ईश्वर के पुत्र हैं और ईसाई विश्वास उन्हें ट्रिनिटी (Trinity-पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा) के रूप में जानता है। कैथोलिक मानते हैं कि यीशु यहूदी राजा डेविड के वंशज है। उनका मानना है कि रोम के लोगों द्वारा यीशु को सूली पर चढ़ाये जाने के बाद वह मृत अवस्था से उठे और उन्होंने अपने अनुयायियों से बात की। वे यह भी मानते हैं कि यीशु स्वर्ग में बढ़े, और अपने अनुयायियों का मार्गदर्शन करने के लिए पवित्र आत्मा को भेजा जिसे पेंटेकोस्ट (Pentecost) के रूप में जाना जाता है। उनके अनुयायियों में से, संत पीटर नाम के अनुयायी को यीशु द्वारा नेता नियुक्त किया गया और बाद में वे पहले पोप या रोम के बिशप के रूप में पहचाने गए। इसके तुरंत बाद उन्हें पकड़ लिया गया और वे रोम में शहीद हो गये।

कैथोलिकों का मानना है कि संत पीटर को स्वर्ग के राज्य की चाबी दी गयी थी, जिसका अर्थ है कि यीशु ने उन्हें लोगों के पापों को क्षमा करने का प्रभारी बनाया था। कैथोलिकों का मानना है कि संत पीटर ने यीशु द्वारा दी गयी ईसाई धर्म-प्रचारकों से संबंधित शक्ति को पोप के लिए स्थानांतरित किया। वर्तमान समय में, कैथोलिक चर्च के नेता पोप फ्रांसिस (Francis) हैं। पोप शब्द लैटिन शब्द से आया है जिसका अर्थ होता है ‘पिता’। समय के साथ धर्मशास्त्र के अलग-अलग मतों के कारण कैथोलिक चर्च से कई समूह अलग हो गए। कैथोलिक विश्वासी, यूचरिस्ट (Eucharist) में ईसामसीह की वास्तविक उपस्थिति में विश्वास करते हैं। रोमन कैथोलिकों का मानना है कि प्रभु प्रायश्चित अनुष्ठान (sacrament of reconciliation) के माध्यम से पापों को क्षमा करते हैं तथा यह प्रक्रिया पादरी के माध्यम से होती है जबकि अधिकांश प्रोटेस्टेंट इस अनुष्ठान में विश्वास नहीं करते हैं। रोमन कैथोलिक, अधिकांश प्रोटेस्टेंट की भांति सोला स्क्रिप्टुरा (Sola Scriptura) पर विश्वास नहीं करते हैं। रोमन कैथोलिक मानते हैं कि पापल (Papal-पोप सम्बंधी) प्राधिकरण और बाइबल अचूक हैं, जबकि अधिकांश प्रोटेस्टेंट केवल अचूक बाइबल में विश्वास करते हैं पोप में नहीं।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में रामपुर का संत जोसफ चर्च दिखाया गया है। (Youtube)
2. दूसरे चित्र में संत जोसफ चर्च के द्वार शिला का चित्र है। (Youtube)

संदर्भ:
1. http://brmichaelindia.blogspot.com/2015/02/st-josephs-centre-rampur-1965-meerut.html
2. https://simple.wikipedia.org/wiki/Catholicism



RECENT POST

  • होबिनहियन संस्कृति: प्रागैतिहासिक शिकारी-संग्राहकों की अद्भुत जीवनी
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:30 AM


  • अद्वैत आश्रम: स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का आध्यात्मिक एवं प्रसार केंद्र
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:32 AM


  • जानें, ताज महल की अद्भुत वास्तुकला में क्यों दिखती है स्वर्ग की छवि
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:25 AM


  • सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध अमेठी ज़िले की करें यथार्थ सैर
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:34 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर जानें, केम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालयों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:33 AM


  • क्या आप जानते हैं, मायोटोनिक बकरियाँ और अन्य जानवर, कैसे करते हैं तनाव का सामना ?
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:20 AM


  • आधुनिक समय में भी प्रासंगिक हैं, गुरु नानक द्वारा दी गईं शिक्षाएं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:32 AM


  • भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक क्षेत्रों में से एक बन गया है स्वास्थ्य देखभाल उद्योग
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:22 AM


  • आइए जानें, लखनऊ के कारीगरों के लिए रीसाइकल्ड रेशम का महत्व
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:26 AM


  • वर्तमान उदाहरणों से समझें, प्रोटोप्लैनेटों के निर्माण और उनसे जुड़े सिद्धांतों के बारे में
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id