अच्छी संगत के साथ सफ़र कहाँ बीत जाता है पता ही नहीं चलता। प्रारंग का यह सफ़र भी कुछ ऐसा ही है जो अपने पाठकों के प्रोत्साहन के साथ चलता जा रहा है और दिन प्रतिदिन और भी मनोरंजक होता जा रहा है। हर दिन हमारे इस प्रारंग परिवार में कुछ नए सदस्य जुड़ते जा रहे हैं। तो आज हम कुछ समय निकालेंगे 2018 के अब तक के सफ़र की समीक्षा करने में।
आज की तारीख है 10 अगस्त 2018 तथा आज इस वर्ष का 222वां दिन है। इन 222 दिनों में प्रारंग अपने परिवार के रामपुरवासियों तक 219 लेख पहुंचा चुका है तथा यह लेख 220वां लेख होगा। यदि ध्यान दें तो लगभग हर दिन प्रारंग ने रामपुर को समर्पित एक लेख आप तक पहुँचाया है। प्रारंग के अनूठे वर्गीकरण में यदि इन लेखों को देखा जाए तो संस्कृति से जुड़े 167 लेख तथा प्रकृति से जुड़े 52 लेख अब तक इस वर्ष में प्रस्तुत किये गए हैं। और यदि संस्कृति और प्रकृति के भीतर वर्गीकरण की बात करें तो लेखों का वितरण कुछ इस प्रकार है:
प्रकृति:
• समयसीमा- 21
• मानव व उसकी इन्द्रियाँ- 83
• मानव व उसके आविष्कार- 63
संस्कृति:
• भूगोल- 16
• जीव-जंतु- 17
• वनस्पति- 19
इन लेखों को प्रारंग के रामपुर पोर्टल (http://rampur.prarang.in/), फेसबुक (https://www.facebook.com/prarang.in/), ट्विटर (https://twitter.com/prarang_in?lang=en) तथा प्रारंग की एंड्राइड मोबाइल एप्लीकेशन (https://play.google.com/store/apps/details?id=com.riversanskiriti.prarang&hl=en_IN) द्वारा आप तक पहुँचाया गया। इनमें से रामपुरवासियों की सबसे अधिक प्रतिक्रिया फेसबुक पर देखने को मिली।
यदि बात करें फेसबुक लाइक्स (Facebook Likes) की तो वर्ष 2018 में रामपुर के लेखों को करीब 6500 बार लाइक किया गया तथा उनपर कमेंट (Comment) के रूप में पाठकों द्वारा 85 बार टिप्पणी की गयी। आज प्रारंग के साथ फेसबुक पर करीब 43,000+ पाठक जुड़े हुए हैं जिनमें से 10,000+ पाठक रामपुर से हैं। साथ ही प्रारंग की एंड्राइड मोबाइल एप्लीकेशन के 1000 से भी अधिक डाउनलोड (Download) हो चुके हैं जिनमें से रामपुर से करीब 300 डाउनलोड हैं।
प्रारंग द्वारा प्रकाशित किये गए प्रस्तुत 5 लेख रामपुरवासियों में सबसे अधिक लोकप्रिय रहे। हर लेख के नाम पर क्लिक कर आप उसे पढ़ सकते हैं:
1. रामपुर में ज़रदोज़ी की चमक
2. रामपुर बना पूरे राज्य का प्रेरणास्रोत
3. रामपुर का भोजन बंगाल में मचा रहा धूम
4. रामपुर का पड़ोसी अमरोहा
5. कोठी ख़ास बाग़ में मौजूद है एक जापानी बाग़
साथ ही हम आप सभी से आग्रह करना चाहेंगे कि हर लेख पर कमेंट और लाइक के रूप में अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर ज़ाहिर करें। अंत में प्रारंग अपने सभी रामपुर के पाठकों को हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद कहना चाहेगा क्योंकि यह आप लोगों का निरंतर प्रोत्साहन ही है जो हमें हर दिन बेहतर से बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
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