हम सभी जानते हैं कि कुरान एक पवित्र ग्रन्थ है| लेकिन बहुत से लोग यह समझते हैं कि कुरान केवल उर्दू, फ़ारसी और अरबी में ही उपलब्ध है| लेकिन असल में कुरान कई अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध है जैसे - हिंदी, बंगला, तेलुगु आदि| रूढ़ीवादी इस्लाम के अनुसार कुरान का केवल एक संस्करण है| इसमें मुहम्मद और फ़रिश्ते गेब्रियल (जिब्राईल) के बीच हुई बातों का वर्णन है (ये बातें 23 साल तक हुई थी)| आज मानक अरबी कुरान 1924 के मिश्र संस्करण की है, मगर पहले और भी संस्करण हुआ करते थे| खलीफ़ा उथमान ने कुरान के सभी प्रकारों और संस्करणों को नष्ट करने का हुकुम दिया था और केवल एक संस्करण को छोड़ा था, वह संस्करण कुरैशी बोली का था; यह बोली मुहम्मद बोलते थे| कुरान के अलावा मुसलमान हदीथ भी पढ़ते है, हदीथ में मुहम्मद के द्वारा दिए गए सभी शिक्षण मौजूद हैं|
कुरान में पाठ को सुरह कहते हैं और यह आगे चलकर आयत में बंट जाते हैं| कुरान के पहले सुरह में 7 छंद हैं| अत-तौबा के अलावा हर सुरह की शुरुआत ‘बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम’ से होती है| कुरान में कुल 114 सुरह हैं, सबसे छोटे सुरह में केवल तीन आयात हैं और सबसे लम्बे सुरह में 286 छंद हैं| 114 सुरह में से 87 मक्का के हैं और 27 मदीना के| अब अध्यायों को जानने के बाद यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि कुरान के कुल कितने संस्करण हैं और उनका इतिहास क्या है- कुरान के उर्दू संस्करण का इतिहास -
डॉक्टर जमील जलीबी के मुताबिक पहली उर्दू कुरान 1829 में शाह अब्दुल कादिर के द्वारा अनुवाद की गई थी| उन्होंने बताया कि अब वह संस्करण बच नहीं पाया है| कुछ इतिहासकार यह दावा करते हैं कि कुरान का उर्दू संस्करण बहुत साल पहले भी था मगर कुछ कारण से उसे छापा नहीं गया या वह पाए नहीं गए| कादिर के अनुवाद के बाद कुरान के कुल 150 उर्दू अनुवाद मिले|
कुरान का बांग्ला में अनुवाद-
कुरान का बंगाली भाषा में अनुवाद गिरीश चन्द्र सेन द्वारा 1886 में हुआ था, लेकिन नए तथ्यों से यह पता चला है कि बांग्ला भाषा में अनुवाद करने की कोशिश इससे पहले भी हुई थी, मगर अधूरी होने के कारण उसे छापा नहीं गया था| चांदीपुर पश्चिमी बंगाल के अब्बास अली पहले व्यक्ति थे जिन्होंने कुरान का अनुवाद बांग्ला में पूर्ण रूप से किया था| बंगाली अनुवाद की धारणा के अनुसार ही यह भी कहा जाता है कि तांगैल के एक मौलाना मोहम्मद नोयमुद्दीन ने बांग्ला में कुरान के पहले 10 अध्यायों का अनुवाद किया था। इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि कुरान का बांग्ला में अनुवाद कई लोगों ने किया था।
कुरान का तमिल में अनुवाद-
फथहुर-रहमा फी तर्जिमती तफसीर अल-कुरान जिसे कि शेख मुस्तफा ने अनुवादित किया था, यह कुरान की पहली तमिल संस्करण थी|
1. https://www.quora.com/How-many-versions-of-Quran-are-there-in-this-world
2. https://epaper.dawn.com/DetailImage.php?StoryImage=02_01_2017_116_005
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Quran_translations
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