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डिजिटल तकनीकों के विकास ने पुरानी गाड़ियों के विक्रेताओं के वारे-न्यारे कर दिए हैं

लखनऊ

 05-11-2024 09:45 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
हाल के वर्षों में लखनऊ में पुरानी कारों का बाज़ार तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक भारत में पुरानी कारों की बिक्री का संगठित क्षेत्र, 30% से बढ़कर 50% हो जाएगा। पुरानी कारों की बिक्री में यह वृद्धि डिजिटल तकनीकों में वृद्धि , बाज़ार तक आसान पहुंच, खरीद और बिक्री की स्पष्ट प्रक्रियाओं, और पुरानी कार डीलर लाइसेंस (Used Car Dealer License) के लिए नए नियमों के कारण होगी। आज के इस लेख में, हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि कौन से कारण भारत में पुरानी कारों के व्यापार को और अधिक व्यवस्थित बना रहे हैं। साथ ही हम यह भी देखेंगे कि पुरानी कारों के उद्योग को डिजिटल तकनीकें , कौन-कौन से फ़ायदे पंहुचा रही हैं । इसके बाद, हम भारत में पुरानी कारों के बाज़ार की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। अंत में, हम उन चुनौतियों पर ध्यान देंगे, जिनका सामना इस उद्योग को करना पड़ रहा है! साथ ही साथ, हम यह भी देखेंगे कि डिजिटल तकनीकों की मदद से इन समस्याओं से कैसे निपटा जा सकता है।
आइए शुरुआत इस सवाल के साथ करते हैं कि भारत में पुरानी कारों के कारोबार की वृद्धि किन कारणों से हो रही है:
बाज़ार में संगठित डीलरों की बढ़ती संख्या:
पुरानी कारों के बाज़ार में हर साल, नए-नए डीलर इंट्री (Entry) ले रहे हैं। ये डीलर, ग्राहकों को कार खरीदने और बेचने में मदद करते हैं। वित्तीय वर्ष 2023 में, बाज़ार में संगठित डीलरों का लगभग 30% हिस्सा था।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स तक आसान पहुँच: आधुनिक ग्राहक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स (Digital Platforms) की मदद से ग्राहकों के लिए कारों की कीमतें, स्पेसिफ़िकेशन (Specifications) और तुलना करना आसान हो गया है। आज संगठित डीलरों (Organized Dealers) के अपनी ख़ुद की वेबसाइट और ऐप हैं, जो इस प्रक्रिया में उनकी मदद करते हैं।
पुरानी कारों की औसत आयु कम हो रही है: पुरानी कारों की औसत आयु घट रही है। वित्तीय वर्ष 2011 में यह लगभग छह साल थी, जबकि 2023 में यह चार साल रह गई है।
नई कारों की गुणवत्ता में सुधार: आज कई प्लेटफ़ॉर्म, कारों की गुणवत्ता की जांच करने में सक्षम हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म थर्ड-पार्टी निरीक्षण (Third-Party Inspection) या अपनी सेवाओं के माध्यम से प्रमाणित कारें प्रदान करते हैं।
गैर-महानगरीय क्षेत्रों में बदलती प्राथमिकताएँ: आज बड़ी संख्या में लोग मोटरबाइक के बजाय पुरानी कारें ख़रीदना पसंद कर रहे हैं। गैर-महानगरीय क्षेत्रों में पुरानी कारों की मांग 65% तक बढ़ गई है! पहले यह मांग 55% थी। यह बदलाव लोगों की बढ़ती आय और आसान वित्तपोषण के कारण आ रहा है।
सहायक नियम: भारत स्टेज उत्सर्जन मानक (बीएस-VI) और स्क्रैपेज नीति (Scrappage Policy) जैसे नए नियमों के कारण भी भारत में पुरानी कारों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, जी एस टी (GST) को 24% से घटाकर 12%-18% करने से बाज़ार में सुधार होगा!
पिछले दशक से हर उद्योग पर हावी हो रहे डिजिटलीकरण के कारण, यूज़्ड यानी पुरानी कारों के बाज़ार में भी कई बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं! इन बदलावों में शामिल है:
ग्राहकों के पास पर्याप्त जानकारी: आज कार खरीदने वाले ग्राहक कार को वास्तव में देखे हुए बिना भी उसके बारे में ऑनलाइन बहुत कुछ जान सकते हैं। वे डीलरशिप पर जाने से पहले अलग-अलग कारों की तुलना कर सकते हैं और अपने लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं।
प्रतिस्पर्धा में बने रहना: यूज़्ड कार डीलरों को नए कौशल और आधुनिक तकनीकों के बारे में सीखने की जरूरत है। आज सभी उद्योग ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। यूज्ड कार डीलरों के लिए भी प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है।
ग्राहकों के नए प्रकार: पहले के समय में यूज़्ड कार खरीदना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया हुआ करती थी। खरीदारों को कई विज्ञापनों और वेबसाइटों को देखना पड़ता था। उन्हें विक्रेताओं को कॉल करने, टेस्ट ड्राइव (Test Drive) पर जाने, कार की स्थिति पर बात करने, कीमतों पर बातचीत करने और कागज़ी कार्रवाई पूरी करने में कई हफ्ते लग जाते थे। लेकिन डिजिटलीकरण के बाद अब, यह प्रक्रिया बहुत आसान और तेज़ हो गई है।
