कोरोना वायरस (coronavirus) से उत्पन्न होने वाली बीमारी हाल ही में पूरी तरह से नई है और कोशिकाओं पर एक नए तरीके से हमला करती है। जैसा कि अधिकांश लोग जानते ही हैं कि प्रत्येक वायरस अलग होता है और इसलिए उनके इलाज के लिए भी अलग अलग दवाओं का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि नए कोरोना वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई दवा तैयार नहीं थी। वहीं किसी भी बीमारी के उपचार के लिए बनाई गई दवाई का अध्ययन करने के लिए सबसे पहले यह पता लगाया जाता है कि उस विषाणु द्वारा कोशिकाएं कैसे प्रभावित होती हैं। इस प्रक्रिया से दवाई की खोज करने में एक वर्ष या उससे भी अधिक समय लग सकता है।
लखनऊ में भारी संख्या में बड़ी और मध्यम स्तर की दवा कंपनियों (medium and large scale Pharma companies) की प्रयोगशालाएँ स्थित हैं। लेकिन नया कोरोना वायरस विश्व को इतना समय नहीं दे रहा है कि कोई नई दवाई की खोज की जाएं। साथ ही कोई भी नई दवा बनाने के बाद उसकी प्रभावशीलता पर शोध करने में भी काफी समय लगता है। वहीं फिलहाल जहां पूरे विश्व में लॉकडाउन (lockdown) की स्थिति और लाखों लोगों की मौत के खतरे की स्थिति बनी हुई है शोधकर्ताओं को जल्द ही एक प्रभावी दवा खोजने की आवश्यकता है। इन हालातों को देखते हुए शोधकर्ताओं द्वारा नई दवा बनाने की कोशिश करने के बजाय वर्तमान समय तक उपलब्ध दवाओं में से ही कोरोनावायरस से लड़ने के लिए प्रभावी दवा को खोजा जा रहा है।
शोधकर्ताओं द्वारा एक व्यापक आधारभूत आंकड़ों का उपयोग करके अनुमोदित दवाओं और प्रोटीन का मानव शरीर में मौजूद प्रोटीन से मेल खाने के लिए निरिक्षण किया। जिससे उन्हें अभी तक लगभग दस प्रत्याशी दवाएं मिली, उदाहरण के लिए, कैंसर के उपचार में उपयोग की जाने वाली JQ1 नामक दवा। शोधकर्ताओं का कहना है कि हालांकि यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता है कि यह दवा वायरस को कैसे प्रभावित करती है, लेकिन परीक्षण के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि क्या ये कुछ रोगियों के उपचार में लाभदायक साबित होंगी।
कोरोना वायरस जैसी महामारी के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा एक वर्ष के भीतर एक टीका तैयार किये जाने की उम्मीद है, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि ये टीका 100% प्रभावी नहीं होगा। इस टीके को लगाने के बाद 60-70% लोगों को सुरक्षा प्राप्त होगी, लेकिन बाकी को टीका लगने के बावजूद भी कोरोनावायरस संक्रमित कर सकता है। हालांकि अभी तक कोरोनावायरस के लिए एक प्रभावी टीका नहीं तैयार हुआ है, इसलिए यदि कोई कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, और आपकी स्थिति मंद है तो आपके घर पर ही पेरासिटामोल (paracetamol) और बहुत सारे तरल पदार्थ का सेवन करने के साथ बिस्तर पर आराम करते हुए इलाज किया जाएगा। लेकिन जिन लोगों में ये बीमारी अधिक गंभीर स्थिति में बदल जाती है उन्हें शीघ्र ही अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है।
संदर्भ :-
1. https://www.indiatoday.in/science/story/coronavirus-research-cure-may-lie-in-old-existing-drugs-1661668-2020-03-31
2. https://www.bbc.com/news/health-51665497
3. https://bit.ly/3e6OwpC
चित्र सन्दर्भ:
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