दीपावली का पर्व हमारे बहुत नज़दीक है| इस त्योहार ने एक बार फिर, हमारा ध्यान, प्रकाश और लाइटों की ओर खींचा है। अपने घरों को सुंदर तथा आकर्षक रूप देने के लिए, इस दिन हम विभिन्न प्रकार की लाइटों का उपयोग करते हैं। हालांकि, घरों या अन्य स्थानों को लाइटों से सजाने की परंपरा अब केवल दीपावली तक ही सीमित नहीं है। अन्य मौकों को भी आकर्षक बनाने और सुंदर रूप देने के लिए, लोग विभिन्न प्रकार की लाइटों का उपयोग कर रहे हैं। इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण लाइट एंड साउंड शो (Light and sound shows) है, जो पूरी दुनिया में बहुत पसंद किया जाता है। पूरी दुनिया के लोग, इन कार्यक्रमों की ओर आकर्षित होते हैं, क्योंकि ये कार्यक्रम, आश्चर्य और रोमांच से भरपूर हैं। लाइट एंड साउंड शो, रात के समय होने वाले कार्यक्रमों को बढ़ावा देते हैं, क्यों कि ये अंधेरों के सन्नाटे और अंधकार को तोड़ने के लिए पर्याप्त हैं। साउंड एंड लाइट शो, मनोरंजन का एक रूप है, जिसे रात के समय, आमतौर पर, ऐतिहासिक महत्व के किसी बाहरी स्थान पर आयोजित किया जाता है। किसी इमारत या खंडहर के अग्रभाग पर विशेष प्रकाश प्रभाव डाला जाता है और उस स्थान के इतिहास को नाटकीय रूप देने के लिए रिकॉर्ड किए गए या लाइव कथन और संगीत के साथ सिंक्रोनाइज़्ड (synchronized ) किया जाता है। इस अवधारणा के आविष्कार का श्रेय, पॉल रॉबर्ट-हूडिन (Paul Robert-Houdin) को दिया जाता है, जो फ़्रांस(France) में शैटॉ डे चम्बोर्ड (Château de Chambord) के संग्रहाध्यक्ष थे। 1952 में, शैटॉ डे चम्बोर्ड ने दुनिया का पहला साउंड एंड लाइट शो आयोजित किया गया था। एक अन्य साउंड एंड लाइट शो, 1960 के दशक के प्रारंभ में, मिस्र में, गीज़ा के महान पिरामिड (Great Pyramid of Giza) स्थल पर स्थापित किया गया था। लाइट एंड साउंड शो, हमें पर्यटन का एक अलग रूप दिखाते हैं तथा शहर की नाइट लाइफ़ को और भी बढ़ा देते हैं। तो आज, आइए, भारत के कुछ प्रसिद्ध लाइट एंड साउंड शो के चलचित्र देखें। हम जोधपुर में उम्मेद भवन पैलेस, नई दिल्ली में लाल किला, और हैदराबाद में गोलकोंडा किले में होने वाले नाइट शो पर भी एक नज़र डालेंगे।
संदर्भ:
https://tinyurl.com/4k7fkyn6
https://rb.gy/sqd2xc
https://rb.gy/m8ebmf
https://rb.gy/7h3fiv