यूज्ड कारों का उज्ज्वल भविष्य: नई तकनीक ने लोगों के कार खरीदने के तरीके और अनुभव दोनों को बदल दिया है। यह बदलाव एक चुनौती और अवसर दोनों हो सकता है। ज़्यादातर ग्राहक निर्णय लेने के लिए डिजिटल और मोबाइल टूल (Mobile Tools) का उपयोग कर रहे हैं। इन बदलावों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए स्मार्ट मार्केटर्स (Smart Marketers) नई तकनीक में निवेश कर रहे हैं।
भारत में यूज्ड कारों का बाज़ार भी बड़ी ही तेज़ी के साथ बढ़ रहा है! रेडसीर मैनेजमेंट कंसल्टिंग (RedSeer Management Consulting) द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में कार सेवा और मरम्मत सेवाएं प्रदान करने वाले उद्योगों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। साल 2030 इस बाज़ार के 25 बिलियन डॉलर तक पहुचने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल यह बाज़ार $8 बिलियन था।
यूज्ड कारों के बाज़ार में आज कई छोटे और असंगठित खिलाड़ी पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में इस क्षेत्र में कई स्टार्टअप ने भी प्रवेश किया है। ये नए स्टार्टअप और कंपनियाँ ग्राहकों के डोरस्टेप पिकअप (Doorstep Pickup) से लेकर उन्हें वारंटी भी प्रदान करती हैं। साथ ही कंपनियाँ ऑफलाइन भी स्थानीय वर्कशॉप (Workshops) को सस्ते स्पेयर पार्ट्स (Spare Parts) और बेहतर लॉजिस्टिक्स (Logistics) उपलब्ध कराने में मदद कर रही हैं।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के कारण कार मालिकों के लिए अपनी कारों का प्रबंधन करना आसान हो गया है। ये प्लेटफॉर्म कारों की खोज, खरीद, फाइनेंसिंग और बीमा (Insurance) खरीदने में भी उनकी मदद करते हैं, जिससे ग्राहकों को एक सरल अनुभव मिलता है। हालांकि, ऑनलाइन यूज्ड कार बाज़ार में पहले से ही कड़ी प्रतिस्पर्धा भी है। कारदेखो (CarDekho), कार्स24 (Cars24), ड्रूम (Droom), स्पिनी (Spinny) और कारट्रेड (CarTrade) जैसी नामी कंपनियाँ इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। ड्रूम ने हाल ही में अपने आईपीओ से पहले $200 मिलियन की फंडिंग जुटाई है, और स्पिनी को जुलाई में $108 मिलियन मिले हैं। पिछले हफ्ते, कारट्रेड का आईपीओ भी बहुत सफ़ल रहा, जिसे 20.3 गुना सब्सक्राइब (Subscribed) किया गया। रेडसीर की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के दौरान भी निजी वाहनों की बिक्री बढ़ी है। कई लोगों ने बीमार होने के डर से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप, लॉकडाउन के बाद, अप्रैल से जून 2021 में ऑटो बिक्री में 140% की वृद्धि हुई।
हालांकि इस सराहनीय प्रगति के बावजूद भारत में यूज़्ड कार उद्योग कई समस्याओं का भी सामना कर रहा है। इनमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि भले ही बाज़ार में आज अनगिनत डीलर प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन संगठित डीलरशिप (Organized Dealerships) की कमी अभी भी है। इस बाज़ार में लगभग, 30,000 डीलर सक्रिय हैं, जिससे यह बहुत बिखरा हुआ प्रतीत होता है। इनमें से लगभग 45% डीलर, कमीशन एजेंट या ब्रोकर हैं! कई के पास तो अपना कोई स्थायी स्थान भी नहीं है। हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद, तकनीक इस स्थिति को सुधारने में मदद कर रही है। प्रमुख कंपनियाँ, इन समस्याओं को हल करने के लिए डिजिटल टूलों (Digital Tools) का उपयोग कर रही हैं। कई नई कार डीलरशिप, अब ऑनलाइन आ रही हैं, जिससे उन्हें लक्षित ग्राहक तक पहुचने में मदद मिल रही है। लगभग 30,000 यूज़्ड कार डीलरशिपों में से, 4,000 डीलरशिप लगातार ऑनलाइन ऑटो पोर्टलों में निवेश कर रही हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2bb6qkjn
https://tinyurl.com/25lo4v9m
https://tinyurl.com/2d2axa89
https://tinyurl.com/23lryl74

चित्र संदर्भ
1. बिक्री हेतु खड़ी कारों को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr, Pexels)
2. गाड़ियों के विशाल संग्रह को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. कतार में खड़ी गाड़ियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. ऑनलाइन सर्च को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. कार मैकेनिक को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)


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